CGPSC-2015 में 9th रैंक
मेरी सफलता में सौरभ सर व दिल्ली आई.ए.एस. संस्थान का अतुलनीय योगदान रहा। इनके अलावा, माता-पिता का भरपूर सपोर्ट, छोटी बहन वर्षा गुप्ता व भाई राजकमल, दोस्तों में शशि प्रजापति एवं रिचा सिंह परिहार का जीवन के हर कठोर क्षण पर निःस्वार्थ साथ ने मुझे अपनी सफलता के और करीब ला दिया।
और देखें5वीं रैंक
पाठ्यक्रम की मूलभूत समझ और उसका ज्ञान हो जाने के बाद उत्तर लेख नही वह सबसे प्रमुख कारक है जिससे आपकी सफलता सुनिश्चित होती है। इसके लिये मैंने गौरव अग्रवाल और इरा सिंघल के सुझावों का अनुकरण किया।
और देखेंCGPSC-2015 में 8th रैंक
मासिक दृष्टि मैगज़ीन को मैं हमेशा फॉलो करता था, इसके कंटेंट मुझे बेहद पंसद आते हैं। कहीं-न-कहीं मेरी सफलता में इस मैगज़ीन का अहम योगदान है। मैं उम्मीदवारों से यही कहना चाहता हूँ कि यदि आप अच्छे कंटेंट ढूंढ रहे हैं तो ‘दृष्टि करेंट अफेयर्स टुडे’ उसमें खरी उतरती है।
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इस कॉलम के अंतर्गत हम अपने अनुभवी लेखकों द्वारा तैयार की गई रणनीतियाँ लगातार शामिल करते रहे हैं। ये रणनीतियाँ अक्सर विद्यार्थियों के तनाव को कम करने एवं सटीक मार्गदर्शन के लिये रामबाण की तरह काम करती हैं। दृष्टि टीम इसमें नए-नए प्रयोग एवं स्मार्ट स्टडी की नई तरकीबें शामिल करने का प्रयास करती रहती है। अपने इसी नवोन्मेषी प्रयास के तहत टीम दृष्टि ने इस बार सुश्री टीना डाबी से प्रारंभिक परीक्षा की रणनीति पर बातचीत की है। टीना जी किसी परिचय की मोहताज़ नहीं हैं। इन्होंने अपने प्रथम प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इनकी यह सफ़लता सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिये एक नज़ीर है। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
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