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टू द पॉइंट

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

ट्रांस फैट

  • 05 Aug 2019
  • 6 min read

ट्रांस फैट क्या है?

  • तरल वनस्पति तेलों को अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने तथा खाद्य भंडारण एवं उपयोग अवधि (Shelf Life) में वृद्धि करने के लिये इन तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है, इस प्रकार संतृप्त वसा या ट्रांस फैट का निर्माण होता है।
  • ट्रांस फैट बड़े पैमाने पर वनस्पति, नकली या कृत्रिम मक्खन (Margarine), विभिन्न बेकरी उत्पादों में मौजूद होते हैं तथा ये तले हुए या पके हुए खाद्य पदार्थों में भी पाए जा सकते हैं।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • ट्रांस फैट के प्रयोग से मोटापा बढ़ता है तथा टाइप 2 मधुमेह के लिये मार्ग प्रशस्त होता है।
  • हार्ट अटैक की संभावनाएँ भी बढ़ जाती हैं।

ट्रांस फैट के उन्मूलन हेतु भारत के प्रयास

  • भारत ने वसा को 2% तक सीमित करने के लिये दिसंबर 2018 में मसौदा नियमों को जारी किया।
  • FSSAI वर्ष 2022 तक चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट एसिड को 2% से कम करने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • केरल सरकार ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) तथा WHO के साथ मिलकर ट्रांस फैट से मुक्ति हेतु राइट (Right Campaign) नामक कार्यक्रम की शुरुआत की।
  • FSSAI ने औद्योगिक रूप से उत्पन्न ट्रांसफैट (Trans Fats) के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये मीडिया अभियान ‘हार्ट अटैक रिवाइंड’ (Heart Attack Rewind) की भी शुरुआत की है।

ट्रांस फैट के उन्मूलन के लिये WHO की योजना

  • मई 2018 में WHO ने वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये एक व्यापक योजना REPLACE की शुरुआत की थी।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय पैमानों के अनुसार, Total Energy Intake में ट्रांस फैट्स की मात्रा 1 फीसदी से भी कम होनी चाहिये।

REPLACE अभियान

  • WHO द्वारा खाद्य आपूर्ति से ट्रांस फैट की मात्रा वर्ष 2023 तक कम करने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर Replace नामक अभियान की शुरुआत की गयी ,इसमें भारत समेत कई अन्य देश भी भागीदार हैं।
  • REPLACE खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के त्वरित, पूर्ण और दीर्घकालीन उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिये छह रणनीतिक कार्रवाइयों का प्रावधान करता है:
  1. RE- (Review): औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के आहार स्रोतों और आवश्यक नीति परिवर्तन हेतु परिदृश्य की समीक्षा।
  2. P- (Promote): स्वस्थ वसा और तेलों के माध्यम से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना।
  3. L- (Legislate): औद्योगिक तौर पर उत्पादित ट्रांसफैट को खत्म करने के लिये कानून या विनियामक कार्यवाही को लागू करना।
  4. A- (Assess): खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट सामग्री तथा लोगों द्वारा ट्रांस फैट के उपभोग का आकलन और निगरानी करना।
  5. C- (Create): नीति निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्त्ताओं और जनता के बीच ट्रांस फैट के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना।
  6. E- (Enforce): नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू करना।

वर्तमान संदर्भ

हाल ही में WHO की ट्रांस फैट उन्मूलन पर जारी पहली वार्षिक वैश्विक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ सहित अन्य 24 देशों ने ट्रांस फैट नियमों को अपनाया है जिन्हें अगले दो वर्षों में लागू किया जाएगा।

वैश्विक परिदृश्य में बात करें तो

  • विश्व के छह देशों ने ट्रांस फैट के औद्योगिक उत्पादन को वर्ष 2018 से प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन अभी भी लगभग 110 से अधिक देशों में इस हानिकारक यौगिक के खिलाफ कोई नियम नहीं है।
  • हाल ही में वसा के उन्मूलन के लिये थाईलैंड,यूरोपियन संघ ने सर्वोत्तम अभ्यास नियम लागू किये तथा तुर्की ने इस हेतु मसौदा जारी किया ।
  • ट्रांस फैट के खिलाफ अधिकांश नीतिगत कार्रवाई उच्च आय वाले देशों में हुई है,जबकि निम्न तथा मध्यम आय वाले देशों में प्रयास नगण्य हैं।
  • हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और पेय पदार्थ गठबंधन की खाद्य कंपनियों ने भी वर्ष 2023 तक अपने सभी उत्पादों से औद्योगिक ट्रांस फैट को खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है।
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