मेगा फूड पार्क (Mega food Park) | 28 Feb 2020
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) द्वारा वर्ष 2008 में मेगा फूड पार्क योजना की शुरुआत की गई। सरकार द्वारा इस योजना के तहत पूरे देश में 42 मेगा फूड पार्क स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मेगा फूड पार्क के बारे में:
- मेगा फूड पार्क का विकास ‘क्लस्टर’ आधारित दृष्टिकोण पर किया जाता है।
- एक मेगा फूड पार्क में कलेक्शन सेंटर (Collection Center-CC), प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर (Primary Processing Center-PPC) और केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (Central Processing Centre-CPC) शामिल होते हैं।
- प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर का कार्य उत्पादकों एवं प्रसंस्करणकर्त्ताओं के बीच संपर्क स्थापित करना होता है ताकि केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र को कच्चे माल की आपूर्ति निर्बाध रूप से होती रहे।
- मेगा फूड पार्क में कलेक्शन सेंटर, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र तथा प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर, कोल्ड चैन के अलावा उद्यमियों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना के लिये 25 - 30 पूर्ण विकसित भूखंडों समेत आपूर्ति श्रंखला अवसंरचना शामिल होती है।
- फूड पार्क स्थापित करने हेतु सरकार द्वारा अधिकतम 50 करोड़ रूपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाती है। पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों के साथ-साथ उत्तर-पूर्वी राज्यों में (भूमि लागत को छोड़कर) कुल लागत राशि का 75 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
- किसी भी फूड पार्क की स्थापना के लिये 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है जो अलग-थलग न होकर एक ही स्थान पर उपलब्ध हो।
- मेगा फूड पार्क परियोजना का कार्यान्वयन एक विशेष प्रयोजन उपाय (Special Purpose Vehicle) द्वारा किया जाता है।
मेगा फूड पार्क के उद्देश्य
- फूड पार्क का उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्त्ताओं/प्रोसिसिंग इंडस्ट्री तथा खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाना है ताकि कृषि उत्पादों को एक तंत्र के माध्यम से जोड़ा जा सके।
- मेगा फूड पार्कों के तहत मुख्यतः कृषि उत्पादों की कीमतों में वृद्धि करने, खाद्य पदार्थों की बर्बादी रोकने, किसानों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर उपलब्ध करने पर ज़ोर दिया जाता है।
- इन फूड पार्कों का उद्देश्य खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण को 6 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाना है तथा खाद्य पदार्थ उद्योग में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 1.5 से 3 प्रतिशत तक करना है।
मेगा फ़ूड पार्क के समक्ष चुनौतियाँ/मुद्दे:
हलाँकि मेगा फ़ूड पार्क परियोजना का उद्देश्य किसानों, खुदरा विक्रताओं और प्रोसेसर के माध्यम से कृषि उपज को बाज़ार से जोड़ना है, बावजूद इसके कुछ मुद्दे/चुनौतियाँ विद्यमान हैं, जो वांछित परिणाम प्राप्ति में बाधक बने हुये हैं। अत:इस चुनौतियों का समाधान किया जाना आवश्यक है, इन चुनौतियों में शामिल हैं-
- किसी भी मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिये एक ही जगह पर 50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। छोटे एवं पहाड़ी राज्यों में 50 एकड़ भूमि एक ही स्थान पर प्राप्त करना कठिन होता है, अत: भूमि अधिग्रहण एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।
- देश में अधिकतर क्षेत्रों में कृषि व्यवसाय सहकारी समितियों के माध्यम से होता है, अत: फूड पार्कों के साथ उनका एकीकरण करना महत्त्वपूर्ण है।
- मेगा फूड पार्क योजना के तहत स्थापित फूड पार्क वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने में सफल नहीं रहे हैं, क्योंकि कुछ वैश्विक कंपनियाँ विकाशील देशों की उन योजनाओं में निवेश नहीं करती हैं, जिन योजनाओं की लागत राशि में अनुदान राशि भी शामिल होती है।
आगे की राह:
मेगा फूड पार्क की अवधारणा समावेशी विकास पर आधारित है जिसका उद्देश्य खेत से उपभोक्ता तक और उपभोक्ता से बाज़ार तक सीधा संपर्क स्थापित करना होता है। हालाँकि अभी भी इसके क्रियान्वयन में कुछ बाधाएँ है,अत: ज़रूरी है कि फूड पार्कों की स्थापना हेतु निर्धारित मानकों में कुछ छूट प्रदान की जाए जैसे, 50 एकड़ ज़मीन की सीमा को कम करके 20 एकड़ किया जाए ताकि भूमि अधिग्रहण की समस्या का सामना न करना पड़े।
इसके अलावा प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया जाना आवश्यक है ताकि कृषि क्षेत्र में भी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित किया जा सके। क्योंकि मेगा फूड पार्क अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र को गति प्रदान करने में सहायक हैं।