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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

किटोजेनिक डाइट

  • 26 Oct 2020
  • 7 min read

परिचय

किटोजेनिक या किटो डाइट विश्व में वजन घटाने वाले आहार के रूप में अत्यंत लोकप्रिय है।

किटोजेनिक डाइट

  • इस डाइट प्लान को कीटोजेनिक डाइट, लो कार्ब डाइट, वसा डाइट जैसे नामों से भी जाना जाता है।
  • इसमें उच्च वसा, सामान्य-प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार शामिल हैं।
  • यह किटोसिस को प्राप्त कर वजन घटाने में मदद करता है। किटोसिस एक चयापचय स्थिति (Metabolic State) होती है जहाँ लीवर शरीर में उपस्थित वसा को जलाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
  • सामान्यतः जब ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन किया जाता है, तो शरीर ग्लूकोज़ और इंसुलिन का उत्पादन करता है। शरीर ग्लूकोज़ को प्राथमिक ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है इसलिये खाने में मौजूद वसा को संग्रहीत कर लेता है, वहीं दूसरी ओर कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके वसा से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहा जाता है।

कीटो डाइट का निर्माण

  • एक उत्कृष्ट कीटो डाइट के लिये आवश्यक है कि किसी व्यक्ति को आवश्यक कैलोरी  का 90 प्रतिशत वसा से, छह प्रतिशत प्रोटीन से और चार प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त हो। 
  • कीटो डाइट विशेष रूप से मिर्गी से पीड़ित बच्चों को पड़ने वाले दौरों पर नियंत्रण पाने के लिये डिज़ाइन किया गया था। आमतौर पर लोकप्रिय किटोजेनिक आहार के रूप में औसतन 70-80 प्रतिशत वसा, 5-10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और 10-20 प्रतिशत प्रोटीन का सुझाव दिया जाता है।
  • किटोजेनिक आहार के कई संस्करण मौजूद हैं, लेकिन सभी कार्बन युक्त खाद्य पदार्थों पर रोक लगाते हैं। शुरुआत में किटो आहार का पालन करना आसान लग सकता है क्योंकि कैलोरी की गणना करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है और नियम भी बहुत सरल होते हैं। लेकिन अंततः इनका पालन करना बहुत मुश्किल हो जाता है। 

कीटो डाइट में शामिल खाद्य पदार्थ 

  •  अंडे, चिकन, वसायुक्त मछली जैसे सालमन और मैकेरल, पूर्ण वसा वाले डेयरी, नट्स और बीज जैसे- मैकडामिया नट्स, बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज, मूँगफली और फ्लैक्ससीड्स आदि कीटो डाइट में शामिल हैं।
  • मूँगफली, बादाम और काजू ,अखरोट के साथ ही नारियल तेल, जैतून का तेल, एवोकैडो तेल तथा तिल का तेल जैसी स्वस्थ वसा भी इसमें शामिल होती है।  ब्रोकोली, टमाटर, मशरूम तथा मिर्च जैसी गैर-स्टार्च सब्जियाँ भी इसमें शामिल हैं। 

कीटो शरीर को कैसे प्रभावित करता है?

  • यदि शरीर में बिना कार्बोहाइड्रेट की आपूर्ति किये इसे भूखा रखा जाता है तो इसके कारण लीवर ऊर्जा के लिये उपलब्ध ग्लूकोज़ को जलाने के बाद वसा को तोड़ना शुरू कर देता है और उससे ऊर्जा प्राप्त करता है। उपवास के दौरान किटोसिस की प्रक्रिया आम होती है, लेकिन कीटो आहार के अंतर्गत जब शरीर में बिना कार्ब्स के बहुत सारी वसा की आपूर्ति की जाती है तो यह आहार हल्का विषाक्त हो सकता है। 
  • इससे शरीर में कई पोषक तत्वों जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन (विशेष रूप से विटामिन A,D,E और K) और कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम जैसे खनिजों की कमी भी हो सकती है। ये आवश्यक भोजन समूह हैं और आहार में इनकी अनुपस्थिति कई  रोगों का कारण हो सकती है। 
  •  कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार पर प्रतिबंध लगाने से भूख, थकान, चिड़चिड़ापन, कब्ज़, सिरदर्द आदि जैसी शिकायतें हो सकती हैं। 

किडनी पर प्रभाव 

  • प्रोटीन में हुई सामान्य वृद्धि की भी सावधानीपूर्वक निगरानी करने की आवश्यकता होती है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित हैं। यह वृद्धि किडनी के खराब होने का कारण बन सकती है। किटो डाइट लेने वाले व्यक्ति का पूरी तरह से मूल्यांकन किया जाना चाहिये और यह सुनिश्चित करना चाहिये कि व्यक्ति की किडनी सामान्य रूप से कार्य कर रही है, इसके बाद ही इस आहार का चुनाव किया जाना चाहिये। 
  • इस आहार से किडनी पर तनाव बढ़ सकता है और पथरी भी हो सकती है। किटो आहार के दौरान अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो यह संभव है कि वह किडनी की  बीमारी से ग्रसित था। 

किटो न्यून कार्ब आहार से कैसे अलग है?

  • वजन घटाने वाले अधिकांश आधुनिक आहार शरीर में कार्बोहाइड्रेट की करने पर आधारित होते हैं, लेकिन अंतर यह है कि उनमें से कुछ केवल परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट में कमी करते हैं और प्रोटीन की मात्रा उच्च बनाए रखते हैं। हालाँकि किटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा 10 फीसदी से नीचे होती है जो व्यक्ति को फल और सब्जियाँ  खाने से हतोत्साहित करती है। 
  • न्यून कार्ब आहार का पालन करते समय कार्ब्स को कम करने के लिये प्रोटीन,  वसा और सब्जियों का सेवन बढ़ाना आम है। इसमें कार्ब्स को प्रतिबंधित कर व्यक्ति के आहार से उच्च कैलोरी के कई खाद्य पदार्थों को खत्म किया जाता है। ये सभी कारक व्यक्ति के समग्र कैलोरी सेवन को कम करने और वज़न घटाने के लिये एक साथ काम कर सकते हैं।
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