कृत्रिम बुद्धिमत्ता | 26 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), वीक AI, स्ट्रॉन्ग AI, AI, ML और DL के बीच अंतर, DL के प्रकार। मेन्स के लिये:प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई प्रौद्योगिकी का विकास, विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता, AI के लाभ, AI के नुकसान, विभिन्न क्षेत्रों में AI के अनुप्रयोग। |
वर्ष 2022 में जनरेटिव प्री-ट्रेनिंग ट्रांसफॉर्मर (GPT) एप्लीकेशन की लोकप्रियता के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को मुख्यधारा में लाया गया। इसमें सबसे लोकप्रिय एप्लीकेशन OpenAI का ChatGPT है। ChatGPT के प्रति व्यापक रुचि और आकर्षण के कारण उपभोक्ताओं के बीच AI प्रौद्योगिकी के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में इसको प्राथमिकता मिली है। हालाँकि यह वर्तमान में AI तकनीक के उपयोग के तरीकों के केवल एक छोटे से भाग का प्रतिनिधित्व करता है।
AI क्या है?
- परिचय:
- AI का आशय कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट के ऐसे कार्य करने की क्षमता से है जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं क्योंकि ऐसे कार्यों के निष्पादन हेतु मानव बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है।
- हालाँकि अभी ऐसी कोई AI प्रणाली नहीं है जो एक सामान्य मानव द्वारा किये जा सकने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सके, हालाँकि कुछ AI मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले कुछ विशिष्ट कार्यों को करने में सक्षम हो सकते हैं।
- AI का आशय कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट के ऐसे कार्य करने की क्षमता से है जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं क्योंकि ऐसे कार्यों के निष्पादन हेतु मानव बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है।
- विशेषताएँ और घटक:
- डीप लर्निंग (DL) तकनीक बड़ी मात्रा में असंरचित डेटा जैसे- टेक्स्ट, चित्र या वीडियो के माध्यम से ऑटोमेटिक लर्निंग को सक्षम बनाती है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी युक्तिसंगत कार्रवाई करने की क्षमता है जिसमें एक विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया जाता है। मशीन लर्निंग (ML), AI का ही एक प्रकार है।
- डीप लर्निंग (DL) तकनीक बड़ी मात्रा में असंरचित डेटा जैसे- टेक्स्ट, चित्र या वीडियो के माध्यम से ऑटोमेटिक लर्निंग को सक्षम बनाती है।
वैश्विक स्तर पर AI का विनियमन:
- भारत:
- नीति आयोग ने AI के लिये राष्ट्रीय रणनीति और रिस्पॉन्सिबल AI फॉर ऑल रिपोर्ट जैसे मुद्दों पर कुछ मार्गदर्शक दस्तावेज़ जारी किये हैं।
- भारत सामाजिक और आर्थिक समावेशन, नवाचार और भरोसे को प्रोत्साहित करता है।
- ब्रिटेन:
- ब्रिटेन ने AI के लिये मौजूदा नियमों को लागू करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में नियामकों से जानकारी एकत्रित करने के लिये सरल दृष्टिकोण को अपनाया है।
- कंपनियों द्वारा पालन किये जाने वाले पाँच सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए एक श्वेतपत्र प्रकाशित किया गया जिसमें सुरक्षा और मज़बूती; पारदर्शिता एवं व्याख्यात्मकता; निष्पक्षता; जवाबदेही तथा शासन; प्रतिस्पर्द्धात्मकता एवं निवारण की व्याख्या की गई है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका:
- अमेरिका ने AI बिल ऑफ राइट्स (AIBoR) हेतु एक ब्लूप्रिंट जारी किया, जिसमें आर्थिक एवं नागरिक अधिकारों के लिये AI के नकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया गया है तथा इन प्रभावों को कम करने हेतु पाँच सिद्धांत दिये गए हैं।
- यह ब्लूप्रिंट स्वास्थ्य, श्रम और शिक्षा जैसे कुछ क्षेत्रों हेतु नीतिगत हस्तक्षेप के साथ यूरोपीय संघ की तरह क्षैतिज रणनीति के बजाय AI शासन के लिये क्षेत्र विशेष का समर्थन करता है, जिससे क्षेत्रीय संघीय एजेंसियों को अपनी योजनाओं को तैयार करने की अनुमति मिलती है।
- चीन:
- वर्ष 2022 में चीन ने विशिष्ट प्रकार के एल्गोरिदम और AI को लक्षित करने वाले विश्व के कुछ पहले राष्ट्रीय बाध्यकारी नियम बनाए हैं।
- इसने अनुशंसा एल्गोरिदम को विनियमित करने हेतु कानून बनाया, जिसमें इस बात पर ध्यान दिया गया कि वे सूचना का प्रसार कैसे करते हैं।
AI, ML और DL के बीच अंतर:
- 1950 के दशक में प्रतिपादित AI शब्द का आशय मशीनों द्वारा मानव बुद्धि का अनुकरण करना है। AI, ML और DL सामान्य शब्द हैं तथा कभी-कभी ये एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किये जाते हैं लेकिन इनमें अंतर है।
- ML एल्गोरिदम द्वारा डेटा का विश्लेषण करने एवं पैटर्न की पहचान करने के साथ खोजे गए पैटर्न के आधार पर भविष्यवाणी की जा सकती है।
- ML, AI का एक प्रकार है जिसमें एल्गोरिदम का विकास शामिल है जिससे कंप्यूटर बिना किसी विशेष प्रोग्राम के सीखने के क्रम में डेटा का अनुकरण करता है।
- DL, ML का एक उपसमूह है जिसमें मानव मस्तिष्क के सीखने के तरीके के समान डेटा से सीखने के लिये कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग होता है।
- ML एल्गोरिदम द्वारा डेटा का विश्लेषण करने एवं पैटर्न की पहचान करने के साथ खोजे गए पैटर्न के आधार पर भविष्यवाणी की जा सकती है।
AI की विभिन्न क्षेत्र:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता को दो अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- वीक AI/नैरो AI: यह AI का एक ऐसा प्रकार है जिसका अनुप्रयोग किसी विशिष्ट या सीमित क्षेत्र तक होता है। इसमें मानव अनुभूति का अनुकरण होता है।
- इसमें समय लेने वाले कार्यों को स्वचालित तरीके से करने और डेटा का इस तरह से विश्लेषण करके समाज को लाभान्वित करने की क्षमता है जो कभी-कभी मनुष्य भी नहीं कर सकते हैं।
- उदाहरण के लिये वीडियो गेम जैसे कि शतरंज और व्यक्तिगत असिस्टेंट जैसे अमेज़न का एलेक्सा और एप्पल का सिरी।
- स्ट्रॉन्ग AI: ये ऐसी प्रणालियाँ हैं जिनके द्वारा मानव-समान कार्यों को किया जाता है। ये अधिक जटिल प्रणालियाँ हैं।
- इन्हें उन स्थितियों को संभालने के लिये प्रोग्राम किया जाता है जिनमें किसी व्यक्ति के हस्तक्षेप के बिना समस्या-समाधान की आवश्यकता होती है।
- इसके अनुप्रयोग को सेल्फ-ड्राइविंग कारों में देखा जा सकता है।
- वीक AI/नैरो AI: यह AI का एक ऐसा प्रकार है जिसका अनुप्रयोग किसी विशिष्ट या सीमित क्षेत्र तक होता है। इसमें मानव अनुभूति का अनुकरण होता है।
विभिन्न प्रकार के AI:
- रिएक्टिव AI: इसमें इनपुट के आधार पर आउटपुट को बेहतर करने के लिये एल्गोरिदम का उपयोग होता है। शतरंज खेलने वाली AI प्रणाली इसका उदाहरण है जिसमें गेम जीतने के लिये सर्वोत्तम रणनीति अपनाई जाती है।
- रिएक्टिव AI काफी स्थिर होने के कारण, समान इनपुट होने पर इससे समान आउटपुट प्राप्त होगा।
- सीमित मेमोरी AI: यह प्रणाली पिछले अनुभवों के अनुकूल होने के साथ ही नवीन डेटा के आधार पर खुद को अपडेट कर सकती है। इसमें अक्सर अद्यतन की मात्रा सीमित होने के साथ मेमोरी की लेंथ अपेक्षाकृत कम होती है।
- उदाहरण के लिये स्वचालित वाहन पिछले अनुभव के साथ सड़क की स्थिति पर संचालित होते हैं।
- थ्योरी-ऑफ-माइंड AI: इसमें पिछले अनुभवों से सीखने और उन्हें बनाए रखने की व्यापक क्षमता होती है। इस प्रकार के AI में उन्नत चैट-बॉट शामिल हैं जो ट्यूरिंग टेस्ट पास करने के साथ AI को एक इंसान के समान प्रस्तुत कर संशय में डाल सकते हैं।
- ट्यूरिंग टेस्ट AI प्रणाली की जाँच का एक ऐसा तरीका है जिससे यह निर्धारित होता है कि कंप्यूटर इंसान की तरह सोचने में सक्षम है या नहीं।
- सेल्फ-अवेयर AI: जैसा कि नाम से पता चलता है यह अपने स्वयं के अस्तित्व के प्रति संवेदनशील और जागरूक होता है। हालाँकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AI कभी भी चेतन या जीवित अवस्था में नहीं होगा।
ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस और AI के बीच अंतर:
- लक्ष्य में अंतर: कृत्रिम बुद्धिमत्ता ऐसी मशीनें बनाने पर केंद्रित है जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना स्वायत्त रूप से कार्य कर सकती हैं। दूसरी ओर, ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस का आशय मानव बुद्धि के अनुप्रयोग से प्रौद्योगिकी की दक्षता को बढ़ाना है।
- ऑगमेंटेड इंटेलिजेंस प्रणाली को मनुष्यों के हस्तक्षेप से कार्य करने की क्षमता में सुधार करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के अनुप्रयोग:
- स्वास्थ्य देखभाल: इसका उद्देश्य उपचार की सटीकता को बढ़ाना, व्यक्तिगत उपचार को सक्षम बनाना, रोगी के परिणामों में सुधार करना, स्वास्थ्य देखभाल को सुव्यवस्थित करना तथा चिकित्सा अनुसंधान एवं नवाचार में तेज़ी लाना है।
- हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने "जैव चिकित्सा अनुसंधान और स्वास्थ्य देखभाल में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में नैतिक आचरण सुनिश्चित करने हेतु दिशा-निर्देश" जारी किये, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में नैतिक आचरण सुनिश्चित करने हेतु 10 प्रमुख रोगी-केंद्रित नैतिक सिद्धांतों की रूपरेखा तैयार करता है।
- व्यापार: व्यापार क्षेत्र में AI संचालन को अनुकूलित करने, निर्णय लेने , दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करने, ग्राहक सेवा में सुधार करने, व्यक्तिगत विपणन को सक्षम बनाने, अंतर्दृष्टि के लिये बिग डेटा का विश्लेषण करने तथा धोखाधड़ी और साइबर सुरक्षा खतरों का पता लगाने, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को कारगर बनाने, नवाचार एवं प्रतिस्पर्द्धा में मदद करता है।
- शिक्षा: AI विभिन्न क्षेत्रों में लर्निंग या सीखने की क्षमताओं को पूरा करने हेतु नवीन और व्यक्तिगत दृष्टिकोणों के लिये नई संभावनाओं को तलाश सकता है।
- आईआईटी खड़गपुर ने नेशनल AI रिसोर्स प्लेटफॉर्म (NAIRP) विकसित करने के लिये अमेज़ॅन वेब सर्विसेज़ के साथ सहयोग स्थापित किया है। यह भविष्य में बेहतर टीचिंग और लर्निंग के लिये आँखों की गति, संकेत और अन्य मापदंडों की निगरानी जैसे तंत्रों का उपयोग करेगा।
- जैसा कि ChatGPT, Bard और अन्य बड़े भाषा मॉडल द्वारा प्रदर्शित किया गया है, जनरेटिव AI शिक्षकों की मदद कर सकता है और छात्रों को नवाचार में मदद कर सकता है।
- न्यायपालिका: इसका उपयोग कानूनी अनुसंधान और विश्लेषण में सुधार, दस्तावेज़ीकरण व केस प्रबंधन को स्वचालित करने, न्यायिक प्रक्रियाओं और निर्धारित समय को बढ़ाने, ऑनलाइन विवाद समाधान की सुविधा प्रदान करने, पूर्वानुमानित विश्लेषण के माध्यम से कानूनी निर्णय लेने में सहायता करने और आभासी रूप से कानूनी सहायता प्रदान करके न्याय तक पहुँच प्रदान करने के लिये किया जा सकता है।
- SUVAS (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर): यह एक AI प्रणाली है, जो क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों के अनुवाद में सहायता प्रदान कर सकती है।
- न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक और ऐतिहासिक प्रयास है।
- SUPACE (सुप्रीम कोर्ट पोर्टल फॉर असिस्टेंस इन कोर्ट एफिशिएंसी): हाल ही में इसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
- SUVAS (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर): यह एक AI प्रणाली है, जो क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों के अनुवाद में सहायता प्रदान कर सकती है।
- साइबर सुरक्षा/सुरक्षा: इसका उपयोग सुरक्षा और साइबर सुरक्षा में साइबर खतरों का पता लगाने और उन्हें रोकने, विषम गतिविधियों की पहचान करने, प्रारूप एवं कमज़ोरियों के लिये बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने, नेटवर्क तथा समापन बिंदु सुरक्षा को बढ़ाने, खतरे की प्रतिक्रिया एवं घटना प्रबंधन को स्वचालित करने, प्रमाणीकरण व अभिगम नियंत्रण को मज़बूत करने के लिये किया जाता है। यह साइबर हमलों के खिलाफ सक्रिय रूप से रक्षा हेतु रीयल-टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस एंड प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स प्रदान करता है।
AI के लाभ:
- सटीकता: AI एल्गोरिदम सटीकता के साथ बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकता है, त्रुटियों को कम कर सकता है और विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे- उपचार, पूर्वानुमान और निर्णय लेने के दौरान सटीकता में सुधार कर सकता है।
- बेहतर निर्णय लेने की क्षमता: AI डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि और विश्लेषण प्रदान करता है, निहित प्रारूप, प्रवृत्तियों और संभावित जोखिमों की पहचान करके निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है जो मनुष्यों द्वारा आसानी से पहचानी नहीं जा सकती हैं।
- नवाचार में वृद्धि: AI नई खोजों को सक्षम कर स्वास्थ्य सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देता है।
- उत्पादकता में वृद्धि: AI उपकरण और प्रणालियाँ मानव क्षमताओं में वृद्धि कर सकती हैं, जिससे विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
- निरंतर सीखने की क्षमता और अनुकूलता: AI प्रणाली नए डेटा और अनुभवों से सीख सकती है, लगातार अपनी क्षमता में सुधार कर सकती है, परिवर्तनों के साथ स्वयं को अनुकूलित कर सकती है, साथ ही बदलते रुझानों तथा प्रारूप के साथ अद्यतित रह सकती है।
- अन्वेषण और अंतरिक्ष अनुसंधान: AI अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, स्वायत्त अंतरिक्ष यान, रोबोट अन्वेषण और दूरस्थ एवं खतरनाक वातावरण में डेटा विश्लेषण को सक्षम बनाता है।
AI के नैतिक विचार:
AI के नुकसान:
- नौकरी विस्थापन: AI स्वचालन से कुछ नौकरियों का विस्थापन हो सकता है क्योंकि मशीनें और एल्गोरिदम ऐसे कार्य कर सकते हैं जो पहले मनुष्यों द्वारा किये जाते थे। इसका परिणाम बेरोज़गारी हो सकती है।
- नैतिक चिंताएँ: AI से नैतिक चिंताएँ प्रभावित होती हैं जैसे कि एल्गोरिदम में पूर्वाग्रह की संभावना और स्वायत्त निर्णय लेने वाली प्रणालियों के नैतिक निहितार्थ आदि।
- डेटा उपलब्धता और गुणवत्ता पर निर्भरता: AI सिस्टम डेटा उपलब्धता और गुणवत्ता पर बहुत अधिक निर्भर करता है। पक्षपातपूर्ण या अपूर्ण डेटा गलत परिणाम दे सकता है या निर्णय लेने में मौजूदा पक्षपात को मज़बूती प्रदान कर सकता है।
- सुरक्षा जोखिम: AI सिस्टम साइबर हमलों और शोषण के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं। दुर्भावनापूर्ण AI एल्गोरिदम में हेर-फेर किया जा सकता है या सुरक्षा जोखिम पैदा करते हुए नापाक उद्देश्यों के लिये AI-संचालित उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है।
- अति-निर्भरता: उचित मानवीय निरीक्षण या आलोचनात्मक मूल्यांकन के बिना AI पर आँख बंद करके भरोसा करने से त्रुटियाँ या गलत निर्णय हो सकते हैं, खासकर अगर AI सिस्टम अपरिचित या अप्रत्याशित स्थितियों का सामना करता है।
- पारदर्शिता की कमी: कुछ AI मॉडल, जैसे कि डीप लर्निंग न्यूरल नेटवर्क, की व्याख्या करना मुश्किल हो सकता है, जिससे उनके निर्णयों या पूर्वानुमानों के पीछे के तर्क को समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है (जिसे "ब्लैक बॉक्स" समस्या कहा जाता है)।
- प्रारंभिक निवेश और रखरखाव लागत: AI सिस्टम का प्रबंधन करने के लिये अक्सर बुनियादी ढाँचे, डेटा संग्रह और मॉडल विकास में महत्त्वपूर्ण अग्रिम निवेश की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त AI सिस्टम को बनाए रखना और अपडेट करना महँगा हो सकता है।
आगे की राह:
- नैतिक और उत्तरदायी AI: AI सिस्टम के विकास और उसके प्रबंधन, जो कि नैतिक, पारदर्शी और उत्तरदायी हो, को प्राथमिकता देना महत्त्वपूर्ण है। इसमें पक्षपात को संबोधित करना, गोपनीयता और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना और स्पष्ट नियम व दिशा-निर्देश स्थापित करना शामिल है।
- निरंतर अनुसंधान और नवाचार: AI एक तेज़ी से विकसित होने वाला क्षेत्र है और इसकी क्षमताओं में वृद्धि के लिये चलाए जा रहे अनुसंधान एवं नवाचार आवश्यक हैं। मौलिक अनुसंधान में निवेश, जैसे- नए एल्गोरिदम और मॉडल विकसित करना, सफलता और बेहतर प्रदर्शन का कारण बन सकता है।
- डेटा गुणवत्ता और पहुँच: AI मॉडल को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने के लिये उच्च-गुणवत्ता और विविध डेटासेट का प्रबंधन आवश्यक है। डेटा संग्रह, सफाई और लेबलिंग प्रक्रियाओं में सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- इसके अतिरिक्त डेटा साझाकरण और पहुँच को बढ़ावा देने से सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है और विभिन्न क्षेत्रों की प्रगति में तेज़ी आ सकती है।
- मानव-AI सहयोग: AI को पूरी तरह से बदलने के बजाय मानव क्षमताओं को बढ़ाने के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये। मानव-AI सहयोग पर ज़ोर देने से अधिक प्रभावी समाधान प्राप्त हो सकते हैं, इससे विभिन्न उद्योगों में उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
- उपयोगकर्त्ता-केंद्रित डिज़ाइन और इंटरफेस जो AI सिस्टम के साथ सहज बातचीत की सुविधा प्रदान करते हैं, महत्त्वपूर्ण विचार हैं।
- डोमेन-विशिष्ट अनुप्रयोग: विशिष्ट डोमेन की पहचान कर प्राथमिकता प्रदान करना जहाँ AI का महत्त्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, वित्त और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने के लिये AI समाधानों को तैयार करने से मूर्त लाभ तथा मदद मिल सकती है।
- इससे संबंधित शिक्षा के साथ कार्यबल के विकास पर बल देना: AI-संचालित भविष्य हेतु इसके अनुरूप कार्यबल तैयार करना महत्त्वपूर्ण है। AI संबंधित शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों पर केंद्रित पहलों से व्यक्तियों को बदलते श्रम बाज़ार में विकसित होने के पर्याप्त अवसर मिल सकते हैं।
- अंतःक्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहन देने के साथ शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच साझेदारी बढ़ाकर इन प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मानदंड: इससे संबंधित जानकारी, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ AI से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिये विभिन्न देशों और संगठनों के बीच सहयोग आवश्यक है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों एवं रूपरेखाओं की स्थापना से AI प्रणाली के विकास तथा परिनियोजन में निष्पक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है।
निष्कर्ष:
AI में मानव बुद्धि से परे जाने की पूरी क्षमता है और यह किसी भी विशेष कार्य को सटीक और कुशलता से कर सकता है। इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि AI में अपार क्षमता है। हालाँकि किसी भी चीज़ पर अधिक निर्भरता अच्छी नहीं होती है और कुछ भी पूर्ण रूप से मानव मस्तिष्क के समान नहीं हो सकता है।
इसलिये AI का अत्यधिक उपयोग नहीं किया जाना चाहिये क्योंकि बहुत अधिक स्वचालन और मशीनों पर निर्भरता, वर्तमान मानव जाति और आने वाली पीढ़ियों के लिये खतरनाक साबित हो सकती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न 1. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2, 3 और 5 उत्तर: (b) |