विधानसभा अध्यक्ष | 27 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में कर्नाटक में जारी राजनैतिक संकट के संदर्भ में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 15 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा।
- विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफे पर फैसले लेने में देरी के खिलाफ इन बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफे पर फैसले लेने के लिये स्वतंत्र है और इसके लिये कोर्ट द्वारा समय-सीमा नहीं तय की जा सकती है।
शक्ति एवं कार्य
- सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित करने और संचालन के लिये नियम बनाने की शक्ति।
- सदन की गणपूर्ति या कोरम के अभाव में सदन को स्थगित करने का अधिकार।
- सामान्य स्थिति में मत नहीं देता लेकिन बराबरी की स्थिति में निर्णायक मत दे सकता है।
- अशिष्ट आचरण या सदन के विशेषाधिकारों के उल्लंघन करने पर सदस्यों के निष्कासन की शक्ति।
- किसी भी प्रश्न, प्रस्ताव या संकल्प को स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार।
- आवश्यकता पड़ने पर सदन के किसी नियम को निलंबित करने की शक्ति।
- दसवीं अनुसूची के उपबंधों के आधार पर किसी सदस्य की निरर्हता को लेकर उठे किसी विवाद का निर्णय।
- सभी समितियों के अध्यक्ष की नियुक्ति तथा उनके कार्यों का निरीक्षण।
- वह स्वयं कार्यमंत्रणा समिति, नियम समिति और सामान्य प्रयोजन समिति का अध्यक्ष होता है।
- इस बात का निर्णय करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं।
- अध्यक्ष के कार्य और आचरण पर विधानसभा में चर्चा नहीं की जा सकती है।