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शासन व्यवस्था

ई-कोर्ट

  • 23 Aug 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फरीदाबाद में अपना पहला आभासी न्यायालय/वर्चुअल कोर्ट (Virtual Court) यानी ई-कोर्ट लॉन्च किया है।

ई-कोर्ट क्या है ?

ई-कोर्ट के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए बिना ही सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology- ICT) के उपयोग से मुकदमे को ऑनलाइन ही निपटा लिया जाता है।

इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी ?

  • चूँकि भारतीय न्यायपालिका देश में लंबित मामलों में हो रही वृद्धि की समस्या से जूझ रही है तथा जजों की कमी से नागरिकों को भी समय पर न्याय नहीं मिल पाता है।
  • इसके अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय को भी सामान्य मामलों से मुक्ति की ज़रूरत है ताकि वह अपने संविधान के आदर्शों को बनाए रखने के कार्य पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सके।
  • न्यायालय की प्रक्रिया आम आदमी हेतु आर्थिक दृष्टि से वहनीय नहीं होती तथा सुनवाई हेतु कई बार न्यायालय में उपस्थित होने से इनकी आजीविका भी प्रभावित होती है।

ई-कोर्ट के लाभ

  • अदालत के लंबित मामलों में कमी आएगी।
  • नागरिकों की न्याय तक सुलभ और सस्ती पहुँच सुनिश्चित होगी।
  • ई-कोर्ट से मुकदमों को हल करने में तेज़ी आएगी तथा नागरिकों को त्वरित न्याय की प्राप्ति होगी।
  • अदालतों की अवसंरचना संबंधी खर्च में कमी आएगी।

ई-कोर्ट के सम्बन्ध में चुनौतियाँ

  • भारत में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित संरचना का पर्याप्त विकास न होना।
  • पिछड़े हुए क्षेत्रों तक इंटरनेट की अच्छी पहुँच न होना।
  • आज भी अधिकांश भारतीय जनता अशिक्षित तथा तकनीक के प्रति सहज नहीं है ।

आगे की राह

  • सरकार भारत नेट, जैसे कार्यक्रमों से ग्रामीण क्षेत्रों को इंटरनेट से जोड़ने का प्रयास कर रही है।
  • भारत में 5 जी के विकास के प्रयास किए जा रहे हैं, जो इंटरनेट की गति बढ़ाएगा तथा ई-कोर्ट के सञ्चालन को आसान करेगा ।
  • नागरिकों को सूचना एवं तकनीक से जोड़ने हेतु उन्हें प्रशिक्षित करने के प्रयास किए जाने चाहिये।

ई-कोर्ट परियोजना

  • ई-कोर्ट परियोजना की परिकल्पना ‘भारतीय न्यायपालिका में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के कार्यान्वयन के लिये राष्ट्रीय नीति एवं कार्ययोजना-2005’ के आधार पर की गई थी।
  • ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट (e-Courts Mission Mode Project), एक पैन-इंडिया प्रोजेक्ट (Pan-India Project) है, जिसकी निगरानी और वित्त पोषण देश भर में ज़िला न्यायालयों के लिये न्याय विभाग, कानून एवं न्याय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जाती है।

ई- समिति

  • ई-समिति एक निकाय है जो तकनीकी संचार एवं प्रबंधन संबंधी परिवर्तनों के लिये सलाह देता है।
  • यह भारतीय न्यायपालिका का कंप्युटरीकरण कर राष्ट्रीय नीति तैयार करने में सहायता करती है।
  • ई-समिति की स्थापना वर्ष 2004 में न्यायपालिका में IT के उपयोग तथा प्रशासनिक सुधारों के लिये एक गाइड मैप प्रदान करने के लिये की गई थी।
  • ई-समिति के कामकाज से संबंधित सभी व्यय जिसमें अध्यक्ष, सदस्यों और सहायक कर्मचारियों के वेतन तथा भत्ते आदि शामिल हैं, भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत बजट से प्रदान किये जाते हैं।
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