भारतीय इतिहास
पालकालीन स्थापत्य
- 07 Jan 2019
- 2 min read
- पालकालीन स्थापत्य के इस दौर में विक्रमशिला विहार, ओदंतपुरी विहार, जगदल्ला विहार आदि का निर्माण हुआ।
- धर्मपाल द्वारा निर्मित सोमापुर महाविहार (बांग्लादेश) सबसे बड़ा बौद्ध विहार है जिसे यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया।
- नालंदा महाविहार की स्थापना तो गुप्तकाल (कुमारगुप्त) में हुई, किंतु पाल शासकों ने भी इसके विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
हीनयानी चैत्य-गृह | महायानी चैत्य-गृह |
प्रारंभिक दौर में हीनयानी चैत्य बनाए गए थे। | परवर्ती दौर में महायानी चैत्य बनाए गए थे। |
इसका कालखंड प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से तृतीय शताब्दी तक है। | इसका कालखंड प्रथम शताब्दी ईस्वी सन् से 5वीं शताब्दी ईस्वी सन् तक है। |
इसमें चैत्य के निकट वाले विहार में रहने वाले लोग भी हीनयानी थे। | इसमें चैत्य के निकट वाले विहार में रहने वाले लोग भी महायानी थे। |
इसमें बुद्ध के प्रतीकों का ही चलन है। कहीं भी बुद्ध को मानव रूप में नहीं दर्शाया गया है। | इसमें बुद्ध को मानव रूप में दर्शाया गया है। |
हीनयानी चैत्यगृहों का क्रम है-भाजा, पीतलखोड़ा, कोण्डानी , अजंता-9 , अजंता-10 ,पांडवलेनी, विदिशा, कार्ले, कन्हेरी। कार्ले इसमें सर्वोत्तम चरम अवस्था है। | महायानी चैत्यगृहों का क्रम है- भट्टीप्रोलू, गोली, जगैइपेट, घंटशाल, नागार्जुनकोंडा, अमरावती, अजंता-19, अजंता-26, एलोरा। इसमें चरम और सर्वोत्तम है- अमरावती चैत्य |