भूगोल
ब्रिटिश तुल्य जलवायु
- 24 Jun 2020
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भूमिका:
- ब्रिटिश तुल्य जलवायु प्रदेश में वर्ष भर पछुवा पवनें प्रभावित होती हैं, इस कारण से यहाँ शरद ऋतु में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त होती है।
- यह जलवायु मानवीय क्षमताओं (कार्य क्षमता) का अधिकतम उपयोग करने हेतु अनुकूल होती है।
बिटिश तुल्य जलवायु का वितरण:
- इस प्रकार की जलवायु का विकास दोनों गोलार्द्धों में 40º–60º अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के पश्चिमी किनारों पर हुआ है।
- इस जलवायु प्रदेश के तापमान पर जलधाराओं और पछुवा पवनों का सर्वाधिक प्रभाव रहता है।
- इस जलवायु का विस्तार उत्तर-पश्चिमी यूरोप द्वीप समूह, पश्चिमी नोर्वे, डेनमार्क, उत्तर-पश्चिमी जर्मनी, पश्चिमी फ्राँस, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया, वाशिंगटन, न्यूज़ीलैंड, तस्मानिया आदि क्षेत्रों में पाया जाता है।
प्रमुख विशेषताएँ
इस जलवायु प्रदेश की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
- तापमान
- औसत वार्षिक तापमान सामान्यत: 5ºC–15ºC तक रहता है, अर्थात् तापान्तर बहुत अधिक नहीं रहता है।
- गर्मी का मौसम अधिक गर्म नहीं हो पाता अर्थात् अधिकतम गर्मी भी सामान्य सर्द जैसी रहती है।
- आद्रता एवं मेगाच्छादनके कारण रात के तापमान में अधिक गिरावट नहीं हो पाती हैं।
- सर्दियाँ सामान्य होती हैं तथा गर्म जलधाराओं के कारण तापमान की धनात्मक विसंगति पाई जाती है अर्थात् जितना कम तापमान रहना चाहिये, उससे अधिक रहता है।
- वर्षा
- इस जलवायु प्रदेश में वर्ष भर वर्षा पछुवा पवनों का प्रवाह रहता है। सागर की ओर से आने के कारण ही ये पवनें वर्षा करती हैं।
- वर्षा मुख्यतः पश्चिम से आने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों द्वारा होती है।
- इस जलवायु प्रदेश में यधपि वर्षा का वितरण पूरे वर्ष सामान रुप से होता है, फिर भी शीतकाल में ग्रीष्मकाल की अपेक्षा कुछ अधिक वर्षा होती है।
- कोई माह शुष्क नहीं रहता है।
- इस जलवायु प्रदेश में वर्ष भर वर्षा पछुवा पवनों का प्रवाह रहता है। सागर की ओर से आने के कारण ही ये पवनें वर्षा करती हैं।
- प्राकृतिक वनस्पति:
- इस जलवायु प्रदेश में वर्ष भर वर्षा होने के कारण घनी वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, इसी कारण इस जलवायु प्रदेश में वनों का सघन आवरण पाया जाता है।
- यहाँ डगलस, फर, स्प्रूस, हेमलाॅक तथा सिडार जैसे वृक्ष पाए जाते हैं।
- इस जलवायु प्रदेश में वर्ष भर वर्षा होने के कारण घनी वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, इसी कारण इस जलवायु प्रदेश में वनों का सघन आवरण पाया जाता है।
- आर्थिक गतिविधियाँ
- वस्तुत: पतझड़ वनों की पर्याप्त उपस्थिति के कारण यहाँ लकड़ी उद्योगों से संबंधित गतिविधियाँ प्रचलित हैं।
- तस्मानिया में यूकेलिप्टिस का उपयोग लकड़ी उद्योग में बहुतायत में किया जाता है।
- अधिकांश देशों में मशीनरी, रसायन, कपड़ा एवं अन्य विनिर्माण संबंधी उद्योगों का विकास होने के साथ- साथ ब्रिटेन, नार्वे तथा ब्रिटिश कोलंबिया जैसे देशों में कृषि, मत्स्यन एवं काष्ठ उद्योग का विकास हुआ है।
- डेनमार्क, नीदरलैंड एवं न्यूज़ीलैंड में डेयरी उत्पाद आधारित उद्योगों का विकास हुआ है।
- कृषि (Agriculture)
- खाद्यन्न, फलों एवं जड़ वाली फसलों (Root Crops) का उत्पादन बड़े स्तर पर होता है।
- यहाँ (उत्तर-पश्चिमी यूरोपीय देशों में) खाद्यान्नों फसलों विशेषतकर है गेहूँ का आयात बहुतायत में होता है।
- इसके अलावा यूरोपीय देशों में मिश्रित कृषि भी जाती है अर्थात् कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है।
- यह जलवायु प्रदेश डेयरी उद्योग हेतु आदर्श स्थितियाँ प्रदान करता है।
- इन प्रदेशों में मांस उद्योग का भी पर्याप्त विकास हुआ है।
- अन्य कृषि गतिविधियाें के अंतर्गत आलू का उत्पादन एवं चुकंदर का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होता है।
ब्रिटिश तुल्य जलवायु प्रदेश मानवीय गतिविधियों हेतु पर्याप्त आदर्श स्थिति उपलब्ध कराती है। यही कारण है कि ये क्षेत्र औद्योगिक रूप से विकसित हैं, साथ ही मानवीय क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करते हैं।