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गुरुग्राम की ग्रीन बेल्ट में मलबा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में गुरुग्राम नगर निगम (MCG) को गुड़गाँव-फरीदाबाद राजमार्ग से कचरा और मलबा अरावली वन में बालीवास गाँव की पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील ग्रीन बेल्ट में फेंकने के लिये आलोचना का सामना करना पड़ा।
मुख्य बिंदु
- ग्रीन बेल्ट का महत्त्व:
- यह ग्रीन बेल्ट भूजल पुनर्भरण, कृषि, मनोरंजन के लिये महत्त्वपूर्ण है तथा यहां देवता मंदिर की प्रतिष्ठित पहाड़ी भी स्थित है, जिसके कारण स्थानीय स्तर पर इसका विरोध बढ़ रहा है।
- पर्यावरणविद रेगिस्तानीकरण को रोकने और अरावली वन पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में इस क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं।
- चिंताएँ:
- बलियावास निवासियों को बंधवाड़ी अपशिष्ट डंप और नए डंपिंग स्थल के बीच फँसने का डर है।
- पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि लगातार डंपिंग से अपरिवर्तनीय पारिस्थितिक क्षति हो सकती है, जिससे मृदा की गुणवत्ता, जैव विविधता और भूजल पुनर्भरण पर प्रभाव पड़ सकता है।
- सरकारी एवं प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
- हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने साइट का निरीक्षण करने की योजना बनाई है, जिससे सख्त प्रवर्तन की आशा बढ़ गई है।
- MCG आयुक्त ने कार्रवाई का वादा किया, स्थिति का आकलन करने के लिये एक समर्पित टीम का गठन किया तथा ग्रीन बेल्ट की रक्षा के लिये उल्लंघनकर्त्ताओं के विरुद्ध सख्त कदम उठाने की सिफारिश की।
अरावली
- परिचय:
- अरावली पर्वतमाला गुजरात से राजस्थान होते हुए दिल्ली तक विस्तृत है, इसकी लंबाई 692 किमी. तथा चौड़ाई 10 से 120 किमी. के बीच है।
- यह शृंखला एक प्राकृतिक हरित दीवार के रूप में कार्य करती है, जिसका 80% भाग राजस्थान में तथा 20% हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में स्थित है।
- अरावली पर्वतमाला दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित है- सांभर सिरोही श्रेणी और सांभर खेतड़ी श्रेणी, जो राजस्थान में स्थित है, जहाँ इनका विस्तार लगभग 560 किलोमीटर है।
- यह थार रेगिस्तान और गंगा के मैदान के बीच एक इकोटोन के रूप में कार्य करता है।
- इकोटोन वे क्षेत्र हैं जहाँ दो या अधिक पारिस्थितिक तंत्र, जैविक समुदाय या जैविक क्षेत्र मिलते हैं।
- इस पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी गुरुशिखर (राजस्थान) है, जिसकी ऊँचाई 1,722 मीटर है।
- अरावली पर्वतमाला गुजरात से राजस्थान होते हुए दिल्ली तक विस्तृत है, इसकी लंबाई 692 किमी. तथा चौड़ाई 10 से 120 किमी. के बीच है।
- अरावली का महत्त्व:
- अरावली पर्वतमाला थार रेगिस्तान को सिंधु-गंगा के मैदानों पर अतिक्रमण करने से रोकती है, जो ऐतिहासिक रूप से नदियों और मैदानों के लिये जलग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करती है।
- इस क्षेत्र में 300 देशी पौधों की प्रजातियाँ, 120 पक्षी प्रजातियाँ तथा सियार और नेवले जैसे विशिष्ट पशु मौजूद हैं।
- मानसून के दौरान, अरावली पहाड़ियाँ मानसून के बादलों को पूर्व की ओर निर्देशित करती हैं, जिससे उप-हिमालयी नदियों और उत्तर भारतीय मैदानों को लाभ होता है। सर्दियों में, वे उपजाऊ घाटियों को शीत पश्चिमी पवनों से बचाते हैं।
- यह रेंज वर्षा जल को अवशोषित करके भूजल पुनःपूर्ति में सहायता करती है, जिससे भूजल स्तर पुनर्जीवित होता है।
- अरावली दिल्ली-NCR के लिये "फेफड़ों" के रूप में कार्य करती है, जो क्षेत्र के गंभीर वायु प्रदूषण के कुछ प्रभावों को निम्न करती है।
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हरियाणा सुशासन पुरस्कार योजना 2024
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने राज्य भर में शासन को बढ़ाने वाले अभिनव प्रथाओं और असाधारण प्रयासों के लिये कर्मचारियों को मान्यता देने और पुरस्कृत करने हेतु 'हरियाणा सुशासन पुरस्कार योजना 2024' शुरू की।
मुख्य बिंदु
- सुशासन पुरस्कार योजना का उद्देश्य:
- इस योजना का उद्देश्य राज्य भर में शासन को बढ़ाने वाले नवीन कार्यों और असाधारण प्रयासों के लिये कर्मचारियों को मान्यता प्रदान कर और पुरस्कृत कर शासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
- राज्य स्तरीय पुरस्कार:
- प्रमुख योजना पुरस्कार:
- प्रमुख परियोजनाओं पर काम करने वाली टीमों को एक ट्रॉफी और मुख्य सचिव द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा प्रमाण-पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा।
- 51,000 रुपए का नकद पुरस्कार टीम के सदस्यों के बीच बराबर बाँटा जाएगा।
- इस श्रेणी में अधिकतम छह पुरस्कार दिये जाएँँगे।
- प्रमुख परियोजनाओं पर काम करने वाली टीमों को एक ट्रॉफी और मुख्य सचिव द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा प्रमाण-पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा।
- सामान्य राज्य स्तरीय पुरस्कार:
- शासन संबंधी पहलों में उच्च प्रदर्शन प्रदर्शित करने वाली टीमों को दिया जाता है।
- प्राप्तकर्त्ता के सेवा रिकार्ड में एक ट्रॉफी और प्रशंसा प्रमाण-पत्र जोड़ा जाएगा।
- नकद पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार 51,000 रुपए
- द्वितीय पुरस्कार 31,000 रुपए
- तृतीय पुरस्कार के लिये 21,000 रुपए
- नकद पुरस्कार टीम के सदस्यों के बीच समान रूप से वितरित किये जायेंगे।
- ज़िला स्तरीय पुरस्कार:
- प्रत्येक ज़िले के उपायुक्त द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
- पुरस्कारों में एक ट्रॉफी और संभागीय आयुक्त द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा प्रमाण-पत्र शामिल थे।
- नकद पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार 31,000 रुपए
- द्वितीय पुरस्कार 21,000 रुपए
- तृतीय पुरस्कार के लिये 11,000 रुपए
- सुशासन दिवस:
- ये पुरस्कार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले सुशासन दिवस के उपलक्ष्य में दिए जाते हैं।
सुशासन (Good Governance)
- परिचय:
- शासन से तात्पर्य उन प्रक्रियाओं, प्रणालियों और संरचनाओं से है जिनके माध्यम से संगठनों, समाजों या समूहों को निर्देशित, नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है।
- सुशासन को मूल्यों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसके माध्यम से एक सार्वजनिक संस्था सार्वजनिक मामलों का संचालन करती है और सार्वजनिक संसाधनों का प्रबंधन इस तरह से करती है कि मानव अधिकारों, कानून के शासन और समाज की आवश्यकताओं का सम्मान हो।
- विश्व बैंक सुशासन को उन परंपराओं और संस्थाओं के संदर्भ में परिभाषित करता है जिनके द्वारा किसी देश में सत्ता का प्रयोग किया जाता है। इसमें शामिल हैं:
- वह प्रक्रिया जिसके द्वारा सरकारों का चयन, निगरानी और प्रतिस्थापन किया जाता है
- सरकार की प्रभावी ढंग से ठोस नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने की क्षमता
- नागरिकों और राज्य का उन संस्थाओं के प्रति सम्मान जो उनके बीच आर्थिक और सामाजिक अंतःक्रियाओं को नियंत्रित करती हैं।
- सुशासन के मूल सिद्धांत:
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