जैव ईंधन क्रियान्वयन समिति | मध्य प्रदेश | 09 May 2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने जैव ईंधन परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है।
मुख्य बिंदु:
- समिति के बारे में:
- इस समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। इसके सदस्य के रूप में वन, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, नगरीय विकास एवं आवास, पशुपालन एवं डेयरी, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास तथा रोज़गार विभागों के सचिव शामिल होंगे।
- नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के सचिव को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
- समिति का कार्य-क्षेत्र:
- भूमि मानकों में छूट देने के मामलों पर विचार करना।
- म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (MSW) के संग्रहण की व्यवस्था और जैव ईंधन उत्पादकों को उसकी आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- कृषि उपज मंडी अपशिष्ट और गोबर की उपलब्धता जैव ईंधन उत्पादकों के लिये सुनिश्चित करना।
- सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को बायो-CNG उपयोग हेतु प्रोत्साहित करना।
- किसानों में फार्मेंटेड ऑर्गेनिक मैन्योर (Fermented Organic Manure) के उपयोग को बढ़ावा देना।
- जैव ईंधन सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
जैव ईंधन:
- कोई भी हाइड्रोकार्बन ईंधन जो किसी कार्बनिक पदार्थ (जीवित या कभी जीवित रही सामग्री) से एक कम समयावधि (दिन, सप्ताह या माह) में उत्पन्न किया जाता है, जैव ईंधन कहा जाता है।
- इनका उपयोग वाहनों के ईंधन, घरों को गर्म करने और बिजली उत्पन्न करने के लिये किया जा सकता है। जैव ईंधन को नवीकरणीय (renewable) माना जाता है क्योंकि वे उन पौधों से बने होते हैं जिन्हें बार-बार उगाया जा सकता है।
- जैव ईंधन ठोस, तरल या गैसीय हो सकते हैं।
- ठोस जैव ईंधन में लकड़ी, शुष्क पादप सामग्री और खाद शामिल हैं।
- तरल जैव ईंधन में बायोएथेनॉल और बायोडीजल शामिल हैं।
- गैसीय जैव ईंधन में बायोगैस शामिल है।
- जैव ईंधन गर्मी और बिजली उत्पन्न करने जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये जीवाश्म ईंधन की जगह ले सकते हैं या उनके साथ इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
- जैव ईंधन की ओर संक्रमण तेल की बढ़ती कीमतों, जीवाश्म ईंधन से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और किसानों के लाभ के लिये उनके कृषि फसलों से ईंधन प्राप्त करने में रुचि जैसे कारणों से प्रेरित है।