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कोटा केयर्स पहल
चर्चा में क्यों
कोटा केयर्स' पहल ने कोचिंग केंद्र में छात्रों की सहायता के लिये नई गाइडलाइंस जारी कीं, जिसके तहत रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर हेल्पडेस्क उपलब्ध कराए जाएंगे और शहर भर में छात्र सहायता केंद्रों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- नई गाइडलाइंस और सुविधाएँ
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आवास और वित्तीय सहायता
- 4,000 छात्रावासों से सुरक्षा एवं कॉशन मनी हटाई जाएगी।
- मेंटेनेंस शुल्क, प्रति वर्ष 2,000 रुपए तक सीमित।
- अभिभावकों को सभी भुगतानों की रसीदें दी जाएंगी।
- कमरे में परिवर्तन और अवकाश नीतियों के लिये परिभाषित दिशा-निर्देश।
- सुरक्षा और संरक्षा उपाय
- सभी छात्रावास कर्मचारियों के लिये अनिवार्य गेट-कीपर प्रशिक्षण।
- सीसीटीवी निगरानी और बायोमेट्रिक प्रणाली सहित आधुनिक सुरक्षा-तंत्र की स्थापना।
- महिला छात्रावासों के लिये विशेष प्रावधान, जिसमें महिला वार्डन भी शामिल होंगी।
- एंटी-हैंगिंग डिवाइसेस और फायर NOC के लिये अनिवार्य प्रमाणीकरण।
- व्यक्तिगत कक्ष भ्रमण के माध्यम से नियमित रात्रि उपस्थिति जाँच।
- छात्र कल्याण पहल
- चंबल रिवरफ्रंट और ऑक्सीजन जोन तक निःशुल्क पहुँच
- सभी छात्रावासों में मनोरंजन हेतु निर्दिष्ट स्थान।
- मध्यावधि छुट्टियों के दौरान खाद्य सेवाओं की उपलब्धता।
- रेलवे स्टेशनों और बस टर्मिनलों पर कोटा केयर्स हेल्प डेस्क।
- छात्र सहायता केंद्रों का एक शहरव्यापी नेटवर्क।
- कोटा केयर्स पहल के बारे में:
- कोटा केयर्स' जिला प्रशासन, कोचिंग संस्थानों, छात्रावास संघों और स्थानीय समुदायों की एक संयुक्त पहल है, इसकी शुरुआत दिसंबर 2024 में की गई थी।
- इसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में तनाव की समस्या और आत्महत्या के बढ़ते मामलों से निपटना तथा छात्र कल्याण में सुधार करना है।
- 'कोटा केयर्स' पहल शहर के शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल कोटा बल्कि पूरे देश के अन्य शैक्षिक केंद्रों के लिये एक आदर्श के रूप में काम कर सकती है।
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