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सिरेमिक के लिये उत्कृष्टता केंद्र
चर्चा में क्यों?
राजस्थान में सिरेमिक के लिये एक नया उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यह अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण और विश्व स्तरीय अनुसंधान के साथ उद्योग को बढ़ावा देने के लिये तैयार है।
मुख्य बिंदु
- प्रचुर मात्रा में सिरेमिक खनिज भंडार:
- राजस्थान में बॉल क्ले, सिलिकोसिस सैंड, क्वार्ट्ज, चाइना क्ले और फेल्डस्पार जैसे सिरेमिक खनिजों के विशाल भंडार हैं।
- राजस्थान में सिरेमिक आधारित उद्योगों और रोज़गार सृजन की पर्याप्त संभावनाएँ होने के बावजूद, प्रसंस्करण के लिये कच्चा माल अन्य राज्यों को भेजा जा रहा है।
- केंद्र की भूमिका:
- यह केंद्र स्थानीय संसाधनों के उपयोग को अनुकूलतम बनाते हुए सिरेमिक खनिजों के खनन, प्रसंस्करण और विनिर्माण के लिये तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
- परिचालन के पहले दिन से ही उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिये इसकी सेवाएँ पूर्व-परिभाषित की जाएँगी।
- फोकस क्षेत्र:
- निम्नलिखित के उत्पादन के लिये सिलिकोसिस खनिजों की खोज पर मुख्य ज़ोर दिया जाएगा:
- विद्युत आपूर्ति के लिये इन्सुलेटर
- सेनेटरीवेयर उत्पाद
- रियल एस्टेट क्षेत्र के लिये टाइलें
- मिट्टी के बर्तन और ईंटें
- इलेक्ट्रॉनिक्स के लिये अर्द्धचालक
- निम्नलिखित के उत्पादन के लिये सिलिकोसिस खनिजों की खोज पर मुख्य ज़ोर दिया जाएगा:
- हितधारक योगदान:
- केंद्र के उद्देश्यों और परिचालन ढाँचे को परिष्कृत करने के लिये बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, केंद्रीय ग्लास और सिरेमिक अनुसंधान संस्थान (CGCRI) और IIT (BHU) के अधिकारियों सहित प्रमुख विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त हुए।
केंद्रीय ग्लास और सिरेमिक अनुसंधान संस्थान (CGCRI)
- CGCRI एक राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान है जिसका मुख्यालय कोलकाता में है, जो वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के अधीन कार्य करता है।
- 1950 में स्थापित यह संस्थान काँच, चीनी मिट्टी, अभ्रक और रिफ्रैक्टरीज जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में विशेषज्ञता रखता है।
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