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जयपुर में गैस रिसाव को लेकर NGT ने नोटिस जारी किया
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जयपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट को जयपुर में संदिग्ध गैस रिसाव के बाद कई छात्रों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले में उत्तर देने का निर्देश दिया है।
मुख्य बिंदु
- घटना:
- NGT ने जयपुर में संदिग्ध गैस रिसाव की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया।
- 15 दिसंबर, 2024 को महेश नगर इलाके में घटी इस घटना में एक कोचिंग संस्थान के 10 छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, जब वे पास के नाले से रिसाव के कारण बेहोश हो गए थे।
- NGT ने जयपुर में संदिग्ध गैस रिसाव की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया।
- न्यायाधिकरण की टिप्पणियाँ:
- न्यायाधिकरण ने कहा कि रिपोर्ट में पीड़ितों के लिये किसी मुआवज़े का उल्लेख नहीं किया गया था।
- पीठ ने सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम 1991 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अनुपालन से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला।
- प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उन्हें अपना उत्तर या प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
- न्यायाधिकरण ने निम्नलिखित पक्षों को प्रतिवादी के रूप में शामिल किया:
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव
- जयपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का क्षेत्रीय कार्यालय
- जलवायु परिवर्तन
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)
- यह एक वैधानिक संगठन है, जिसका गठन वर्ष 1974 में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत किया गया था।
- CPCB को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ एवं कार्य भी निर्दिष्ट किये गए।
- यह एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में कार्य करता है तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के संबंध में पर्यावरण एवं वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी प्रदान करता है।
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राजस्थान सरकार ने 9 ज़िलों को निरस्त किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने 2023 तक बनाए जाने वाले नौ ज़िलों और तीन संभागों को निरस्त कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- ज़िलों और प्रभागों का पुनर्गठन:
- राजस्थान में अब 41 ज़िले और सात संभाग होंगे।
- पाली, सीकर और बांसवाड़ा संभागों को निरस्त कर दिया गया है।
- आठ ज़िलों को “प्रशासनिक आवश्यकताओं” के चलते बनाए रखा गया है।
- निरस्त किये गये ज़िले:
- दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीम का थाना, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर।
- बरकरार रखे गए ज़िले:
- बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर।
- नये ज़िलों से संबंधित प्रशासनिक मुद्दे:
- बुनियादी ढाँचे का अभाव:
- एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, नए ज़िलों में कार्यालय भवन, प्रशासनिक बुनियादी ढाँचे और आधिकारिक पदों का अभाव था।
- 18 विभागीय पदों का सृजन बोझिल सिद्ध हुआ।
- समिति की अनुशंसाएँ:
- एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में नए ज़िलों को अव्यवहारिक पाते हुए उन्हें समाप्त करने की अनुशंसा की गई।
- इन ज़िलों की स्थिति की समीक्षा के लिये एक कैबिनेट उप-समिति भी गठित की गई।
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