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डॉ. रत्नेश्वर मिश्र को मिलेगा साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
29 दिसंबर, 2022 को साहित्य अकादमी ने हिन्दी, मैथिली और कोंकणी भाषा में वर्ष 2022 का अनुवाद पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की, जिसमें बिहार के डॉ. रत्नेश्वर मिश्र को चमन नाहल के अंग्रेजी उपन्यास ‘आजादी’ की मैथिली अनुवाद के लिये मैथिली भाषा का पुरस्कार दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि साहित्य अकादमी के अनुवादकों को पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और पचास हजार रुपए की राशि अगले वर्ष एक विशेष समारोह में प्रदान की जाएगी।
- दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रत्नेश्वर मिश्र मूल रूप से पूर्णिया के निवासी हैं और वर्तमान में पटना में रहते हैं। मिथिला के चर्चित इतिहासकारों में शुमार 77 वर्षीय डॉ. मिश्र अक्षर साधना के क्षेत्र में भी गंभीर दखल रखते हैं।
- डॉ. मिश्र की कृतियों में मैथिली में प्रकाशित ‘आधुनिक मिथिलाक ऐतिहासिक आयाम’ के साथ ही हिन्दी में ‘विनोदानंद झा: जीवनवृत्त एवं परिवेश’, ‘अतुल्य बिहार’, अंग्रेजी में ‘हिस्ट्री ऑफ पूर्णिया: 1722-1793’, ‘नाइंटींथ सेंचुरी मिथिला: फिनुक्स सर्वे ऑफ ए विलेज’प्रमुख हैं।
- इसके अलावा डॉ. मिश्र की ‘भवभूति’, ‘हिस्ट्री ऑफ तमिल’तथा ‘भारत का इतिहास’ पुस्तक के भी मैथिली अनुवाद प्रकाशित हैं। आचार्य सुरेंद्र झा सुमन के मैथिली उपन्यास ‘उगनाक दयादवाद’का अंग्रेजी अनुवाद भी उन्होंने किया है।
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