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स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 Dec 2022
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

GIS 2023: यूपीसीडा ने हासिल किये एक लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव, 83 हज़ार करोड़ रुपए के एमओयू साइन

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रेदश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यूपीसीडा ने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिये एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव निवेशकों से हासिल किये हैं। इनमें से 83 हज़ार करोड़ रुपए के एमओयू पर हस्ताक्षर भी किये जा चुके हैं।

प्रमुख बिंदु

  • यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि इन एमओयू को 10-12 फरवरी, 2023 को लखनऊ में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि राज्य सरकार उत्तर प्रेदश को 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की ओर अग्रसर है। लक्ष्य प्राप्ति के लिये यूपीसीडा के वरिष्ठ अधिकारियों की नौ टीमों का गठन कर पहले चरण में 22 ज़िलों में निवेशकों व उद्यमियों के साथ बैठकें की गईं। इस दौरान निवेशकों के साथ एमओयू किया गया।
  • इनमें मुख्यरूप से फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क, वेयरहाउसिंग, पेपर उद्योग, मेडिकल क्षेत्र, बायोफ्यूल, खिलौना उत्पाद, डाटा सेंटर, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में निवेश की रुचि दिखाई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व टीम गठित कर अन्य ज़िलों में भी निवेश गोष्ठियाँ की जाएंगी।
  • यूपीसीडा ने जो एमओयू किये हैं, उनसे लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा। जो प्रमुख एमओयू हुए हैं, उनमें गाज़ियाबाद में ग्रपेकर्स नेटवर्क द्वारा 10,000 करोड़ रुपए के निवेश से औद्योगिक पार्क स्थापित करने पर 10000 लोगों को रोज़गार मिलेगा। गौतमबुद्धनगर में मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस पार्क की स्थापना पर 8 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इससे 1000 लोगों को नौकरी मिलेगी। कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट (यूपी) लिमिटेड 6000 करोड़ रुपए के निवेश से लेदर उद्योग स्थापित करेगा। इससे दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
  • प्रतापगढ़ में धरित्री सॉल्यूशन, एसएमआरएम इनोवेटिव वेंचर्स प्रा. लि. द्वारा 9000 करोड़ के निवेश से इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने से 50 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है। सोनभद्र में सिटी गोल्ड इंडस्ट्रियल लि. द्वारा 3000 करोड़ के निवेश से सीमेंट प्लांट के माध्यम से एक हज़ार लोगों को रोज़गार देगी तो लखनऊ में वेलस्पन व लॉजिस्टिक्स पार्क्स प्रा. लि. द्वारा 2000 करोड़ रुपए के निवेश से बड़ी संख्या में लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • हाई फ्लो इंडस्ट्रीज द्वारा आगरा और अयोध्या में 3-3 हज़ार, गाजियाबाद में 14 हज़ार करोड़, गोरखपुर में 1200 करोड़, कानपुर में 7500 करोड़, लखनऊ में 3500 करोड़, अलीगढ़ में 300 करोड़, प्रयागराज में 35000 करोड़, सूरजपुर में 9000 करोड़, वाराणसी में 2000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ही सभी ज़िलों में 5 लाख से अधिक रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
  • निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने के लिये यूपीसीडा ने 15 हज़ार एकड़ से अधिक का लैंड बैंक तैयार किया है। लॉजिस्टिक एवं वेयरहाउस स्थापना के लिये वाराणसी में इंडियन कॉर्पोरेशन ने 2000 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित किया है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में और भी कई निवेश हुए हैं, जैसे कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 23000 करोड़ से अधिक, निजी औद्योगिक पार्क क्षेत्र में 21 हज़ार करोड़, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में लगभग 10000 करोड़, चमड़ा और जूता उद्योग में 6000 करोड़, गैर-धात्विक और खनिज उत्पाद क्षेत्र में लगभग 4000 करोड़ और जैव ईंधन क्षेत्र में लगभग 850 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है।
  • प्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये होने वाले निवेश के लक्ष्य को 10 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 17 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। इसके लिये सभी विभागों के पुराने निवेश लक्ष्यों को भी संशोधित किया गया है। यूपीसीडा का निवेश लक्ष्य भी 70 हज़ार करोड़ रुपए से बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपए कर दिया है। यूपीसीडा ने लक्ष्य संशोधित किये जाने से पहले ही 80 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त कर लिये हैं।

उत्तर प्रदेश Switch to English

हिन्दी संस्थान के 46वें स्थापना दिवस पर 70 साहित्यकार सम्मानित

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का 46वाँ स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम कठिन सिंह, कथाकार डॉ. सुधाकर अदीब व संस्थान के निदेशक आरपी सिंह ने सभी श्रेणियों के कुल 70 साहित्यकारों को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • 26 वर्षों के अनवरत् लेखन से रचित महाकाव्य विधा की पुस्तक ‘अथर्वा, मैं वही वन हूँ’ के लिये भोपाल के आनंद कुमार सिंह को ‘तुलसी पुरस्कार’दिया गया। कविता संग्रह ‘राम धरा पर पुन: पधारो’के लिये शंकर सिंह को श्रीधर पाठक पुरस्कार से नवाजा गया। नाटक विधा की रचना ‘कालपुरुष क्रांतिकारी वीर सावरकर’के लिए गाजियाबाद के साहित्यकार जयवर्धन जेपी को भारतेंदु हरिश्चन्द नामित पुरस्कार मिला।।
  • यात्रा वृत्तांत विधा में पुस्तक ‘सपनों का शहर सैन फ्रांसिस्को’के लिए नोएडा की साहित्यकार जयश्री पुरवार को अज्ञेय नामित पुरस्कार मिला। उपन्यास विधा में ‘कंथा’ पुस्तक के लिये वाराणसी के साहित्यकार श्याम बिहारी श्यामल को प्रेमचंद पुरस्कार दिया गया।
  • बाल साहित्य विधा की पुस्तक ‘मां कह एक कहानी’के लिये गाज़ियाबाद की साहित्यकार श्रद्धा पांडेय को सूर पुरस्कार से नवाजा गया। इतिहास विधा की पुस्तक ‘सियासत का सबक’के लेखक यूपी के पूर्व डीजीपी और भाजपा सांसद बृजलाल को आचार्य नरेंद्र देव पुरस्कार मिला।
  • पत्रकारिता विधा की पुस्तक ‘क्रोनोलॉजी इन कोविडटून्स’के लिये लखनऊ के पत्रकार हरिमोहन वाजपेयी ‘माधव’को धर्मवीर भारती सर्जना पुरस्कार से नवाजा गया। कहानी संग्रह विधा की पुस्तक ‘अनुभव के बोल’के लिये लखनऊ के रामजी भाई को यशपाल पुरस्कार मिला। इसमें 51 कहानियों का संग्रह है।

राजस्थान Switch to English

खेमराज कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी अंतिम रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों के अध्ययन एवं विश्लेषण के लिये गठित खेमराज कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार द्वारा कमेटी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट का परीक्षण करवाकर कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित कार्यवाही की जाएगी। कमेटी द्वारा पूर्व में अपनी अंतरिम रिपोर्ट 2 फरवरी, 2022 को प्रस्तुत की गई थी, जिसकी क्रियान्विति की जा चुकी है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021-22 के बजट में विभिन्न कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों की मांगों के अध्ययन एवं विश्लेषण हेतु एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की गई थी। उक्त बजट घोषणा की क्रियान्विति में खेमराज चौधरी (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.) की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया गया था।

राजस्थान Switch to English

मंत्री अशोक चांदना को वैश्विक संस्था ‘विमेन इकोनॉमिक फोरम’का ‘लीडर ऑफ डिकेड’ सम्मान

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के खेल एवं युवा मामले तथा जनसंपर्क विभाग के राज्य मंत्री अशोक चांदना को वैश्विक संस्था ‘विमेन इकोनॉमिक फोरम’की ओर से नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ‘लीडर ऑफ डिकेड’के सम्मान से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • विश्व स्तर पर महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिये कार्यरत् संस्था ने अशोक चांदना को यह सम्मान उनकी अगुवाई में राजस्थान सरकार की ओर से बालिकाओं और महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों के लिये दिया है।
  • मंत्री अशोक चांदना ने नई दिल्ली के होटल जेडब्ल्यू मैरियट में आयोजित तीनदिवसीय ‘एनुअल डब्ल्यूईएफ-2022, ब्रिज द गैप: एजैंडा फॉर जी-20’ कार्यक्रम के दूसरे दिन ‘पावर ऑफ नेटवर्क़िग: अधिक उचित और समान विश्व की ओर’सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश और दुनिया के न्यायोचित एवं समावेशी विकास के लिये सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना अति आवश्यक है।
  • चांदना ने कहा कि आधुनिक युग में सभी प्रबुद्ध लोगों, संस्थाओं और सरकारों को एक-दूसरे से सीखने की ज़रूरत है, ताकि विकास और समृद्धि के मुकाम को जल्द हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि तकनीकी के इस युग में नेटवर्किंग की भूमिका बहुत ही सशक्त है। लोकल संस्थाओं को वैश्विक संस्थाओं के साथ नेटवर्किंग करके विकास के मुकाम हासिल करने में सहूलियत होती है।
  • चांदना ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा बालिका शिक्षा, सुरक्षा और समाज के सभी क्षेत्रों में भागीदारी के लिये कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे राजस्थान से 30 लाख लोगों ने भागीदारी की। इन ग्रामीण ओलंपिक खेलों में महिलाओं और बालिकाओं की भी भागीदारी उत्साहपूर्ण रही।

मध्य प्रदेश Switch to English

भू-माफियाओं के अतिक्रमण से मुक्त कराई गई ज़मीनों पर बनेंगी ‘सुराज कालोनियाँ’

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भू-माफियाओं से मुक्त अतिक्रमित शासकीय भूमि पर गरीब आवासहीन परिवारों के लिये ‘सुराज कॉलोनियाँ’बसाई जाएंगी। भोपाल के नीलबड़ क्षेत्र से इसकी शुरुआत भी हो गई है।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सभी ज़िलों में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए वर्ष 2022 में 15 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के मूल्य की 23 हज़ार एकड़ से अधिक अतिक्रमित शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराया है। अब इस भूमि पर गरीबों के लिये ‘सुराज कॉलोनियाँ’बसाई जाएंगी।
  • सरकार की दृढ़-इच्छाशक्ति से भू-माफियाओं से करोड़ों रुपए की बेशकीमती ज़मीन न केवल मुक्त कराई जा सकी है, बल्कि इससे भू-माफियाओं के आतंक से भी जनता को राहत मिली है।
  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चौहान ने 18 दिसंबर को भू-माफियाओं से मुक्त कराई गई ज़मीन पर आवासहीन गरीब लोगों को आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिये नीलबड़ क्षेत्र के ग्राम कलखेड़ा में 40 एकड़ भूमि पर सुराज कॉलोनी निर्माण का भूमिपूजन किया था।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में परामर्श समिति का गठन

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहलुओं, संवेदनशील/विशेष आकस्मिक परिस्थितियों में संबंधित विषयों के निर्णय लेने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत गठित ‘राज्य कंप्यूटर सिक्युरिटी इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम’के क्रियाकलाप एवं सुपरविजन के लिये प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक नीति निर्माण, मार्गदर्शन एवं सलाह देने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में परामर्श समिति का गठन किया।

प्रमुख बिंदु

  • यह समिति स्थायी स्वरूप की होगी। समिति में सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत शासन के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक अथवा उनके प्रतिनिधि, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गृह, वित्त, प्रमुख सचिव/सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, महानिदेशक सर्ट-इन प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास, विभागाध्यक्ष (कंप्यूटर साइंस) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर, एन.सी.आई.आई.पी.सी. के प्रतिनिधि, राज्य सूचना अधिकारी-एन.आई.सी., महानिदेशक/अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य साइबर पुलिस, अन्य कोई विशेषज्ञ जैसा यह समिति निर्णय करें सदस्य होंगें। सी.एस.आई.आर.टी. के संचालक सदस्य सचिव होंगे।
  • समिति द्वारा ‘राज्य कंप्यूटर सिक्युरिटी इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम’के क्रियाकलाप की निगरानी, उसके कार्यों की देख-रेख के लिए प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक नीति-निर्माण, मार्गदर्शन एवं सलाह देने का कार्य किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से एक नई योजना ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’ को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु

  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति-पत्र के साथ दे सकते हैं।
  • गौरतलब है कि इस योजना में कृषकों की निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हज़ार एकड़ के मान से पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरि, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा।
  • समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएँ, निजी ट्रस्ट, गैर-शासकीय संस्थाएँ, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक, जो अपनी भूमि में रोपण करना चाहते हैं, इस योजना के हितग्राही होंगे।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।
  • इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है। सहयोगी संस्था अथवा निजी कंपनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिये सुनिश्चित बाज़ार उपलब्ध होगा तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के पश्चात् निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।
  • राज्य में इस योजना के अंतर्गत कुल पाँच वर्षों में एक लाख 80 हज़ार एकड़ में रोपित 15 करोड़ पौधे परिपक्व होने के पश्चात् हितग्राहियों को लगभग 5000 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की संभावना है।
  • ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना’के क्रियान्वयन से प्रति वर्ष लगभग 30 हज़ार किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हज़ार रुपये तक आय की प्राप्ति होगी।
  • योजना के क्रियान्वयन से वाणिज्यिक वृक्षारोपण के रकबे में वृद्धि से काष्ठ आधारित उद्योगों, जैसे- पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिये कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नए उद्योगों की स्थापना से स्थानीय निवासियों के रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा विभिन्न करों के माध्यम से शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लेने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

प्रमुख बिंदु

  • कैबिनेट की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के एनपीएस की राशि वापस करने के केंद्र सरकार की मनाही के बाद भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया।
    • इसके तहत शासकीय सेवकों को 1 अप्रैल, 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा और 1 नवंबर, 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च, 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा।
    • कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी। इसके लिये शासकीय सेवकों को एनपीएस के अंतर्गत पूर्ववत बने रहने अथवा पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नोटराईज्ड शपथ-पत्र में देना होगा। यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा।
    • शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर 1 नवंबर, 2004 से 31 मार्च, 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किये गए अंशदान एवं उस पर प्राप्त लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा।
    • 1 अप्रैल, 2022 एवं उसके पश्चात् नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे।
  • कैबिनेट की बैठक में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिये विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इस योजना में कुल 780 करोड़ रुपए स्कूलों की मरम्मत में खर्च किये जाएंगे।
  • वाणिज्यिक वृक्षारोपण से पर्यावरण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया।
  • प्रदेश में मिलेट्स मिशन कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में चर्चा की गई और राज्य में मिलेट उत्पादन एवं उसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये कृषि, वन, सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास, खाद्य, महिला एवं बाल विकास, ग्रामोद्योग, संस्कृति, वाणिज्य एवं उद्योग, पर्यटन, जनसंपर्क, गृह एवं जेल, वाणिज्यिक कर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से पहल की जाएगी।
  • छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • अंतर्विभागीय और अंतर्निकाय से संबंधित केंद्र राज्य प्रवर्तित योजनाओं के क्लस्टर स्तर पर क्रियान्वयन अनुश्रवण हेतु 5 नवीन ज़िलों में ज़िलास्तरीय एग्लोमरेशन एवं ज़िलास्तरीय समिति गठन का निर्णय लिया गया।
  • एंबुलेंस श्रेणी के वाहनों से जीवनकाल कर उद्ग्रहण हेतु छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 में संशोधन प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • वाहनों से अस्थायी पंजीयन कर में वृद्धि किये जाने हेतु छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 एवं नियम 1991 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • राज्य के सभी ज़िलों में राज्य योजना के राशनकार्डधारियों (एपीएल को छोड़कर) को फोर्टिफाईड चावल वितरण करने का निर्णय लिया गया। इसमें 42 करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत जारी राशनकार्डों में माह जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के समान ही छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम, 2012 के अंतर्गत जारी अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डों में नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण करने का निर्णय लिया गया।
  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
  • विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 88 दंतेवाड़ा के माननीय विधायक भीमा मंडावी की मृत्यु की घटना की न्यायिक जाँच का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

प्रदेश के सभी ज़िलों में होगा फोर्टिफाइड चावल का वितरण

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की स्थिति को दूर करने के मद्देनज़र महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि अब प्रदेश के सभी ज़िलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण होगा।

प्रमुख बिंदु

  • फोर्टिफाइड चावल उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2023 से वितरित किया जाएगा। अंत्योदय, एकल निराश्रित नि:शक्तजन श्रेणी के राशनकार्डधारियों को वर्तमान में दिये जा रहे सामान्य चावल के स्थान पर फोर्टिफाइड चावल मिलेगा।
  • गौरतलब है कि सार्वभौम पीडीएस के तहत खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा एनीमिया एवं अन्य पोषक तत्त्वों की कमी को दूर करने हेतु नवंबर 2020 से कोंडागांव ज़िले में फोर्टिफाइड चावल वितरण प्रारंभ किया गया है।
  • वर्तमान में मध्याह्न भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना में प्रदेश के सभी ज़िलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य के 10 आकांक्षी ज़िले (कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाडा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव, सुकमा) तथा 2 हाईबर्डन ज़िले (कबीरधाम एवं रायगढ़) में फोर्टिफाइड चावल का भी वितरण किया जा रहा है।
  • उल्लेखनीय है कि फोर्टिफाइड चावल पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक है। यह आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त होता है। इसमें मौजूद आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्त्व बड़ों एवं बच्चों में खून की कमी नहीं होने देते हैं तथा खून निर्माण एवं तंत्रिका तंत्र के सही ढंग से कार्य में सहायक होते हैं।
  • फोर्टिफाइड चावल के फायदे के संबंध में ज़िले के राशनकार्डधारियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, मितानिन एवं उचित मूल्य दुकानों में बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल को पकाने के तरीके एवं उपयोग के संबंध में समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है।

उत्तराखंड Switch to English

पर्यटन को लेकर देशभर में छाया उत्तराखंड, चारधाम और कांवड़ यात्रा में बना नया रिकॉर्ड

चर्चा में क्यों?

30 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार तीर्थाटन और पर्यटन के क्षेत्र में साल 2022 उत्तराखंड के लिये अच्छा साबित हुआ। कोरोना के बाद फिर से शुरू हुई चारधाम और कांवड़ यात्राएँ चरम पर रहीं। वहीं दो नए रिकॉर्ड भी बने।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार कांवड़ मेला कोरोनाकाल के दो साल बाद हुआ और तीन करोड़ 82 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड भीड़ से हरिद्वार के व्यवसाय को बूस्टर डोज मिली। चारधाम यात्रा ने भी हरिद्वार के होटल और ट्रैवलर्स व्यवसाय को पटरी पर दौड़ा दिया।
  • हरिद्वार की पूरी अर्थव्यवस्था श्रद्धालुओं पर निर्भर है। कोरोनाकाल में हरिद्वार में व्यवसायियों के कर्मचारियों का वेतन तो दूर बिजली-पानी के बिल और बच्चों की स्कूल फीस देने के लाले पड़ गए थे। कोरोना का कहर कम हुआ, लेकिन पाबंदियों से श्रद्धालुओं की संख्या नहीं बढ़ी, लेकिन 14 जुलाई से 27 जुलाई तक हुए कांवड़ मेले ने हरिद्वार के व्यवसाय को बूस्टर डोज दी।
  • उत्तर भारत के कई राज्यों से तीन करोड़ 82 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी लगाई और गंगाजल लेकर गंतव्यों को रवाना हुए। ऐतिहासिक भीड़ के बाद भी मेले में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। पुलिस और मेला प्रशासन ने बखूबी मेले को संपन्न कराया।
  • कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का इस साल समापन हो गया था।
  • गौरतलब है कि इस बार बदरीनाथ धाम 17 लाख 60 हज़ार 646 श्रद्धालु पहुँचे। वहीं, रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री गंगोत्री धाम पहुँचे। इस बार धाम में 624451 तीर्थ यात्री पहुँचे, जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्री दर्शनों के लिये पहुंचे। इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुँचे हैं, जबकि यात्रा से 211 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है।
  • चारधाम यात्रा के दौरान सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों के बीच विभिन्न कारणों से 281 श्रद्धालुओं की मौत भी हुई। यात्राकाल में स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों में नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की थी।

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