मध्य प्रदेश Switch to English
पंचायतों का फिर से होगा परिसीमन
चर्चा में क्यों?
30 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2021 प्रख्यापित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अध्यादेश के द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में एक नई धारा 10 क जोड़ी गई है।
- इसके द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि यदि पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व किये गए पंचायतों अथवा उनके वार्डों अथवा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन अथवा विभाजन के प्रकाशन की तारीख से अठारह माह के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से निर्वाचन की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो ऐसा परिसीमन अथवा विभाजन अठारह माह की अवधि की समाप्ति पर निरस्त समझा जाएगा।
- ऐसी स्थिति में इन पंचायतों और इनके वार्डों और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन अथवा विभाजन नए सिरे से किया जाएगा।
- प्रदेश में वर्ष 2020 के पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिये सितंबर 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, जो इस अध्यादेश के परिणामस्वरूप निरस्त हो गई है।
- अब पंचायतों और उनके वार्डों तथा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन और विभाजन की कार्यवाही पुन: की जाएगी, जिसके आधार पर निर्वाचन की लंबित प्रक्रिया संपन्न होगी।
झारखंड Switch to English
IIT-ISM और डसॉल्ट ने खनन और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिये MoU पर हस्ताक्षर किये
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में डसॉल्ट सिस्टम्स (यूरोनेक्स्ट पेरिस) ने भारत में एक विश्व-स्तरीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिये IIT(ISM) धनबाद के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ‘टेक्समिन’ (टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग) फाउंडेशन के साथ भागीदारी की है जो खनन और संबद्ध उद्योगों के लिये विशिष्ट प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा और भविष्य के लिये कार्यबल तैयार करेगा।
प्रमुख बिंदु
- एक प्रौद्योगिकी और समाधान भागीदार के रूप में, डसॉल्ट सिस्टम्स अपने 3DEXPERIENCE प्लेटफॉर्म के माध्यम से औद्योगिक और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिये भूवैज्ञानिक मॉडलिंग और खदान इंजीनियरिंग से लेकर कार्यबल और उत्पादन शेड्यूलिंग, आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन, पोर्टफोलियो अनुकूलन और संयंत्र डिज़ाइन तक पूर्ण पिट-टू-पोर्ट अनुकूलन के साथ अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करेगा।
- यह साझेदारी छात्रों और पेशेवरों को सीखने के अनूठे अवसरों के साथ सशक्त बनाएगी और उन्हें इस तेज गति वाले उद्योग के लिये तैयार करेगी।
- कोर्स और कार्यक्रम 3DEXPERIENCE® प्लेटफॉर्म पर आभासी दुनिया को मिलाकर तैयार किए जाएंगे जो पूर्ण डिजिटल परिवर्तन की क्षमताओं को खोलने व स्थायी खनन और धातुओं की नई वास्तविकता का अनुभव अनुभव करने के लिये एक स्रोत प्रदान करता है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
नए साल से स्कूलों में भाषा और गणितीय कौशल के लिये चलेगा अभियान
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने बताया कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बुनियादी शिक्षा और गणित की विशेष पढ़ाई के लिये नए वर्ष से अभियान चलाया जाएगा। सौ दिनों तक चलने वाले इस अभियान में कक्षा आठवीं तक के बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी ज़िला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डाईट, ज़िला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा को इस संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं। निर्देश में अभियान में 14 सप्ताह के लिये भाषा और गणित की गतिविधियाँ सुझाई गई हैं।
- सभी ज़िले एवं विकासखंड अपने-अपने स्तर पर भाषा और गणित संबंधी प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) के सामग्री तैयार करेंगे।
- उल्लेखनीय है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान राज्य में शिक्षकों ने स्कूली बच्चों के अध्ययन को जारी रखने के लिये ‘पढ़ई तुंहर दुआर’के अंतर्गत नवाचार किया। दूसरे वर्ष पढ़ई तुंहर दुआर-2.0 के अंतर्गत पढ़ना, लिखना, गणित, विज्ञान के प्रयोग एवं समूह के प्रोजेक्ट बनाने का अभ्यास करवाते हुए संकुल से लेकर ज़िला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
- इन प्रतियोगिताओं में समुदाय एवं पालकों के बीच से निर्णायकों का चयन किया गया। इससे राज्य के स्कूलों में अच्छा माहौल बना, जिसे आगे जारी रखने के लिये यह कार्यक्रम लागू करने की योजना बनाई गई है।
- स्थानीय स्तर पर प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) के माध्यम से सप्ताहवार, विषयवार सामग्री को विस्तारित कर रोचक गतिविधियों को डिज़ाइन कर स्थानीय स्तर पर अग्रिम रूप से स्कूलों को सोशल मीडिया के ज़रिये पाठ्य सामग्री प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी।
- निर्देश में कहा गया है कि माह जनवरी 2022 का चर्चा पत्र बुनियादी साक्षरता एवं गणितीय कौशल पर आधारित है। सभी विकासखंड के लिये स्थानीय सामग्री को शिक्षकों के माध्यम से एकत्र कर सकेंगे। प्रत्येक विकासखंड में चर्चा पत्र के आधार पर एक विस्तारित सामग्री एकत्र कर स्कूलों में शिक्षकों को उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्रति सप्ताह निर्धारित बिंदुओं पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की नियमित मॉनिटरिंग और अकादमिक समर्थन संकुल समन्वयकों, शाला संकुल प्राचार्यों, विकासखंड-स्तरीय अधिकारियों, डाईट एवं ज़िला-स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से किया जाए।
- सभी स्कूलों में इन निर्धारित बिंदुओं में बच्चों के साथ कार्य किया जाएगा। एक दल गठित कर प्रति सप्ताह कुछ सैम्पल क्षेत्रों में बच्चों के साथ उनकी उपलब्धि में हो रहे सुधारों की निगरानी की जाएगी। साथ ही उनकी जानकारी का गहराई से अध्ययन कर पालकों एवं समुदाय के समक्ष अपने सीखे हुए बिंदुओं पर समय-समय पर प्रदर्शन भी किया जाएगा।
उत्तराखंड Switch to English
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17,547 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हल्द्वानी (नैनीताल) में आयोजित कार्यक्रम में 17,547 करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया इनमें 3420 करोड़ रुपए की 06 योजनाओं का लोकार्पण और 14,127 करोड़ रुपए की 17 योजनाओं का शिलान्यास शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एम्स के सैटेलाइट सेंटर और पिथौरागढ़ के मेडिकल कालेज से कुमाऊँ और तराई क्षेत्र के लोगों के लिये विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। विभिन्न सड़क प्रोजेक्ट कुमाऊँ को बेहतर कनेक्टीवीटी देंगे। टनकपुरबागेश्वर रेल लाईन पर भी जल्दी से काम शुरू होगा।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी को नए साल की एक और सौगात दी जाएगी। हल्द्वानी के ओवरऑल विकास के लिये 2 हज़ार करोड़ की योजनाएँ लायी जाएंगी जिससे यहां अभूतपूर्व विकास होगा।
- केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा किये गए साढ़े सत्रह हज़ार करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास में पाँच हज़ार सात सौ सैंतालीस करोड़ रुपए की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना भी शामिल है।
- इस परियोजना से 300 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा जिससे प्रदेश न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में एक ‘पावर हाउस’बनेगा बल्कि राज्य में बड़े स्तर पर रोज़गारों का सृजन भी होगा। साथ ही साथ इस परियोजना से 6 राज्यों को पीने का पानी भी उपलब्ध होगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कुमाऊँ संभाग में लगभग 500 करोड़ से अधिक की लागत से एम्स का सेटेलाइट सेंटर के प्रारंभ होने के पश्चात् उत्तराखंड भारत का वह पहला राज्य बन जाएगा जहाँ एम्स के अतिरिक्त एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी स्थापित होगा।
- पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों तक उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से 455 करोड़ रुपए की लागत से पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। सरकार चारधाम कॉरिडोर की तर्ज पर कुमाऊँ क्षेत्र में मानस खंड कॉरिडोर बनाने के लिये भी प्रयासरत है। इससे जहाँ एक ओर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पूरे कुमाऊँ के आधारभूत ढाँचे को भी बल मिलेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत चवालिस वर्षों से लंबित जमरानी बांध एवं पेयजल योजना शीघ्र ही प्रारंभ होने जा रही है। हल्द्वानी में एकीकृत शहरी मूलभूत ढाँचे के विकास (इन्टीग्रेटेड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इन हल्द्वानी) के लिये केंद्र सरकार के गंभीर प्रयासों से लगभग इक्कीस सौ करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में नियम-134ए खत्म : अब आरटीई के तहत पढ़ेंगे गरीब बच्चे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा सरकार ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 134-ए को हटाकर आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा की सुविधा वापस लेने संबंधी अधिसूचना जारी की है।
प्रमुख बिंदु
- नियम 134-ए के तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के मेधावी छात्रों को प्राइवेट स्कूलों में 10 फीसदी सीटों पर प्रवेश मिलता था और वे 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर सकते थे।
- नियम-134ए के खत्म हो जाने के बाद अब गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में 10 फीसदी सीटों पर मुफ्त दाखिला नहीं मिलेगा। सरकार शिक्षा का अधिकार नियम (आरटीई) के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों को निजी स्कूलों में 25 फीसदी दाखिला दिलाएगी।
- नियम-134ए को खत्म करने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियम, 2003 में संशोधन किया है। संशोधित नियमों को अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियम, 2022 कहा जाएगा।
- राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, (RTE Act) की धारा 12(1)(सी) लागू है। इसके तहत निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिये 25% सीटों का आरक्षण अनिवार्य है।
- नियम 134-ए हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों के तहत एक प्रावधान था, जो आरटीई से पहले मौज़ूद था। नया अधिनियम ईडब्ल्यूएस को 25 प्रतिशत लाभ प्रदान करता है, जबकि नियम 134-ए केवल 10 प्रतिशत का लाभ प्रदान करता है।
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