मुज़फ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में खुलेगा उत्तर बिहार का सबसे बड़ा कौशल प्रशिक्षण केंद्र | बिहार | 31 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
30 अक्तूबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार मुज़फ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में उत्तर बिहार का सबसे बड़ा कौशल प्रशिक्षण केंद्र खुलेगा, जिसका काम अंतिम चरण में है।
प्रमुख बिंदु
- कौशल प्रशिक्षण केंद्र में युवाओं को कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स व हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर व फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स व ज्वेलरी, लेदर टेक्नोलॉजी, बैग निर्माण सहित 40 क्षेत्रों की ट्रेनिंग मिलेगी। एक साथ एक छत के नीचे एक हज़ार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
- यह केंद्र उत्तर बिहार सहित अन्य राज्यों के युवाओं को रोज़गार के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उन्हें निपुणता प्रमाणपत्र जारी करेगा।
- बेला औद्योगिक क्षेत्र फेज एक में दिसंबर से फैंसी गारमेंट का उत्पादन शुरू हो जाएगा। दिल्ली की एक गारमेंट कंपनी ने यहाँ फैक्ट्री स्थापित की है, जो दिसंबर से उत्पादन शुरू करेगी। इससे करीब एक हज़ार से अधिक लोगों को रोज़गार के अवसर मिल सकेंगे।
- विदित हो कि देश के बेरोज़गार युवाओं को कौशल का प्रशिक्षण देने हेतु वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत हुई थी। 2015 से 2016 तक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के सफल संचालन के बाद 2016 में योजना का पार्ट-टू शुरू किया गया, जो 2020 तक चला। 2020 में इस योजना का पार्ट-थ्री शुरू किया गया। पार्ट-थ्री में करीब आठ लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
बिहार के शशि भूषण ने 37वें नेशनल गेम्स में जीता रजत पदक | बिहार | 31 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
30 अक्तूबर, 2023 को गोवा में चल रहे 37वें नेशनल गेम्स में बिहार के आरा ज़िले के शशि भूषण ने 1500 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्रण शंकरण ने बताया कि शशि भूषण ने 3 मिनट 41.49 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता है।
- 20 वर्षों बाद नेशनल गेम्स के एथेलेटिक्स में बिहार को पदक मिला है। नेशनल गेम्स 2023 में बिहार के लिये यह दूसरा रजत पदक है। इसके पहले महिला रग्बी में बिहार एक रजत पदक अपने नाम कर चुका है।
- गौरतलब है कि 25 अक्तूबर से 9 नवंबर तक गोवा में 37वें नेशनल गेम्स का आयोजन हो रहा है। इसमें 22 विभिन्न खेल विधाओं में बिहार के 208 महिला और पुरुष खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों के साथ बिहार ओलंपिक एसोसिएशन के 15 अधिकारियों सहित कुल 223 लोगों ने हिस्सा लिया है।
- बिहार राज्य के खिलाड़ियों ने एथेलेटिक्स, तीरंदाजी, मुक्केबाज़ी, तलवारबाज़ी, रग्बी, साइकिलिंग, जूडो, ताइक्वांडो, योगा, तैराकी, पेंचक सिलाट, सेपक टाकरा, भारोत्तोलन, वुशु, ट्राइथलॉन, मार्शल आर्ट, स्क्वैश, कुश्ती आदि प्रमुख खेलों में हिस्सा लिया है।
- नेशनल गेम्स के लिये बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा यहाँ के खिलाड़ियों को विशेषरूप से प्रशिक्षण दिया गया है। इसके लिये अलग-अलग खेलों के विशेष प्रशिक्षण शिविर लगाए गए थे, जैसे- रग्बी और सेपक टाकरा के लिये आईआईटी बिहटा में, वुशु का मुज़फ्फरपुर में, तीरंदाज़ी का पाटलिपुत्र खेल परिसर में विशेष प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था।
कॉर्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की बिहार इकाई का दो दिवसीय 29वाँ वार्षिक सम्मेलन | बिहार | 31 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
28-29 अक्तूबर, 2023 तक कॉर्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की बिहार इकाई के दो दिवसीय 29वें वार्षिक सम्मेलन का होटल मौर्या में आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सम्मेलन का शुभारंभ किया था। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से हृदय रोग विशेषज्ञ शामिल हुए थे।
- सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पी.एम.सी.एच.) को 5462 बेड का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैश अस्पताल बनाया जा रहा है, ताकि मरीज़ों का इलाज और बेहतर ढंग से हो सके।
- निश्चय-2 में बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत जन्म से हृदय में छेदवाले बच्चों का नि:शुल्क इलाज करवाया जाता है। पटना में ही अब इसके इलाज की व्यवस्था की गई है। आई.जी.आई.सी. में 198 बच्चों का और आई.जी.आई.एम.एस. में 24 बच्चों का इलाज हो चुका है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे, जो अब बढ़कर 13 हो गए हैं। कई अस्पतालों का और विस्तार किया जा रहा है। आई.जी.आई.एम.एस. पटना में 2500, एन.एम.सी.एच. पटना में 2500, एस.के.एम.सी.एच, मुज़फ्फरपुर में 2500 बेड, डी.एम.सी.एच दरभंगा में 2500 बेड का विस्तार किया जा रहा है।
- राजवंशी नगर अस्पताल को हड्डी रोग के इलाज का विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है, जिसका नामकरण लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल किया गया है। आँख के लिये राजेंद्र नगर अस्पताल को विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है। डायबिटीज के लिये न्यू गार्डिनर अस्पताल को विशिष्ट अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामबहादुर सिंह और स्व. पद्मानंद सिंह ‘ब्रह्मचारी’ की आदमकद प्रतिमा का किया अनावरण | बिहार | 31 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
27 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहरसा ज़िले के पंचगछिया ग्राम के भगवती प्रांगण में ‘कोसी का गांधी’स्वातंत्र्यवीर स्व. रामबहादुर सिंह और उनके ज्येष्ठ पुत्र स्वतंत्रता सेनानी स्व. पद्मानंद सिंह ‘ब्रह्मचारी’की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रामबहादुर बाबू का जन्म 1901 ई. में हुआ था और उनकी मृत्यु 1950 ई. में हुई थी। 1919 ई. में रामबहादुर बाबू स्वामी सहजानंद सरस्वती के संपर्क में आए और अंग्रेज़ों द्वारा लाए गए काले कानून ‘रॉलेट एक्ट’का विरोध करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी थी।
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन को सफल बनाने के लिये रामबहादुर बाबू ने 1920 ई. में सैकड़ों लोगों के साथ मिलकर कोसी सेवक दल का गठन किया और कोसी क्षेत्र में विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया तथा खादी ग्राम उद्योग की शुरुआत की।
- 1925 ई. में जब गांधीजी बिहार आए थे और पूर्णिया, अररिया, फारबिसगंज आदि जगहों पर गए तो भ्रमण के दौरान रामबहादुर बाबू उनके साथ रहे थे। 1930 ई. में उन्होंने गांधीजी के नमक सत्याग्रह आंदोलन में भी भाग लिया।
- वर्ष 1934 ई. में जब बिहार में भूकंप आया था और गांधीजी भूकंप पीड़ितों से मिलने मुंगेर पहुँचे थे तो पंचगछिया ग्राम भी आकर रामबहादुर बाबू से मिले थे, क्योंकि इनका घर भी भूकंप में ध्वस्त हो गया था। ऐसी स्थिति में भी रामबहादुर बाबू की धर्मपत्नी कुंती देवी ने अपना धन बापू के समक्ष दान में दे दिया था, ताकि पीड़ितों की मदद की जा सके। 1942 ई. के भारत छोड़ो आंदोलन में भी रामबहादुर बाबू ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि रामबहादुर बाबू के पुत्र पद्मानंद सिंह ‘ब्रह्माचारी’ने भी 1942 ई. के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। पद्मानंद सिंह का जन्म वर्ष 1921 में और मृत्यु वर्ष 2016 में हुई थी।