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उत्तराखंड की 10 महिलाओं को मिलेगा नंदा देवी वीरता सम्मान
चर्चा में क्यों?
30 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में गठित चयन समिति ने वीरता और साहस दिखाने वाली राज्य की 10 महिलाओं को ‘नंदा देवी वीरता सम्मान’प्रदान किये जाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि श्री नंदा देवी राजजात पूर्व पीठिका समिति की ओर से हर साल अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता है।
- इस साल वीरता और साहस के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाली पर्वतीय क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में कार्यरत् महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। इन्हें एक नवंबर को राज्य विधानसभा के प्रकाश पंत भवन सभागार में आयोजित होने वाले समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
- इन महिलाओं में राज्य के पौड़ी से फ्लाइंग ऑफिसर निधि बिष्ट, बागेश्वर से अनीता टम्टा, पिथौरागढ़ के धारचूला की कलावती बडाल, चंपावत की तारा जोशी, कपकोट की तारा टाकुली, तारा पांगती, पिथौरागढ़ से गीता देवी पांगती, बागेश्वर से आशा देवी, चंबा से निवेदिता पंवार, पिथौरागढ़ से सीता देवी बुरफाल को सम्मान के लिये चयनित किया गया है।
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उत्तराखंड में बदले जाएंगे गुलामी के सभी प्रतीकों के नाम
चर्चा में क्यों?
29 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया कि राज्य में उपनिवेशवाद, यानी गुलामी के सभी प्रतीकों के नाम बदले जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिया है कि राज्य में उपनिवेशवाद के सभी प्रतीकों का नाम बदलकर उनका दोबारा नामकरण किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में जिन सड़कों और शहरों के नाम अंग्रेज़ों के जमाने के हैं, उनको बदला जाएगा।
- विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद देश में उपनिवेशवाद के सभी प्रतीकों को बदला जा रहा है और इन्हीं की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने सूबे में कई स्थानों के नाम बदले हैं।
- गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही ‘कर्त्तव्य पथ’ का उद्घाटन किया था। ‘कर्त्तव्य पथ’ को पहले ‘राजपथ’ कहा जाता था।
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