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आपात स्थिति में हर ज़िले में हेलीपैड सुविधा प्रदान करने वाला हरियाणा बनेगा देश का पहला राज्य
चर्चा में क्यों?
29 अक्टूबर, 2022 को राज्य के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में बताया कि भविष्य में युद्ध व आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग सुविधा प्रदान करने के लिये प्रत्येक ज़िले में हेलीपैड बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा।
प्रमुख बिंदु
- दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में इस प्रकार का आधारभूत ढाँचा विकसित होने से युद्ध व आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग की जा सकेगी तथा सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस लाइन में हेलीपैड बनने से इन हेलीपैड की सुरक्षा के भी पूरे इंतज़ाम रहेंगे।
- इन हेलीपैड पर रात्रि के समय लैंडिंग करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसकी भी संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने लैंडिंग सुविधा के लिये ज़िला पुलिस लाइन में हेलीपैड स्थापित करने की संभावना पर तेज़ी से कार्य करने के निर्देश दिये।
- विदित है कि हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में आपात स्थिति से निपटने के लिये देश के हर ज़िले में एक हेलीपैड बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया था। इस दिशा में हरियाणा सरकार ने आश्वस्त करते हुए सर्वप्रथम पहल करने की इच्छा व्यक्त की थी।
- दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और अवधारणाओं को राज्य में लागू करने में सदैव अग्रणी रही है। हर ज़िले में हेलीपैड स्थापित करने के लिये गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक को आधारभूत ढाँचा विकसित करने के लिये निर्देश दे दिये गए हैं।
- उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट सुरक्षा प्रशिक्षण देने के लिये हरियाणा में संस्थान स्थापित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिये हिसार, सिरसा और पिंजौर में जगह चिह्नित करने के निर्देश दिये, जिससे राज्य के युवाओं के साथ-साथ अन्य राज्यों के युवा भी इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इस संस्थान के बनने से हरियाणा उड्डयन क्षेत्र में और मज़बूत बनेगा।
- दुष्यंत चौटाला ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत एयर कनेक्टिविटी को मज़बूत करने के लिये अप्रैल 2023 से हिसार से नए मार्ग की पहचान हेतु 7 अन्य राज्यों के साथ समझौता करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। इस कार्य योजना के सफल होने से प्रदेश के नागरिकों को हवाई यात्रा करने की व्यापक सुविधा मिलेगी।
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एनजीटी द्वारा कचरा प्रबंधन को लेकर गठित कमेटी की तीसरी बैठक गुरुग्राम के बंधवाड़ी में आयोजित
चर्चा में क्यों?
29 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के गुरुग्राम ज़िले के बंधवाड़ी मे कचरा प्रबंधन और कचरे का सही ढंग से प्रसंस्करण करने को लेकर राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित कमेटी की तीसरी बैठक आयोजित की गई ।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर जमा कचरे का आकलन वैज्ञानिक तरीके से नए सिरे से करवाया जाएगा तथा इसकी ज़िम्मेदारी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को दी गई है, जो एक सप्ताह में इस कार्य को पूर्ण करवाएंगे, जिसके हिसाब से इस कचरे के निस्तारण के लिये नगर निगम गुरुग्राम संशोधित एक्शन प्लान तैयार करेगा, जिसमें हर गतिविधि के लिये समय सीमा निर्धारित होगी।
- हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसके सदस्यों में जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के एसीएस विनीत गर्ग, शहरी स्थानीय निकाय के एसीएस अरुण गुप्ता, गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त मुकेश आहुजा, फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त जितेंद्र दहिया, गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव, फरीदाबाद के उपायुक्त विक्रम सिंह तथा सीपीसीबी के क्षेत्रीय निदेशक शामिल हैं।
- कमेटी की बैठक में बंधवाड़ी में कचरे के सही ढंग से निस्तारण से लेकर वहाँ पर लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू करने और विकेंद्रित कचरा प्रसंस्करण, कचरे से निकलने वाले आरडीएफ के निस्तारण, लीगेसी वेस्ट, लिगेसी लीचेट, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने, अग्निशमन के प्रबंध करने आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
- इस बैठक में निर्णय लिया गया कि बंधवाड़ी में जमा पूरे लीगेसी वेस्ट का प्रसंस्करण मार्च 2023 अंत तक पूरा करने के प्रयास किये जाएंगे।
- बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम तथा फरीदाबाद ज़िलों में विकेंद्रीकृत कचरा प्रसंस्करण प्रणाली अपनाने पर कार्यवाही चल रही है, जिसके लिये एक स्थान पर कचरा न ले जाकर दोनों शहरों में छोटे-छोटे कचरा प्रसंस्करण प्लांट लगाए जाएंगे। कचरा प्रसंस्करण के लिये सात अलग-अलग प्रसंस्करण साइटों की पहचान की गई है। हर साइट के लिये सॉलिड वेस्ट और लीचेट ट्रीटमेंट की योजना बनाई गई है।
- ज्ञातव्य है कि गुरुग्राम तथा फरीदाबाद, दोनों शहरों से प्रतिदिन लगभग 2000 मीट्रिक टन कचरा आता है।
- बैठक में बताया गया कि बंधवाड़ी में लीचेट ट्रीटमेंट के लिये 200-200 केएलडी क्षमता के दो डीटीआरओ प्लांट संचालित हो रहे हैं तथा इसके अलावा लगभग 150 केएलडी क्षमता का लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट भी 30 नवंबर तक कार्यरत् हो जाएगा। कुल मिलाकर लीचेट ट्रीटमेंट की 550 केएलडी क्षमता हो जाएगी। इसके बाद प्रतिदिन निकलने वाला लीचेट साथ-की-साथ ही शोधित किया जा सकेगा।
- बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी हर सप्ताह लीचेट ट्रीटमेंट को लेकर रिपोर्ट देंगे और जहाँ तक लिगेसी लीचेट का सवाल है, उसे टैंकरों में भरकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी ) पर भेजा जाएगा, जहाँ पर जीएमडीए द्वारा उसके ट्रीटमेंट के लिये डीटीआरओ प्लांट लगवाया जाएगा।
- ये लीचेट वाले टैंकर बंधवाड़ी प्लांट से एसटीपी पर पहुँचे, यह सुनिश्चित करने के लिये पर्यावरणविदों का सहयोग लिया जाएगा और इस लीचेट के सैंपल टेस्ट करने के बाद ही जब इसमें टॉक्सिक पदार्थ निर्धारित मंज़ूरशुदा मात्रा में होंगे, तब ही इसे सीवरेज में डाला जाएगा, अन्यथा नहीं।
- बैठक में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें इकोग्रीन कंपनी की तरफ से बताया गया कि 10 नवंबर से पहले ईपीसी कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर लिये जाएंगे तथा इसके बाद 31 दिसंबर, 2022 से पहले प्लांट लगाने का कार्य धरातल पर शुरू कर दिया जाएगा।
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