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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 Oct 2022
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मुख्यमंत्री ने 28 ज़िलों में सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों का किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

30 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के 28 ज़िलों में सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और ज़िला अस्पतालों में स्थापित नवीन सिकल सेल प्रबंधन केंद्रों का उद्घाटन करते हुए छत्तीसगढ़ में जल्द ही राष्ट्रीय स्तर के सिकलसेल रिसर्च सेंटर की स्थापना किये जाने की घोषणा की।
  • इसके साथ ही प्रदेश के 24 ज़िला अस्पतालों, नौ मेडिकल कॉलेजों तथा राजधानी रायपुर स्थित सिकलसेल संस्थान छत्तीसगढ़ में सिकलसेल की नि:शुल्क जाँच, उपचार और परामर्श की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सिकलसेल की समस्या का प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नवीन सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की स्थापना की जा रही है। यह केंद्र प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेज अस्पतालों एवं सभी ज़िला चिकित्सालयों में संचालित किये जाएंगे।
  • इन केंद्रों में सिकलसेल की जाँच एवं उपचार के साथ अस्पताल की प्रयोगशाला के माध्यम से साल्युबिटी टेस्ट द्वारा स्क्रीनिंग एवं इलेक्ट्रोफोरेसिस तथा नवीन विधि पॉइंट ऑफ केयर (POC) टेस्ट द्वारा पुष्टि हेतु जाँच उपलब्ध कराई जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सिकलसेल जाँच की नवीन विधि पॉइंट ऑफ केयर (POC) टेस्ट काफी आसान है। मितानिनें भी इस विधि से जाँच कर सकती हैं। इस पद्धति से अभियान चलाकर सिकलसेल मरीज़ों की पहचान की जा सकती है।
  • मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सिकलसेल से पीड़ित राजेंद्र नगर रायपुर के सातवर्षीय बालक प्रतिक दास मानिकपुरी और गुढ़ियारी की 17 वर्षीय बालिका ओशिका रामटेके को डिजिटल कार्ड प्रदान कर सिकलसेल से पीड़ित व्यक्तियों को डिजिटल कार्ड वितरण का शुभारंभ किया।
  • स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने कार्यक्रम में बताया कि अब तक किये गए सर्वे में प्रदेश की दस प्रतिशत आबादी में सिकलसेल वाहक और एक प्रतिशत रोगी पाए गए हैं। सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों में विशेष रूप से उपचार प्राप्त कर रहे प्रत्येक सिकलसेल रोगी की इलेक्ट्रॉनिक एंट्री सिकलसेल संस्थान के पोर्टल में कर सूची संधारित की जाएगी एवं उन्हें नियमित फॉलो-अप एवं दवा लेने हेतु संपर्क किया जाएगा।

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समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की सहूलियत के लिये एन्ड्रॉयड ऐप ‘टोकन तुंहर हाथ

चर्चा में क्यों?

29 अक्टूबर 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पंजीकृत किसान को धान विक्रय हेतु टोकन जारी करने की प्रक्रिया के सरलीकरण एवं सुव्यवस्थित प्रबंधन के उद्देश्य से एन.आई.सी. द्वारा एन्ड्रॉयड ऐप ‘टोकन तुंहर हाथ’विकसित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘टोकन तुंहर हाथ’ऐप की सहायता से प्रत्येक पंजीकृत किसान संबंधित उपार्जन केंद्र में स्वयं के द्वारा निर्धारित तिथि में धान विक्रय हेतु टोकन प्राप्त कर सकेंगे। इस ऐप के उपयोग से पंजीकृत किसानों द्वारा संबंधित समिति उपार्जन या उपार्जन कंद्रों में आगामी 7 दिवस तक टोकन प्राप्त किया जा सकता है।
  • इस ऐप द्वारा किसान को समिति द्वारा दर्ज किसान की जानकारी पंजीकृत रकबा, बैंक खाता, टोकन एवं धान खरीदी आदि की सभी नवीनतम जानकारियाँ प्राप्त होंगी।
  • ऐप के माध्यम से संबंधित समिति या उपार्जन केंद्र में प्रत्येक दिन की खरीदी क्षमता के 30 प्रतिशत की सीमा तक ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया जा सकेगा। उक्त सीमा में भी सीमांत, लघु व दीर्घ कृषकों को उनकी पंजीकृत संख्या के अनुपात में टोकन हेतु समान अवसर उपलब्ध होगा।
  • संबंधित समिति उपार्जन केंद्र में शेष 70 प्रतिशत खरीदी क्षमता की मात्रा ऑफलाइन टोकन हेतु उपलब्ध रहेंगी, ताकि जो किसान ऐप के माध्यम से टोकन प्राप्त करने में असुविधा महसूस करते हैं, उन्हें पूर्व वर्षों की भाँति समिति मॉड्यूल से टोकन प्राप्त हो सके।
  • ऐप के माध्यम से टोकन जारी करने की व्यवस्था पूर्व वर्षों में समिति माड्यूल से टोकन जारी करने की व्यवस्था करने की प्रक्रिया के अलावा अतिरिक्त रूप से की जा रही है। इस प्रकार कृषकों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से टोकन प्राप्त हो सकेगा।
  • उक्त ऐप के उपयोग से निम्नलिखित लाभ संभावित हैं-
    • समिति/उपार्जन केंद्रों में टोकन प्राप्त करने हेतु किसानों की भीड़ में कमी आएगी।
    • किसानों को घर-बैठे धान बेचने हेतु टोकन प्राप्त हो सकेगा, उन्हें समिति, उपार्जन कंद्रों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
    • किसानों को अपनी पंजीयन संबंधित जानकारी, जैसे- व्यक्तिगत, भूमिगत/खाता/धान खरीदी एवं भुगतान की जानकारी भी सुगमता से प्राप्त हो सकेगी। 

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