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स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 Aug 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

2021 में उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा का सिर्फ एक मामला: एनसीआरबी रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के 2021 के क्राइम के आँकड़ों के अनुसार पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा के 378 मामले दर्ज हुए हैं, उसमें से उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के आँकड़ों के अनुसार देश में सांप्रदायिक हिंसा के 378 मामलों में महाराष्ट्र में 100, झारखंड में 77, बिहार में 51, हरियाणा में 40 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं इस मामले में राजस्थान पाँचवें नंबर पर है।
  • नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में राज्य में पहले से काफी कमी आई है। देश की तुलना में साइबर क्राइम की घटनाओं में भी प्रदेश में कमी देखने को मिल रही है।
  • एनसीआरबी के जारी आँकड़ों के अनुसार साल 2019 में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले दर्ज किये गए, जबकि साल 2021 में यह घटकर 16838 हो गए। साल 2019 में राज्य में महिलाओं के खिलाफ 59853 मामले दर्ज किये गए जो 2021 में घटकर 56083 हो गए। इतना ही नहीं 2019 में साइबर क्राइम के 11416 मामले दर्ज किये गए जो साल 2021 में घटकर 8829 हो गए।
  • साल 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 6.2 फीसदी की कमी, बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 11.11 फीसदी की कमी और साइबर क्राइम के मामले में भी 22.6 फीसदी की कमी देखने को मिली है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश 16,838 मामलों में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध में 28वें स्थान पर, फिरौती के लिये अपहरण में 50 मामलों के साथ 36 वें स्थान पर और पाक्सो एक्ट के मामले में 6.3 क्राइम रेट के साथ 21वें स्थान पर रहा।
  • रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में गिरावट की प्रवृत्ति भी जारी रही, महिलाओं के विरुद्ध अपराध में प्रदेश देश में 16वें स्थान पर है। दुराचार के 2845 मुकदमों के साथ राज्य 23वें स्थान पर और हत्या में 24वें स्थान पर रहा।

राजस्थान Switch to English

इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को जोधपुर के श्री उम्मेद राजकीय स्टेडियम में आयोजित शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति तक रोज़गार के अवसर पहुँचाने के लिये ‘इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना’की शुरूआत 9 सितंबर, 2022 से करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना’की तर्ज़ पर राज्य में ‘इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना’लागू करने की अभिनव पहल की गई है। अब तक इस योजना में लगभग 1.5 लाख लोगों द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है।
  • मुख्यमंत्री की बजट घोषणा वर्ष 2022-23 के अनुसरण में राज्य के शहरी क्षेत्रों की नगरीय निकायों की सीमा में निवास करने वाले परिवारों, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमज़ोर, असहाय एवं बेरोज़गार परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु मनरेगा की तर्ज़ पर ‘इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना’लागू की जा रही है।
  • इस योजना का उददेश्य शहरी क्षेत्र में निवास कर रहे परिवार को एक वर्ष में 100 दिवस का गारंटीशुदा रोज़गार उपलब्ध करवाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को भी जीवनयापन करने में मदद मिलेगी।
  • यह देश में सबसे बड़ी शहरी रोज़गार गारंटी योजना है। योजना के लिये सालाना 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • योजना के तहत स्थानीय निकाय क्षेत्र में निवास कर रहे 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु के सदस्य का जन आधार कार्ड के आधार पर पंजीयन किया जाएगा। आवेदक जिस वार्ड या ज़ोन में रहता है, उसे वहीं रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्य प्रदेश योग आयोग के गठन के अनुसमर्थन के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रि-परिषद ने राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ जीवन शैली एवं निरोग जीवन जीने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश योग आयोग के गठन का अनुसमर्थन किया।
    • आयोग अपनी गतिविधियों का संचालन महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से करेगा। मध्य प्रदेश योग आयोग का प्रशासकीय विभाग स्कूल शिक्षा विभाग होगा।
    • आयोग में राज्य शासन द्वारा मनोनीत योग के क्षेत्र में कार्यरत एवं अति विशिष्ट योगदान देने वाले अशासकीय व्यक्ति अध्यक्ष रहेंगे।
    • महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष (पदेन) योग आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में रहेंगे। राज्य शासन द्वारा मनोनीत योग के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले 5 व्यक्ति अशासकीय सदस्य के रूप में रहेंगे। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के निदेशक पदेन सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
    • योग आयोग का पंजीयन सोसायटी एक्ट में किया जाएगा। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष, चिकित्सा शिक्षा, सामाजिक न्याय, खेल एवं युवा कल्याण, जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास एवं पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव के प्रतिनिधि शासकीय सदस्य होंगे।
    • अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा।
  • मंत्रि-परिषद ने विशेष प्रकरण मानते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी प्रियांशु राजावत को थॉमस कप में स्वर्ण पदक अर्जित करने पर 10 लाख रुपए प्रोत्साहन स्वरूप देने का निर्णय लिया।
  • मंत्रि-परिषद द्वारा खनिज साधन विभाग में खनिज राजस्व बकाया की वसूली के लिये ‘समाधान योजना’मंज़ूर की गई है।
    • योजना में वर्ष 1960-61 से वर्ष 2009-10 तक खनिज राजस्व बकाया पर देय ब्याज पूर्णत: माफ किया गया है।
    • वर्ष 2010-11 से वर्ष 2019-20 तक की अवधि में 5 लाख रुपए तक बकाया राशि पर देय ब्याज पूर्णत: माफ एवं 5 लाख रुपए से अधिक बकाया राशि पर देय ब्याज पर 18 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया गया। इसके अनुसार छूट देने के बाद मूल बकाया राशि 60 करोड़ 7 लाख रुपए के विरुद्ध ब्याज सहित राशि 66 करोड़ 48 लाख रुपए की वसूली सुनिश्चित हो सकेगी।
    • समाधान योजना 31 अक्टूबर, 2022 तक लागू रहेगी। यदि खनिज बकाया के विरुद्ध न्यायालयीन वाद प्रचालित हैं, तब इस योजना में राशि जमा होने पर वाद वापस लिया जा सकेगा।
    • योजना के लागू होने से वर्ष 1960-61 से वर्ष 2019-20 तक की लंबित बकाया राशि की वसूली सुनिश्चित हो सकेगी।
  • मंत्रि-परिषद ने मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक, 2022 को पुनर्स्थापित करने के प्रारूप को अनुमोदित किया।
    • संशोधन विधेयक, 2022 के अनुसार अध्यादेश से पूर्व में प्रेस्टीज विश्वविद्यालय इंदौर, टाइम्स विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ. प्रीति ग्लोबल विश्वविद्यालय शिवपुरी एवं एल.एन.सी.टी. विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर को स्थापित किया गया है।
    • इसके साथ ही अन्य 3 निजी विश्वविद्यालय अमलतास विश्वविद्यालय देवास, आर्यावर्त विश्वविद्यालय सीहोर एवं विक्रांत विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थापना के लिये विधेयक के प्रारूप को अनुमोदित किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि संस्कृत भाषा तथा उसके साहित्य के अध्यापन क्षेत्र में अनुसंधान ओैर व्यापक अध्ययन को बढ़ावा देने के प्रयोजन से स्कूल स्तर पर संस्कृत शिक्षा को विनियमित करने के लिये उससे संशक्त एवं आनुषांगिक अन्य विषयों के लिये एक अधिनियम के माध्यम से महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान की 2008 में स्थापना हुई। इसका मुख्यालय एमपी नगर भोपाल में है।

झारखंड Switch to English

सीसीएल और मेसर्स जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने राँची में एमडीओ मोड के माध्यम से पिपरवार भूमिगत खानों के संचालन के लिये मेसर्स जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।

प्रमुख बिंदु

  • सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की ओर से जीएम (पिपरवार), सीबी सहाय ने और निदेशक तकनीकी, मेसर्स जेएमएस माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कल्याण कुमार हजारा ने अपनी कंपनी की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
  • यह कोल इंडिया लिमिटेड की पहली भूमिगत खदान होगी जिसका संचालन एमडीओ मॉडल द्वारा किया जाएगा।
  • इस परियोजना के चालू होने पर इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 0.87 मिलियन टन प्रति वर्ष होगी।
  • यह परियोजना यह सुनिश्चित करने के लिये अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगी कि खनन गतिविधियों से क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र बाधित न हो। इस परियोजना का पूंजीगत परिव्यय 1889.04 करोड़ रुपए है। खदानें 14 वर्षों तक चालू रहेंगी और पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिये पर्यावरण हितैषी विस्फोट मुक्त खनन किया जाएगा।
  • एमडीओ मोड में, ठेकेदार पर्यावरण मंज़ूरी और वन मंजूरी प्राप्त करने, आर एंड आर गतिविधियों, लागू परमिट प्राप्त करने, लाइसेंस आदि प्राप्त करने, परियोजनाओं के विकास, खनन/निष्कर्षण और कोयले की डिलीवरी के लिये खदान के संचालन और रखरखाव से लेकर गतिविधियों के पूरे स्पेक्ट्रम को पूरा करता है।
  • इस अवसर पर सीसीएल के सीएमडी ने कहा कि कंपनी टिकाऊ खनन के माध्यम से ‘आत्मनिर्भर भारत’के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध है। पिपरवार भूमिगत खदान का संचालन करते समय स्थानीय समुदाय के समग्र विकास में मदद मिलेगी और क्षेत्र के लोगों के लिये हज़ारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
  • सीसीएल ने पिछले वित्त वर्ष में 68.6 मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया था। पिपरवार क्षेत्र पिछले वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) 13.13 मीट्रिक टन के वार्षिक उत्पादन के साथ सीसीएल के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे अधिक उत्पादक क्षेत्रों में से एक रहा है।
  • पिपरवार क्षेत्र की पिपरवार ओपनकास्ट खदान कोल इंडिया की पहली खदान थी जहाँ अत्याधुनिक सीएचपी-सीपीपी के साथ पूरी तरह से मोबाइल इन-पिट क्रशिंग और कन्वेइंग सिस्टम स्थापित किया गया था, जो इसे अपने आप में अनूठा बनाता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

आपराधिक मामलों में 2021 में छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्यों से बेहतर स्थिति में

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2021 में देश भर में घटित अपराधों के राज्यवार आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ में अपराध का स्तर नीचे गिरा है और छत्तीसगढ़ देश के अन्य राज्यों की तुलना में अपराध को कम करने में बेहतर स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • सुरक्षा मूल मंत्र के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अपराधों में लगातार कमी आ रही है। छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 के पहले के आँकड़े और वर्तमान के आँकड़े ये बताते हैं कि कैसे राज्य में अपराधिक मामलों में लगातार कमी आ रही है।
  • छत्तीसगढ़ पुलिस ने विभिन्न मानक प्रस्तुत किये हैं। मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप चिटफंड संचालकों पर कार्रवाई, आदिवासियों पर दर्ज़ प्रकरणों की केस वापसी, अपराध नियंत्रण, महिला विरूद्ध अपराधों पर त्वरित कार्रवाई, नक्सली समस्या पर प्रभावी नियंत्रण एवं नक्सलियों की गिरफ्तारी और पुलिस कर्मियों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएँ शुरू की गई हैं।
  • छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस ने बेसिक, इंपेक्टफुल, विजिबल के साथ कम्युनिटी पुलिसिंग में नए आयाम प्रस्तुत किये हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व के वर्षों की तुलना में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया है। इसके साथ ही पुलिस परिवार के करीब 72 हज़ार जवानों एवं उनके परिजनों के लिये विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम भी प्रारंभ किये गए हैं।    
  • एनसीआरबी के आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामले में 5वें स्थान पर था, जबकि वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ का स्थान 11वाँ है। इस सूची में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र शीर्ष राज्यों में शामिल हैं।
  • एनसीआरबी के आँकड़ों के अनुसार बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में छत्तीसगढ़ 2018 तक 14वें स्थान पर था, जबकि 2021 में छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थिति में सुधार किया है और 16वें स्थान पर है।
  • एनसीआरबी के आँकड़े बताते हैं कि 2018 में छत्तीसगढ़ अपहरण के मामलों में 11वें स्थान पर था और अब इसमें एक स्थान के सुधार के साथ छत्तीसगढ़ 12वें स्थान पर है।
  • छत्तीसगढ़ में डकैती जैसी बड़ी अपराधिक घटनाओं में भी कमी आई है। एनसीआरबी के आँकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ 12वें स्थान पर था, जबकि 2021 में यह 16वें स्थान पर है।
  • एनसीआरबी के आँकड़ों के अनुसार हत्या के मामले में वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ देश में 15 वें स्थान पर था। वर्ष 2021 में भी छत्तीसगढ़ 15वें स्थान पर ही है। हत्या के अपराध की सूची में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है जबकि उसके बाद बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हैं।
  • हत्या का प्रयास के मामले में छत्तीसगढ़ 2018 में 17वें स्थान पर था, जबकि साल 2021 में भी 17वें स्थान पर ही है। आँकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश चौथे स्थान पर और महाराष्ट्र 5वें स्थान पर है। इस तरह से हत्या एवं हत्या के प्रयास जैसे अपराधों पर रोक लगाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने सफलता हासिल की है।

उत्तराखंड Switch to English

5 जी नेटवर्क के लिये पॉलिसी बनाने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2022 को सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि 5जी नेटवर्क को उत्तराखंड में सुगमता से लाने के लिये राइट ऑफ वे पॉलिसी में संशोधन के साथ ही सरकार, केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को एडॉप्ट करेगी।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश में 5जी नेटवर्क के लिये पॉलिसी बनाने के लिये राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश में 5जी नेटवर्क के लिये पॉलिसी बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा।
  • गौरतलब है कि प्रदेश में 2018 में नेटवर्क कनेक्टिविटी की राह आसान बनाने, मोबाइल टावर लगाने से लेकर दूरसंचार से जुड़ी गतिविधियों के लिये राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 लागू की गई थी।
  • इस पॉलिसी में संशोधन होने के बाद प्रदेश में 5जी नेटवर्क के लिये मोबाइल टावर लगाने से लेकर इसकी लाइन बिछाने तक का पूरा काम आसान हो जाएगा। इसके लिये केंद्र सरकार की नियमावली को एडॉप्ट किया जाएगा।

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