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स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 Aug 2021
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राजस्थान Switch to English

पैरालंपिक में स्वर्णिम सफलता

चर्चा में क्यों?

टोक्यो में खेले जा रहे पैरालंपिक खेलों में 30 अगस्त, 2021 को राजस्थान के खिलाड़ियों ने प्रदेश और देश को स्वर्णिम सफलता दिलाई। शूटिंग में अवनि लाखेरा ने गोल्ड मेडल, भालाफेंक (javelin throw) में देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर मेडल और सुंदर सिंह गुर्जर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।

प्रमुख बिंदु

  • जयपुर निवासी अवनि लाखेरा ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच-1 के फाइनल में 249 पॉइंट्स स्कोर कर गोल्ड मेडल हासिल किया। ऐसा करने वाली वे पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।
  • भालाफेंक प्रतियोगिता में राजस्थान के देवेंद्र झाझरिया ने 64.35 मीटर दूर भाला फेंक कर सिल्वर और सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.1 मीटर दूर भाला फेंक कर ब्रॉन्ज मेडल जीता। उल्लेखनीय है कि झाझरिया इससे पूर्व पैरालंपिक में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
  • गौरतलब है कि शूटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली अवनि लाखेरा राजस्थान वन विभाग में बतौर एसीएफ कार्यरत् हैं। देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गुर्जर भी वन विभाग में एसीएफ के पद पर कार्यरत् हैं।

राजस्थान Switch to English

टोक्यो पैरालंपिक खेल में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों के लिये पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पैरालंपिक खेलों में पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनके लिये पुरस्कार की घोषणा की है। राज्य सरकार स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: तीन, दो तथा एक करोड़ रुपए की राशि देगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता शूटर सुश्री अवनि लाखेरा को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया को दो करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक विजेता जेवलिन थ्रोअर सुंदर गुर्जर को एक करोड़ रुपए इनामी राशि दी जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि इन खिलाड़ियों ने जीवटता की मिसाल कायम करते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है। 
    • प्रदेश की अन्य खेल प्रतिभाओं को भी उनकी इस उपलब्धि से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओलंपिक खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली इनामी राशि 75 लाख, 50 लाख तथा 30 लाख रुपए को वर्ष 2020-21 के बजट में बढ़ाकर क्रमश: 3 करोड़ रुपए, 2 करोड़ रुपए तथा 1 करोड़ रुपए करने की घोषणा की थी। 
  • इसी तरह एशियाई एवं राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली 30 लाख, 20 लाख एवं 10 लाख रुपए की इनामी राशि को बढ़ाकर क्रमश: 1 करोड़ रुपए, 60 लाख रुपए एवं 30 लाख रुपए करने की भी उन्होंने बजट में घोषणा की थी।
  • खेलों को बढ़ावा देने के लिये राज्य में पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के आधार पर राजकीय सेवाओं में नियुक्तियाँ दी जा रही हैं। 
    • टोक्यो पैरालंपिक खेलों में मेडल जीतने वाले तीनों खिलाड़ी अवनि लाखेरा, देवेंद्र झाझरिया तथा सुंदर गुर्जर को राज्य सरकार ने आउट ऑफ टर्न आधार पर वन विभाग में सहायक वन संरक्षक के रूप में नियुक्ति प्रदान की है।

मध्य प्रदेश Switch to English

विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति पंचायतों का आयोजन पुन: प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 31 अगस्त, 2021 को विमुक्त जाति दिवस (Vimukt Jati Diwas) पर मध्य प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति (Denotified, Nomadic and Semi-nomadic tribes) की विशेष पंचायत आयोजित की गई।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद स्थापित कर उनके विचारों और सुझावों के आधार पर कल्याणकारी कार्यक्रम और योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया प्रारंभ की है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य संबंधित वर्ग को अधिकाधिक लाभ मुहैया कराते हुए विकास की मुख्य धारा से जोड़ना है। इसी क्रम में विभिन्न वर्गों की पंचायत का आयोजन पुन: शुरू कर विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ वर्ग की पंचायत आयोजित की गई।
  • उल्लेखनीय है कि भारत के हृदय प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों के विकास तथा कल्याण हेतु मध्य प्रदेश शासन की अधिसूचना 22 जून, 2011 द्वारा पृथक् ‘विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग’ (Denotified, Nomadic and Semi-nomadic Tribes Welfare Department) का गठन किया गया था। 
  • मध्य प्रदेश की 51 जातियों को विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों में सम्मिलित किया गया है। इन जनजातियों की प्रमुख समस्या शैक्षणिक पिछड़ापन, आर्थिक रूप से विपन्नता एवं घुमक्कड़ प्रवृत्ति होने के कारण स्थायी आवास न होना है।
  • इन जनजातियों की उपरोक्त समस्याओं को दूर करने के लिये इन्हें एक स्थान पर आवासीय सुविधा देने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना कें अंतर्गत प्रति हितग्राही 1.50 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है।

हरियाणा Switch to English

सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में जीता गोल्ड मेडल

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2021 को टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो में हरियाणा के सोनीपत के सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

प्रमुख बिंदु

  • पुरुषों के भालाफेंक/जैवलिन थ्रो में एफ 64 वर्ग में सुमित ने एक के बाद एक तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़े। पहले उन्होंने 66.95 मीटर दूर भाला फेंक कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। फिर अपनी दूसरी ही कोशिश में 68.08 मीटर के स्कोर से अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड सुधारा। पाँचवीं कोशिश में उन्होंने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
  • गौरतलब है कि साल 2015 में सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गँवाने वाले सुमित का कोच वीरेंद्र धनखड़ ने मार्गदर्शन किया। साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में सुमित को 5वीं रैंक मिली थी। अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीता। इसी साल हुए नेशनल गेम्स में सुमित ने गोल्ड मेडल जीता।

झारखंड Switch to English

मेधा कृषि उत्सव

चर्चा में क्यों?

30 अगस्त, 2021 को जन्माष्टमी के अवसर पर झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध संघ द्वारा मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र, धुरवा, राँची में मेधा कृषि उत्सव (Medha Krishi Utsav) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध संघ में दूध की आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादकों को एक रुपए प्रति लीटर सब्सिडी देने की योजना का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम में दुग्ध उत्पादकों को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि झारखंड का दुग्ध व्यवसाय में उज्ज्वल भविष्य है और यह हमारे दुग्ध उत्पादकों के लिये एक सुनहरा अवसर है, इससे राज्य के लोगों को उनके अपने राज्य में आय का एक स्रोत मिलेगा।
  • झारखंड राज्य दुग्ध संघ, जो मेधा ब्रॉन्ड के नाम से प्रसिद्ध है, पिछले छह वर्षों से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के कुशल प्रबंधन में निरंतर प्रगति कर रहा है। वर्तमान में राज्य के 18 ज़िलों के दुग्ध संघ से लगभग 40,000 दुग्ध उत्पादक परिवार जुड़े हुए हैं, जो प्रतिदिन लगभग 1.30 लाख लीटर दूध की आपूर्ति कर रहे हैं।
  • वर्तमान में दुग्ध संघ के तहत चार डेयरी संयंत्र (होटवार, कोडरमा, लातेहार और देवघर) 1.40 लाख लीटर की प्रसंस्करण क्षमता के साथ संचालित हैं, जबकि तीन नए संयंत्र, अर्थात् सरथ-देवघर, सहीगंज व पलामू निर्माण और उत्पादन के अंतिम चरण में हैं। 
  • इसके अलावा, दूध उत्पादकों की उत्पादन लागत को कम करने और दूध की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से होटवार स्थित मेधा डेयरी परिसर में फेडरेशन द्वारा एक मवेशी चारा संयंत्र, खनिज मिक्सर प्लांट, बायपास फीड और कोल्ड ब्रीडिंग प्लांट भी स्थापित कर संचालित किया जा रहा है।
  • इस अवसर पर कृषि मंत्री द्वारा पशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित उचित और सुलभ सलाह के लिये टेलीमेडिसिन कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम के तहत पशुपालकों को विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा उनके पशुओं के स्वास्थ्य के संबंध में सलाह दी जाएगी।

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