लाडली बहना लाभार्थियों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर | मध्य प्रदेश | 31 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली बहना योजना के लाभार्थियों को समग्र वर्ष 450 रुपए की सब्सिडी दर पर गैस सिलेंडर प्रदान किये जाने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- योजना की पृष्ठभूमि: लाडली बहना योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी।
- लाभार्थी: यह सहायिकी महिला लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत लाभार्थियों के लिये है।
- रक्षाबंधन के त्योहार पर लाभार्थियों को 250 रुपए प्रदान किये जाएंगे।
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा राज्यसभा को दिये गए लिखित जवाब के अनुसार केंद्र सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों को प्रतिवर्ष 12 रिफिल तक 14.2 किलोग्राम LPG सिलेंडर पर 200 रुपए की लक्षित सब्सिडी प्रदान कर रही है।
- इसके अतिरिक्त केंद्र ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के सभी लाभार्थियों के लिये लक्षित सब्सिडी को बढ़ाकर 300 रुपए प्रति 14.2 किलोग्राम LPG सिलेंडर कर दिया है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) क्या है?
- परिचय:
- खाना पकाने के लिये लकड़ी, कोयला, गोबर के उपले आदि ईंधनों का उपयोग करने वाले ग्रामीण और वंचित परिवारों को LPG जैसे स्वच्छ इंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MOPNG) ने एक प्रमुख योजना के रूप में 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' (PMUY) की शुरुआत की।
- खाना पकाने के पारंपरिक ईंधन के उपयोग का ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- उद्देश्य
- महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके स्वास्थ्य की रक्षा करना।
- भारत में खाना पकाने के लिये उपयोग की जाने वाले अशुद्ध ईंधन के कारण होने वाली मौतों की संख्या में कमी लाना।
- जीवाश्म ईंधन जलाने से घर के अंदर वायु प्रदूषण के कारण होने वाली गंभीर श्वसन बीमारियों से छोटे बच्चों को बचाना।
बेगम बिलकिस का मकबरा वक्फ की संपत्ति नहीं | मध्य प्रदेश | 31 Jul 2024
चर्चा में क्यों
हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि बुरहानपुर में स्थित मुगल बादशाह शाहजहाँ की पुत्र वधु बेगम बिलकिस का मकबरा सहित तीन प्राचीन स्मारक वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं हैं।
मुख्य बिंदु
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) का तर्क: ASI ने तर्क दिया कि शाह शुजा स्मारक, नादिर शाह का मकबरा और बीबी साहिबा की मस्जिद, प्राचीन संस्मारक परिरक्षण अधिनियम, 1904 के तहत प्राचीन एवं संरक्षित स्मारक हैं।
- न्यायालय की टिप्पणी:
- न्यायमूर्ति जी.एस. अहलूवालिया ने कहा कि ये सभी संपत्तियाँ प्राचीन और संरक्षित स्मारक हैं तथा मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के CEO द्वारा इन्हें वक्फ संपत्ति घोषित किया जाना भौतिक अवैधता है।
- ASI ने प्रस्तुत किया कि प्राचीन संस्मारक परिरक्षण अधिनियम, 1904 की धारा 11 के अनुसार, आयुक्त स्मारक का संरक्षक होगा और ऐसे स्मारक के अनुरक्षण के उद्देश्य हेतु उसे स्वयं तथा उसके अभिकर्त्ता द्वारा सभी उचित समयों पर स्मारक तक पहुँच प्राप्त होगी।
- “जब तक कि प्राचीन संस्मारक परिरक्षण अधिनियम, 1904 की धारा 14 के तहत संरक्षकता वापस नहीं ले ली जाती, तब तक इसे वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है।”
- स्मारकों का विवरण:
- शाह शुजा स्मारक:
- शाह शुजा स्मारक में मुगल बादशाह शाहजहाँ के पुत्र शाह शुजा की पत्नी बेगम बिलकिस का मकबरा है।
- बेगम बिलकिस की मौत बेटी को जन्म देते समय हुई थी जिसके बाद बेगम को बुरहानपुर में दफनाया गया था
- खरबूजा महल के नाम से भी जाना जाने वाला यह मकबरा “एक भव्य गुंबद से सुसज्जित है।” इसका आधार एक उभरा हुआ वृत्ताकार चबूतरा है और यह पत्थर से बना है एवं इसका शेल मोर्टार से प्लास्टर किया गया है व चित्रों से सुसज्जित है।”
- नादिर शाह का मकबरा:
- नादिर शाह का मकबरा एक “विशाल मकबरा है, जो एक उत्थित चबूतरे पर बना है” और इसमें आठ तोरणपथ हैं।” इस इमारत में तीन कब्रें हैं।
- बीबी साहिबा की मस्जिद
- बीबी साहिबा की मस्जिद जिसे बीबी की मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण गुजरात के सुल्तान मुफ्फर शाह द्वितीय की बेटी रानी बेगम रोकैया द्वारा लगभग 1529 ई. में पूरा करवाया गया था।