‘एरिया ऑफिसर ऐप’ एवं ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप’ | पीसीएस | 31 Jul 2021
चर्चा में क्यों?
30 जुलाई, 2021 को मध्य प्रदेश में मनरेगा योजना (MGNREGA scheme) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये 2 नए मोबाइल ऐप ‘एरिया ऑफिसर ऐप’ एवं ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप’ का उपयोग प्रारंभ किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इन ऐप के माध्यम से अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण और मज़दूर द्वारा की गई, मज़दूरी की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज़ की जाएगी।
- ‘एरिया ऑफिसर ऐप’ के माध्यम से राज्यस्तरीय, ज़िला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत तथा अन्य अधिकारियों द्वारा जाँच/भ्रमण के समय मनरेगा के कार्यों की गुणवत्ता तथा उपयोगिता पर टीप, कार्यस्थल से जियो टैग फोटो सहित अपलोड की जा सकेगी।
- इसी प्रकार मनरेगा के अंतर्गत कार्यों पर लगे मज़दूरों की उपस्थिति कागज पर दर्ज़ करने की बजाय ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप’ के माध्यम से ली जाएगी।
- कार्यस्थल से प्रति दिवस दर्ज मज़दूरों की उपस्थिति जियो टैग फोटोग्राफ के साथ नरेगा पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी, जिससे मनरेगा के कार्यों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनी रहेगी।
अति उच्चदाब विद्युत सब स्टेशन | पीसीएस | 31 Jul 2021
चर्चा में क्यों ?
30 जुलाई, 2021 को मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने सिवनी ज़िले के तहसील मुख्यालय घंसौर में प्रदेश का 400वाँ अति उच्चदाब का सब स्टेशन ऊर्जीकृत किया है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने सिवनी ज़िले के घंसौर में अति उच्चदाब का एक नया 132 केवी सब स्टेशन स्थापित किया है। इसके अलावा प्रदेश में 400 केवी के 14 सब स्टेशन तथा 220 केवी के 84 सब स्टेशन क्रियाशील हैं।
- अति उच्चदाब सब स्टेशन के प्रारंभ हो जाने से आदिवासी क्षेत्र घंसौर में घने जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच बसे 350 गाँव के करीब 21 हज़ार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सतत् विद्युत प्रदान की जा सकेगी।
- सिवनी ज़िले में यह चौथा अति उच्चदाब का सब स्टेशन होगा। इसके पहले ज़िले को 220 केवी सब स्टेशन सिवनी, 132 केवी सब स्टेशन सिवनी तथा 132 केवी लखनादौन से विद्युत आपूर्ति की जाती थी।
- उल्लेखनीय है कि सिवनी ज़िले में सर्वप्रथम 132 केवी सब स्टेशन की स्थापना सिवनी में 3 फरवरी, 1975 को हुई थी।
पन्ना टाइगर रिज़र्व | पीसीएस | 31 Jul 2021
चर्चा में क्यों है?
30 जुलाई, 2021 को पन्ना टाइगर रिज़र्व को बाघ संरक्षण और प्रबंधन के लिये स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) द्वारा कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स (Conservation Assured Tiger Standards (CAITS) certificate) प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में पन्ना और छतरपुर ज़िले में हुई थी। यह लगभग 543 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है।
- वर्ष 1994 में केंद्र सरकार ने इस राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिज़र्व घोषित किया था।
- यूनेस्को ने पन्ना टाइगर रिज़र्व को 25 अगस्त, 2011 को बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया था।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश न सिर्फ देश का; बल्कि विश्व का टाइगर कैपिटल माना जाता है। कान्हा और पेंच टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन को देश में उत्कृष्ट माना गया है।