प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 Jul 2021
  • 0 min read
  • Switch Date:  
पीसीएस Switch to English

‘एरिया ऑफिसर ऐप’ एवं ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप’

चर्चा में क्यों?

30 जुलाई, 2021 को मध्य प्रदेश में मनरेगा योजना (MGNREGA scheme) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये 2 नए मोबाइल ऐप ‘एरिया ऑफिसर ऐप’ एवं ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप’ का उपयोग प्रारंभ किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • इन ऐप के माध्यम से अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण और मज़दूर द्वारा की गई, मज़दूरी की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज़ की जाएगी।
  • ‘एरिया ऑफिसर ऐप’ के माध्यम से राज्यस्तरीय, ज़िला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत तथा अन्य अधिकारियों द्वारा जाँच/भ्रमण के समय मनरेगा के कार्यों की गुणवत्ता तथा उपयोगिता पर टीप, कार्यस्थल से जियो टैग फोटो सहित अपलोड की जा  सकेगी। 
  • इसी प्रकार मनरेगा के अंतर्गत कार्यों पर लगे मज़दूरों की उपस्थिति कागज पर दर्ज़ करने की बजाय ‘मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप’ के माध्यम से ली जाएगी।
  • कार्यस्थल से प्रति दिवस दर्ज मज़दूरों की उपस्थिति जियो टैग फोटोग्राफ के साथ नरेगा पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी, जिससे मनरेगा के कार्यों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनी रहेगी।

पीसीएस Switch to English

अति उच्चदाब विद्युत सब स्टेशन

चर्चा में क्यों ?

30 जुलाई, 2021 को मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने सिवनी ज़िले के तहसील मुख्यालय घंसौर में प्रदेश का 400वाँ अति उच्चदाब का सब स्टेशन ऊर्जीकृत किया है।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने सिवनी ज़िले के घंसौर में अति उच्चदाब का एक नया 132 केवी सब स्टेशन स्थापित किया है। इसके अलावा प्रदेश में 400 केवी के 14 सब स्टेशन तथा 220 केवी के 84 सब स्टेशन क्रियाशील हैं।
  • अति उच्चदाब सब स्टेशन के प्रारंभ हो जाने से आदिवासी क्षेत्र घंसौर में घने जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच बसे 350 गाँव के करीब 21 हज़ार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सतत् विद्युत प्रदान की जा सकेगी।
  • सिवनी ज़िले में यह चौथा अति उच्चदाब का सब स्टेशन होगा। इसके पहले ज़िले को 220 केवी सब स्टेशन सिवनी, 132 केवी सब स्टेशन सिवनी तथा 132 केवी लखनादौन से विद्युत आपूर्ति की जाती थी।
  • उल्लेखनीय है कि सिवनी ज़िले में सर्वप्रथम 132 केवी सब स्टेशन की स्थापना सिवनी में 3 फरवरी, 1975 को हुई थी।

पीसीएस Switch to English

पन्ना टाइगर रिज़र्व

चर्चा में क्यों है?

30 जुलाई, 2021 को पन्ना टाइगर रिज़र्व को बाघ संरक्षण और प्रबंधन के लिये स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) द्वारा कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स (Conservation Assured Tiger Standards (CAITS) certificate) प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में पन्ना और छतरपुर ज़िले में हुई थी। यह लगभग 543 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है।
  • वर्ष 1994 में केंद्र सरकार ने इस राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिज़र्व घोषित किया था।
  • यूनेस्को ने पन्ना टाइगर रिज़र्व को 25 अगस्त, 2011 को बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया था।
  • उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश न सिर्फ देश का; बल्कि विश्व का टाइगर कैपिटल माना जाता है। कान्हा और पेंच टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन को देश में उत्कृष्ट माना गया है।

पीसीएस Switch to English

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस

चर्चा में क्यों?

31 जुलाई, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ में परिवर्तित कर राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री के विज़न के अनुसार लगभग पाँच हज़ार सरकारी स्कूलों को क्रमवार आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसका प्रारंभिक उद्देश्य 2022-23 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत तक 80 ज़िलास्तर के उत्कृष्ट स्कूलों के लगभग दो लाख छात्रों को लाभ पहुँचाना  है। 
  • सरकार का लक्ष्य सत्र 2022-23 शुरू होने से पहले 80 ज़िलास्तरीय उत्कृष्ट स्कूलों, 2023-24 के सत्र से पहले 329 ब्लॉक स्कूलों और 2024-25 के सत्र से पहले 4,000 से अधिक पंचायत स्तर के स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाना है।
  • पहले चरण में राज्य के सभी ज़िलों के प्रस्तावित 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्ट स्कूल) में तब्दील किया जा रहा है।
  • इन स्कूलों का विकास निजी स्कूलों के मॉडल पर किया जा रहा है। ये सभी ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली से आच्छादित रहेंगे और निर्बाध बिज़ली आपूर्ति, स्वच्छ वातावरण और स्मार्ट बोर्ड जैसी अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होंगे।
  • पूर्व में स्कूलों में साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक थी, जिसे दूर करने के लिये सरकार ने सभी स्कूल परिसरों को लड़कियों और लड़कों दोनों के लिये अलग-अलग शौचालय सुविधा बहाल करने करने की योजना बनाई है।
  • इन मॉडल स्कूलों में सीखने के परिणामों में सुधार के लिये एक समर्पित भाषा प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और इसका उपयोग समीक्षा तंत्र उपकरण के रूप में भी किया जाएगा।
  • देश के प्रमुख संस्थानों की मदद से ‘उत्कृष्ट स्कूल’ में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्री-प्राइमरी स्तर से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों की ज़रूरतों को पूरा करेगा। इस योजना से राज्यभर के लगभग 15 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।

पीसीएस Switch to English

टूरिस्ट पुलिस

चर्चा में क्यों?

31 जुलाई, 2021 को पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के घटारानी-जतमई से एक पर्यटक पुलिस स्थापित की गई। 

प्रमुख बिंदु

  • ज़िले के ज़्यादातर इलाके पर्यटन के लिये मशहूर हैं, लेकिन कई बार कुछ अप्रिय घटनाएँ घट जाती हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए पर्यटक पुलिस शुरू करने की घोषणा 30 जुलाई को की गई थी।
  • इस पर्यटक पुलिस को अभी शुरुआत में ज़िले के चार स्थानों- घटारानी, जतमई, राजिव लोचन मंदिर और चिंगारापारा झरना में लॉन्च किया जाएगा।
  • गरियाबंद ज़िला राजधानी रायपुर से 90 किमी. दूर स्थित है। उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व, सिकासार बाँध और भूतेश्वरनाथ, घटारानी, जतमई और राजीव लोचन मंदिर यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।

पीसीएस Switch to English

सार्वजनिक ऋण में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

30 जुलाई, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में बताया कि राज्य का कुल सार्वजनिक ऋण 2019-20 में 20.85 प्रतिशत बढ़कर 63,164.72 करोड़ रुपए हो गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • मानसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 के लिये छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त और विनियोग लेखा को सदन में पेश करते हुए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को भी पेश किया।
  • रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ का कुल सार्वजनिक ऋण 2018-19 के 52,254.22 करोड़ रुपए से 20.85 प्रतिशत बढ़कर 2019-20 में 63,164.72 करोड़ रुपए हो गया है। 
  • वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 17,969.55 करोड़ रुपए रहा, जो जीएसडीपी का 5.46 प्रतिशत है और जीएसडीपी के 2.99 प्रतिशत के एमटीएफपी (मनी फॉलो द पर्सन इनिशिएटिव) लक्ष्य से अधिक है। वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.07 प्रतिशत के एफआरएमबी (राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन) लक्ष्य के भीतर था।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019-20 का सकल बज़ट 1,06,913.44 करोड़ रुपए था। इसके खिलाफ सकल व्यय  92,261.34 करोड़ रुपए था।
  • कर राजस्व 42,323.69 करोड़ रुपए रहा और राज्य का अपना राजस्व वर्ष 2018-19 के 21,427.26 करोड़ रुपए से बढ़कर 22,117.85 करोड़ रुपए हो गया। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में राज्य को केंद्र से 13,611.24 करोड़ रुपए का अनुदान मिला है।
  • राज्य सरकार का पूंजीगत व्यय  8,566,39 करोड़ रुपए था, जो कि वर्ष 2018-19 की तुलना में 337.06 करोड़ रुपए कम है। 2019-20 के दौरान 9,608.61 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.92 प्रतिशत है।
  • राज्य सरकार पर 78,712.46 करोड़ रुपए की बज़टीय देनदारियों के अलावा, विभिन्न संस्थाओं द्वारा लिये गए ऋणों के पुनर्भुगतान के लिये 694.26 करोड़ रुपए की देनदारी है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2