इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 31 May 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
छत्तीसगढ़ Switch to English

यूरेशियन विम्ब्रेल

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) ट्रांसमीटर से टैग किये गए एक प्रवासी पक्षी 'यूरेशियन या कॉमन विम्ब्रेल' को पहली बार कैमरे में रिकॉर्ड किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • पक्षी विज्ञानियों और राज्य वन अधिकारियों के अनुसार, प्रवासी पक्षी लंबी दूरी से प्रवास करते हुए छत्तीसगढ़ में देखे गए, क्योंकि रायपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर बेमेतरा ज़िले के बेरला क्षेत्र में आर्द्रभूमि मौजूद है।
  • भारत में यह पहली बार है कि इस तरह के जीपीएस-टैग वाले पक्षी को देखा गया।
  • वनस्पति के नुकसान और अतिक्रमण का सामना कर रहे ऐसे जलीय जैवविविधता वाले आवास तथा आर्द्रभूमि को बहाल करने की अधिक आवश्यकता है।

यूरेशियन विम्ब्रेल

  • यह स्कोलोपेसिडे परिवार का एक दलदली पक्षी है।
  • वैज्ञानिक नाम: न्यूमेनियस फेओपस
  • क्षेत्र:
    • यह पाँच महाद्वीपों में फैले हुए हैं: उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और यूरोप।
    • वे गर्मियों के महीनों में साइबेरिया और अलास्का के उप-आर्कटिक क्षेत्रों में प्रजनन करते हैं तथा फिर दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका एवं नेपाल सहित दक्षिण एशिया के शीतकालीन क्षेत्रों में प्रवास करते हैं।
  • आवास: शीतकाल में मुख्यतः समुद्र तट, आर्द्रभूमि, मैंग्रोव, दलदली भूमि और बड़ी नदियों के तट पर निवास करते हैं।
  • विशेषताएँ:
    • यह काफी बड़ा भूरा-भूरा पक्षी है, जिसकी लंबी घुमावदार चोंच होती है।
    • इसके सिर की संरचना अलग है, जिसमें गहरे रंग की धारीदार आँखें हैं।
    • यह ऊपर से गहरे भूरे रंग का और नीचे से हल्का पीला होता है तथा गले एवं छाती पर बहुत अधिक भूरे रंग की धारियाँ होती हैं।
    • विम्ब्रेल अपनी ऊँची आवाज़ के लिये जाने जाते हैं, जिसमें सात स्वरों की एक दोहरावदार शृंखला होती है।
  • संरक्षण की स्थिति: 

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2