जैन तीर्थस्थल पारसनाथ | झारखंड | 31 May 2022

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत कुमार मिश्रा और उनकी टीम द्वारा किये जा रहे अध्ययन में यह पता लगा है कि पारसनाथ और इसके तराई वाले वन क्षेत्र में बढ़ती मानवीय गतिविधियों के कारण पिछले 4 दशकों से वन क्षेत्र में लगातार कमी देखी जा रही है। 

प्रमुख बिंदु