उत्तराखंड Switch to English
पवित्र भूमि को जोड़ने वाली हवाई सेवा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में तीन वर्ष से अधिक के अंतराल के बाद पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी हवाई अड्डे से उड़ान संचालन शुरू हुआ।
मुख्य बिंदु:
- उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने के बाद, जिसे वर्ष 2020 की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था, विमानन कंपनी फ्लाईबिग सप्ताह में तीन बार सोमवार, मंगलवार व शुक्रवार को देहरादून और पिथौरागढ़ के बीच 19 सीटों वाला विमान संचालित करेगी।
- हवाई अड्डे से सेवाओं की बहाली, जिसे जल्द ही पंतनगर और फिर गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे तक बढ़ाया जाएगा, रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण सीमावर्ती ज़िले के लिये महत्त्वपूर्ण होगी।
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के अनुसार, देहरादून तथा पिथौरागढ़ के बीच हवाई कनेक्टिविटी से मानसखंड क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
- आदि कैलाश शिखर और जागेश्वर धाम के दर्शन के लिये प्रधानमंत्री की जोलिंगकोंग यात्रा से पर्यटकों में रुचि जागृत हुई, जिन्होंने बड़ी संख्या में अपेक्षाकृत कम ज्ञात धार्मिक स्थलों की यात्रा करना शुरू कर दिया है।
आदि कैलाश शिखर
- आदि कैलाश, जिसे शिव कैलाश, छोटा कैलाश, बाबा कैलाश या जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में हिमालय पर्वत श्रेणी में स्थित एक पर्वत है।
जागेश्वर धाम
- यह उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित एक हिंदू तीर्थस्थल है। यह स्थल भारतीय कानूनों के तहत संरक्षित है और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
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