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राजस्थान के 5 व्यक्तियों को पद्म श्री
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के पाँच व्यक्तियों को चार पद्मश्री पुरस्कार प्रदान करने की स्वीकृति दी है।
मुख्य बिंदु:
- पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं:
- एक पुरस्कार दो लोक गायकों अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद को दिया जा रहा है। गनी ब्रदर्स के नाम से मशहूर इस जोड़ी को लोक गायन में उत्कृष्टता के लिये चुना गया है।
- अन्य में 93 वर्षीय ध्रुपद वादक लक्ष्मण भट्ट तैलंग शामिल हैं। इस दिग्गज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर कई किताबें लिखी हैं और अपने पूरे जीवन में सैकड़ों छात्रों को संगीत की अपनी शैली सिखाई है।
- राज्य की एक अन्य पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता माया टंडन सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करती हैं और उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के घायल पीड़ितों के बचाव में मदद करने के लिये 1 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है।
- 81 वर्षीय जानकी लाल भांड ने बहुरूपिया कला को जीवित रखा है और 10 से अधिक देशों में इसका प्रदर्शन किया है। बहरूपिया ('बहुआयामी') विभिन्न पात्रों के रूप में तैयार होने और उन्हें चित्रित करने की कला है।
बहरूपिया
- 'बहरूपिया' शब्द संस्कृत के बहु (अनेक) और रूप शब्द से बना है।
- बहरूपिया पररूपधारी हैं, जो अधिकतर पूरे भारत के गाँवों और बाज़ारों में प्रदर्शन करने के लिये जाने जाते हैं।
- वे पौराणिक कथाओं, लोककथाओं और पारंपरिक कहानियों की भूमिका निभाने के लिये विभिन्न पोशाकें पहनते हैं।
- राष्ट्रीय बहरूपिया महोत्सव का आयोजन 5-8 अक्तूबर 2018 तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) द्वारा किया गया था।
- IGNCA संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है।
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राजस्थान ने अवैध खनन के खिलाफ ड्रोन सर्वेक्षण शुरू किया
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है जिसमें ऐसी गतिविधियों के स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिये ड्रोन के माध्यम से सर्वेक्षण शुरू किया है।
- अवैध खनन के सबसे ज्यादा 75 मामले भीलवाड़ा ज़िले में सूचित किये गए हैं।
मुख्य बिंदु:
- राजस्थान की भूमि में 81 प्रकार के खनिज हैं, जिनमें से 57 का व्यावसायिक दोहन किया जा रहा है।
- राज्य में देश में सबसे अधिक खनन पट्टे हैं जबकि सरकार सुदूर संवेदन डेटा और भौगोलिक सूचना प्रणालियों का उपयोग करके बिना लाइसेंस एवं अवैध खनन पर अंकुश लगाने हेतु उपाय कर रही है।
- अधिकारियों के अनुसार, राजस्व अधिकारी उस भूमि पर खातेदारी (स्वामित्व) अधिकारों को रद्द करने के लिये राजस्थान किरायेदारी अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई शुरू करने के अभियान में शामिल थे, जहाँ अवैध खनन हो रहा था।
- फील्ड अधिकारी खनन माफिया और उल्लंघनकर्त्ताओं की पहचान करते हैं एवं डेटा ऑनलाइन जमा करते हैं, जिसका उपयोग आगे की कार्रवाई शुरू करने हेतु किया जाता है।
अवैध खनन
- सरकारी अधिकारियों से आवश्यक परमिट, लाइसेंस या नियामक अनुमोदन के बिना भूमि या जल निकायों से खनिजों, अयस्कों या अन्य मूल्यवान संसाधनों का निष्कर्षण अवैध खनन है।
- इसमें पर्यावरण, श्रम और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन भी शामिल हो सकता है।
- भारत में खनन से संबंधित कानून:
- भारत के संविधान की सूची II (राज्य सूची) के क्रम संख्या 23 की प्रविष्टि राज्य सरकार को उनकी सीमाओं के भीतर स्थित खनिजों का स्वामित्व देने का आदेश देती है।
- सूची I (केंद्रीय सूची) के क्रम संख्या 54 की प्रविष्टि केंद्र सरकार को भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर खनिजों का मालिकाना अधिकार प्रदान करती है।
- इसके अनुसरण में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) (MMDR) अधिनियम, 1957 बनाया गया था।
- लघु खनिजों से संबंधित नीति और कानून बनाने की शक्ति पुर्णतः राज्य सरकारों को सौंपी गई है जबकि प्रमुख खनिजों से संबंधित नीति एवं कानून केंद्र सरकार के तहत खान मंत्रालय द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।
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