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सीएम राहत कोष से कोरोना मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपए
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सीएम राहत कोष न्यासी परिषद की 21वीं बैठक में बताया गया कि कोरोना से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपए की राशि की मदद दी जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत अब तक 3704 मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपए की दर से कुल 148 करोड़ 16 लाख रुपए कोष से जारी किये जा चुके हैं।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) की स्थापना वर्ष 1971 में संकटग्रस्त लोगों की मदद के लिये की गई थी। इस फंड को एक ट्रस्ट के रूप में मान्यता दी गई है और इसकी आय का आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धारा 12ए तथा 139 के तहत रिटर्न उद्देश्यों के लिये छूट प्राप्त है।
- मुख्यमंत्री सीएमआरएफ के अध्यक्ष हैं और उन्हें मानद आधार पर अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
- बैठक में बताया गया कि 10 बाढ़ प्रभावित ज़िलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण के लिये अब तक 59 करोड़ रुपए दिये गए, जिनमें से 40 बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माणकार्य पूर्ण हो चुका है और शेष का निर्माण प्रगति पर है।
- वर्तमान में कालाजार रोग से पूर्ण मुक्ति के लिये ‘मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना’ के तहत प्रत्येक कालाजार रोगी को 6600 रुपए की मदद दी जा रही है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी।
- इसी तरह बाल श्रम उन्मूलन के लिये मुक्त कराए गए प्रत्येक बाल श्रमिक को आवासन हेतु 25 हज़ार रुपए की मदद दी जा रही है।
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वाहन स्क्रैपिंग के लिये कर छूट का निर्णय
चर्चा में क्यों?
- 28 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि पुराने वाहनों को कबाड़ घोषित कर उनकी जगह नए वाहन की खरीद पर राज्य सरकार द्वारा मोटरवाहन टैक्स में छूट प्रदान की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- इस निर्णय के तहत निजी वाहनों की खरीद पर 25 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहनों की खरीद पर 15 प्रतिशत टैक्स में छूट मिलेगी।
- गौरतलब है कि एक लाख रुपए तक के वाहन पर आठ, एक से आठ लाख रुपए तक के वाहनों पर नौ, आठ से 15 लाख रुपए तक के वाहनों पर 10 तथा 15 लाख रुपए से ऊपर के वाहनों पर 12 प्रतिशत का टैक्स लगता है। ऐसे में इस निर्णय से एक ओर राज्य में प्रदूषण कम होगा व नई गाड़ियों की खरीद से राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, तो वहीं दूसरी ओर राज्य में स्क्रैप (कबाड़) के लिये उद्योग विकसित होंगे।
- उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2021 में वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी, जिसके तहत-
- पुराने वाहनों को पुन: पंजीकरण से पहले एक फिटनेस टेस्ट पास करना होगा और नीति के अनुसार सरकारी वाणिज्यिक वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने तथा निजी वाहन, जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाएगा।
- राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे पुराने वाहनों के मालिकों को पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को स्क्रैप करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये निजी वाहनों हेतु 25% तक तथा वाणिज्यिक वाहनों के लिये 15% तक की रोड-टैक्स छूट प्रदान करें।
- वाहन निर्माता उन लोगों को भी 5% की छूट देंगे, जो स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट का उपयोग करेंगे। साथ ही, नए वाहन की खरीद पर पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया जाएगा।
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