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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Dec 2022
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केंद्र सरकार खरीदेगी उत्तराखंड का मंडुवा

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पैदा होने वाला मोटा अनाज (मंडुवा) की खरीद करेगी। उत्तराखंड सरकार ने केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को फसल वर्ष 2022-23 के लिये मंडुवा की खरीद का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि इस फैसले से राज्य के पर्वतीय ज़िलों के किसानों को बहुत फायदा होगा। पहले चरण में 9600 मीट्रिक टन मंडुवा की खरीद की जाएगी। इससे सरकार पर 45 करोड़ का व्ययभार आएगा।
  • राज्य में मंडुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपए प्रति कि्ंवटल निर्धारित है। इसके लिये खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिये गए हैं।
  • मंडुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। अब केंद्र सरकार किसानों से मंडुवा खरीदकर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों के साथ अन्य लोगों को इसे उपलब्ध करा सकेगी। इससे राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी तो होगी ही, साथ ही स्कूली बच्चों और ज़रूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिल सकेगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलेट योजना के तहत दो ज़िलों अल्मोड़ा और पौड़ी के किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा खरीद योजना लागू की जाएगी। क्रय किये गए मंडुवा को ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बाँटा जाएगा।
  • ऐसे संचालित होगी योजना-
  • चारों ज़िलों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग आठ लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
  • प्रतिमाह प्रतिकार्ड एक किलो मंडुवा निशुल्क दिया जाएगा।
  • अल्मोड़ा ज़िले में संचालित 20 क्रय केंद्रों और पौड़ी में 11 केंद्रों पर क्रय किया जाएगा।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली से यह लाभार्थियों को बाँटा जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में उगाया जाने वाला मंडुवा पौष्टिकता का खजाना है। यहाँ की परंपरागत फसलों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। राज्य की कुल कृषि योग्य भूमि का 85 फीसदी भाग असिंचित होने के बावजूद यहाँ इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। मंडुवा हृदय व मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिये लाभदायक होता है। इसमें पर्याप्त पोषक तत्त्व होने की वजह से यह कुपोषण से बचाने में भी मददगार होता है।

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राज्यस्तरीय खेल महाकुंभ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के उद्घाटन कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता एवं प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को दो करोड़ से लेकर 33 हज़ार रुपए तक के चेक सौंपे।
  • खेल महाकुंभ का उद्देश्य खिलाड़ियों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिये तैयार करना है। 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी उत्तराखंड करेगा। इससे राज्य के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
  • खेल महाकुंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में राष्ट्रीय खेल की शूटिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिये 31.18 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित शूटिंग रेंज का लोकार्पण भी किया।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के न्याय पंचायत स्तर के विजेता खिलाड़ियों को भी अब प्रोत्साहन राशि मिलेगी। अभी तक इन खिलाड़ियों को सिर्फ प्रशस्ति-पत्र दिया जाता था।
  • उन्होंने बताया कि न्याय पंचायत स्तर के प्रथम विजेता को 300, द्वितीय को 200 तथा तृतीय को 150 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा विकासखंड, जनपद और राज्य स्तर पर खिलाड़ियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी 40-50 फीसदी बढ़ोतरी भी की गई है। ब्लॉक स्तर पर विजेता खिलाड़ी को 300 की जगह अब 500 रुपए दिये जाएंगे। वहीं, दूसरा स्थान पाने वाले को 200 की जगह 400 और तृतीय को 150 के बदले 300 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
  • इसी प्रकार जनपद स्तर पर प्रथम विजेता को 700 के बदले 800 रुपए, द्वितीय को 500 के बजाय 600 और तृतीय को 300 से 400 रुपए दिये जाएंगे। राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले खिलाड़ी को एक हज़ार की जगह 1500, द्वितीय को 600 की जगह 1000 और तृतीय आने वाले खिलाड़ी को 400 रुपए के स्थान पर 700 रुपए दिये जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि अभी तक खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को भोजन के लिये दी जाने वाली धनराशि को 150 रुपए से बढ़ाकर 225 रुपए किया गया है। 

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