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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Dec 2022
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

साबरमती की तर्ज पर अयोध्या में बसेगी ग्रीनफील्ड टाउनशिप

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार गुजरात के साबरमती की तर्ज पर अयोध्या में ग्रीन फील्ड टाउनशिप बसाने जा रही है। यह योजना 1438 एकड़ क्षेत्रफल में लाई जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • इस योजना के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष राज्य आवास विकास परिषद ने इसका प्रस्तुतीकरण किया। इस दौरान गुजरात के वास्तुविदों को भी बुलाया गया था। उन्होंने साबरमती ग्रीन फील्ड के बारे में जानकारी दी।
  • इसके आधार पर आवास विकास परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अयोध्या में ग्रीन फील्ड टाउनशिप का आकार ऐसा तैयार किया जाए जो पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो। इसके लिये ज़रूरत के आधार पर वास्तुविदों को भी जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के आधार पर आवास विकास परिषद ने तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।
  • अयोध्या में ग्रीन फील्ड टाउनशिप की इस योजना को पहले चरण में 583 एकड़ क्षेत्रफल में बसाने की योजना है। पहले चरण के लिये 487 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया जा चुका है।
  • दूसरे और तीसरे चरण में 855 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके अलावा टाउनशिप के आसपास व्यवसायिक क्षेत्र और पार्कों का इंतजाम किया जाएगा, जिससे लोगों को ज़रूरत के आधार पर सुविधाएँ मिल सके।
  • विदित है कि वैदिक सिटी की परियोजना का मानक अहमदाबाद गिफ्ट सिटी के आधार पर तय होगा। नव्य अयोध्या परियोजना के अंतर्गत हाइवे के किनारे स्थित गाँवसभा शाहनवाजपुर एवं मांझा बरहटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड टाउनशिप योजना (वैदिक सिटी) में कई तरह के बदलाव भी किये जा रहे है और इसके लिये स्टैंडर्ड मानक भी निर्धारित किया जा रहा है। 

बिहार Switch to English

डॉ. रत्नेश्वर मिश्र को मिलेगा साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को साहित्य अकादमी ने हिन्दी, मैथिली और कोंकणी भाषा में वर्ष 2022 का अनुवाद पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की, जिसमें बिहार के डॉ. रत्नेश्वर मिश्र को चमन नाहल के अंग्रेजी उपन्यास ‘आजादी’ की मैथिली अनुवाद के लिये मैथिली भाषा का पुरस्कार दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि साहित्य अकादमी के अनुवादकों को पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और पचास हजार रुपए की राशि अगले वर्ष एक विशेष समारोह में प्रदान की जाएगी।
  • दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रत्नेश्वर मिश्र मूल रूप से पूर्णिया के निवासी हैं और वर्तमान में पटना में रहते हैं। मिथिला के चर्चित इतिहासकारों में शुमार 77 वर्षीय डॉ. मिश्र अक्षर साधना के क्षेत्र में भी गंभीर दखल रखते हैं।
  • डॉ. मिश्र की कृतियों में मैथिली में प्रकाशित ‘आधुनिक मिथिलाक ऐतिहासिक आयाम’ के साथ ही हिन्दी में ‘विनोदानंद झा: जीवनवृत्त एवं परिवेश’, ‘अतुल्य बिहार’, अंग्रेजी में ‘हिस्ट्री ऑफ पूर्णिया: 1722-1793’, ‘नाइंटींथ सेंचुरी मिथिला: फिनुक्स सर्वे ऑफ ए विलेज’प्रमुख हैं।
  • इसके अलावा डॉ. मिश्र की ‘भवभूति’, ‘हिस्ट्री ऑफ तमिल’तथा ‘भारत का इतिहास’ पुस्तक के भी मैथिली अनुवाद प्रकाशित हैं। आचार्य सुरेंद्र झा सुमन के मैथिली उपन्यास ‘उगनाक दयादवाद’का अंग्रेजी अनुवाद भी उन्होंने किया है। 

राजस्थान Switch to English

10वाँ अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में आयोजित 10वें अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह एवं सर्व समाज शिक्षक गौरव समारोह-2022 में अनेक आदिवासी प्रतिभाओं को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • 10वें अंचल स्तरीय जनजाति प्रतिभा सम्मान समारोह एवं सर्व समाज शिक्षक गौरव समारोह-2022 में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार आदिवासी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये प्रतिबद्ध है। इसके लिये सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्र के हित को ध्यान में रखकर ही योजनाएँ भी तैयार की जा रही हैं।     
  • उन्होंने इस अवसर पर बताया कि प्रदेश में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से हर परिवार को दस लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया गया है जो देशभर में पहला उदाहरण है। प्रदेश में अनुप्रति योजना के माध्यम से बीस हज़ार छात्रों को कोचिंग कारवाई जा रही है। इसी प्रकार से उड़ान योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को हर माह 12 सेनेट्री नेपकिन उपलब्ध करवा रही है।
  • अशोक गहलोत ने बताया कि आज विश्व में अंग्रेजी की अहमियत को देखते हुए प्रदेश में जगह-जगह महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले गए हैं जिससे अब निर्धन परिवारों के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध हो रही है।
  • इस समारोह में मुख्यमंत्री ने उदयपुर के कलेक्टर ताराचंद मीणा को ‘श्री मानगढ़ धाम गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया। दुर्गाराम मुवाल और महेंद्र कुमार मीणा को ‘नाना भाई खांट शिक्षक गौरव पुरस्कार’ से, डॉ. किरण मीणा को ‘आदिकवि महर्षि वाल्मीकि गौरव पुरस्कार’, सीडीपीओ दीपिका मीणा को ‘मेवाड़ वीर राणा पुंजा भील प्रतिभा पुरस्कार’, पवन पुत्र नि:शुल्क कोचिंग संस्था के संचालक रणवीर ठोलिया को ‘वीर शहीद नानक भाई भील सामाजिक नेतृत्व पुरस्कार’, डॉ. सुनील मीणा को ‘वीर बालक एकलव्य पुरस्कार’, राज कलासुआ को ‘शहीद जनजाति वीर बाला कालीबाई पुरस्कार’ तथा दृष्टिहीन क्रिकेट में अपना लोहा मनवाने वाले ललित मीणा को ‘धनुर्धर श्री लिंबाराम पुरस्कार’ से सम्मानित किया। 

मध्य प्रदेश Switch to English

महानगरों की तर्ज पर तैयार होगा राहतगढ़ का अत्याधुनिक बस स्टैंड

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश के सागर ज़िले के राहतगढ़ विकासखंड में 9 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले अत्याधुनिक बस स्टैंड का भूमि-पूजन किया, जिसे महानगरों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसकी शुरूआत बस स्टैंड से की जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • राजस्व एवं परिवहन मंत्री ने बताया कि सागर ज़िले के राहतगढ़ विकासखंड में करोड़ों रुपए की लागत से अत्याधुनिक सुविधा युक्त बस स्टैंड तैयार किया जा रहा है, जिसमें यात्रियों के लिये यात्री प्रतीक्षालय, व्यवसाय कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा, जो दुकानदार बस स्टैंड से विस्थापित होंगे, उनको प्राथमिकता के साथ व्यवसाय कॉम्प्लेक्स में स्थान दिया जाएगा। सर्व सुविधा युक्त रेस्ट हाउस भी अन्यत्र निर्मित किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि राहतगढ़ विदिशा चौराहे से रेस्ट हाउस बस स्टैंड तक सड़क बनाई जा रही है, जिसमें अत्याधुनिक लाइटिंग की जा रही है और सड़क के दोनों ओर पौधा-रोपण भी किया जा रहा है।
  • मंत्री ने समस्त राहतगढ़ वासियों को बताया कि राहतगढ़ में बन रहे बस स्टैंड का नाम सभी की सहमति से रखा जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

पीबीडी और जीआईएस के लिये इंदौर में होम-स्टे योजना

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश टूरिज़्म बोर्ड के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने इंदौर वासियों को अपने घर को होम-स्टे में बदल कर अतिरिक्त आय कमाने का सुनहरा दिया है, जिसके तहत प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिये इंदौर पहुँचने वाले अतिथियों के साथ पर्यटकों को भी होम-स्टे से आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि इसके लिये मध्य प्रदेश टूरिज़्म बोर्ड होम-स्टे पंजीयन के लिये 3 से 7 जनवरी 2023 तक विशेष अभियान शुरू कर रहा है। अभियान में पंजीयन कराने वाले इंदौर के स्थानीय रहवासियों के आवेदन का फास्ट ट्रेक मोड पर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिये इंदौर पहुँचने वाले प्रवासी भारतीयों को प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं एवं खान-पान आदि का अनुभव प्रदान कराने, ठहरने के लिये स्वच्छ एवं किफायती स्थान उपलब्ध कराने और स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये होम-स्टे पंजीयन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
  • पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत इकाइयों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। अतिथि आवास पूर्ण करने, इकाई में उपलब्ध सुविधाओं को बढ़ाने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है।
  • इसके अलावा पंजीकृत इकाइयों को डिजिटल मार्केटिंग, प्राइसिंग, प्रमोशन के लिये तकनीकी सहायता, इकाई में कार्यरत मानव संसाधन की क्षमता वृद्धि, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ट्रेवल मार्ट एवं कार्य शालाओं में सहभागिता करने का अवसर प्रदान करता है। 

झारखंड Switch to English

‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’

चर्चा में क्यों?

28 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में शिक्षा को विस्तार देने के क्रम में 10वीं और 12वीं पास गरीब परिवार के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का अवसर देने का फैसला किया है। इसके लिये राज्य सरकार ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’की शुरुआत कर रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’के लिये सरकार 200 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड बनाएगी।
  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य के बच्चों को अच्छे शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिये वित्तीय मदद उपलब्ध कराना है। सरकार की इस योजना से वैसे बच्चे जो पहले धन के अभाव में उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते थे, अब उससे वंचित नहीं रहेंगे। गुरुजी क्रेडिट कार्ड के जरिये अब वे अपना भविष्य गढ़ने का सपना साकार कर सकेंगे।
  • उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने बताया कि झारखंड राज्य में मान्यताप्राप्त शिक्षण संस्थानों से 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई करने वाले (डिप्लोमा छात्रों के लिये 10वीं कक्षा उत्तीर्ण) विद्यार्थियों के लिये ऋण की व्यवस्था की जाएगी। इसी उद्देश्य से गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
  • विद्यार्थियों को गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, ताकि वे अपनी पढ़ाई के लिये आसानी से कर्ज ले सकें।
  • गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत विद्यार्थियों को अधिकतम 15 लाख रुपए का कर्ज मिलेगा। उन्हें बैंकों के जरिये लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इस राशि का अधिकतम 30 फीसदी नन- इंस्टीट्यूशनल कार्यों (रहने-खाने के खर्च सहित) के लिये मिलेगा। छात्रों को इसके लिये महज 4 फीसदी का ब्याज ही चुकाना होगा।
  • विद्यार्थियों को 4 फीसदी सिंपल रेट ऑफ इंटरेस्ट चुकाना होगा. बाकी के ब्याज का पैसा इंटरेस्ट सबवेंशन के रूप में राज्य सरकार चुकाएगी। यानी राज्य सरकार गारंटर की भूमिका में रहेगी।
  • लोन लेने के लिये छात्रों को किसी प्रकार के कोलैटरल सिक्यूरिटी देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लोन की राशि को विद्यार्थी 15 साल में चुका सकेंगे। बच्चे जो लोन लेंगे, उस पर ब्याज की गणना साधारण ब्याज की दर पर की जाएगी। यह ऋण की पूरी अवधि तक फिक्स्ड रहेगी।
  • विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये लोन लेने के लिये बैंक को किसी प्रकार की प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होगी।
  • झारखंड सरकार राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में देश के वैसे उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों का चयन करेगी, जो पिछले एनआईआरएफ की लिस्ट में ओवरऑल 200 क्रम संख्या के अंदर अथवा संस्थान की संबंधित श्रेणी में एनआईआरएफ की सूची में टॉप 100 में आते हों अथवा एनएएसी से ‘ए’ श्रेणी या उससे ऊपर का दर्जा प्राप्त हो।

हरियाणा Switch to English

डिजिटल मीडिया सेक्शन को मिला राज्य स्तरीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुशासन दिवस के अवसर पर पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान सूचना, जन संपर्क और भाषा विभाग (डीआईपीआरएल) के डिजिटल मीडिया सेक्शन को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • यह पुरस्कार सरकारी योजनाओं के प्रसार में उल्लेखनीय भूमिका निभाने और फैक्ट चेक अकाउंट्स के ज़रिये फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिये प्रदान किया गया। इस अवसर पर डिजिटल मीडिया सेक्शन के इंचार्ज (सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी) आदित्य चौधरी और सहायक प्रबंधक अरविंद कुमार ने मुख्यमंत्री से पुरस्कार प्राप्त किया।
  • गौरतलब है कि सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा डिजिटल मीडिया सेक्शन बनाया गया है ताकि सरकार से संबंधित आवश्यक सूचना, नवीनतम योजनाओं की जानकारी और अधिसूचनाओं की जानकारी प्रभावी और प्रामाणिक माध्यम से लोगों तक समय पर पहुँचे।
  • विदित है कि डिजिटल मीडिया सेक्शन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रेरक नेतृत्व में तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव अनुराग अग्रवाल और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित कुमार अग्रवाल के सक्षम और निरंतर मार्गदर्शन में काम कर रहा है।
  • डिजिटल मीडिया सेक्शन की ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित 11 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रभावशाली उपस्थिति है। यह सेक्शन फर्जी समाचारों एवं सूचनाओं की जाँच करके अपने फैक्ट चेक अकाउंट के माध्यम से तुरंत प्रतिक्रिया देता है और सरकारी योजनाओं से संबंधित सूचनाओं का प्रसार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उत्तराखंड Switch to English

केंद्र सरकार खरीदेगी उत्तराखंड का मंडुवा

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पैदा होने वाला मोटा अनाज (मंडुवा) की खरीद करेगी। उत्तराखंड सरकार ने केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को फसल वर्ष 2022-23 के लिये मंडुवा की खरीद का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि इस फैसले से राज्य के पर्वतीय ज़िलों के किसानों को बहुत फायदा होगा। पहले चरण में 9600 मीट्रिक टन मंडुवा की खरीद की जाएगी। इससे सरकार पर 45 करोड़ का व्ययभार आएगा।
  • राज्य में मंडुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपए प्रति कि्ंवटल निर्धारित है। इसके लिये खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिये गए हैं।
  • मंडुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। अब केंद्र सरकार किसानों से मंडुवा खरीदकर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों के साथ अन्य लोगों को इसे उपलब्ध करा सकेगी। इससे राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी तो होगी ही, साथ ही स्कूली बच्चों और ज़रूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिल सकेगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलेट योजना के तहत दो ज़िलों अल्मोड़ा और पौड़ी के किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा खरीद योजना लागू की जाएगी। क्रय किये गए मंडुवा को ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बाँटा जाएगा।
  • ऐसे संचालित होगी योजना-
  • चारों ज़िलों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग आठ लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
  • प्रतिमाह प्रतिकार्ड एक किलो मंडुवा निशुल्क दिया जाएगा।
  • अल्मोड़ा ज़िले में संचालित 20 क्रय केंद्रों और पौड़ी में 11 केंद्रों पर क्रय किया जाएगा।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली से यह लाभार्थियों को बाँटा जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में उगाया जाने वाला मंडुवा पौष्टिकता का खजाना है। यहाँ की परंपरागत फसलों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। राज्य की कुल कृषि योग्य भूमि का 85 फीसदी भाग असिंचित होने के बावजूद यहाँ इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। मंडुवा हृदय व मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिये लाभदायक होता है। इसमें पर्याप्त पोषक तत्त्व होने की वजह से यह कुपोषण से बचाने में भी मददगार होता है।

उत्तराखंड Switch to English

राज्यस्तरीय खेल महाकुंभ का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

29 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के उद्घाटन कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता एवं प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को दो करोड़ से लेकर 33 हज़ार रुपए तक के चेक सौंपे।
  • खेल महाकुंभ का उद्देश्य खिलाड़ियों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिये तैयार करना है। 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी उत्तराखंड करेगा। इससे राज्य के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
  • खेल महाकुंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में राष्ट्रीय खेल की शूटिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिये 31.18 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित शूटिंग रेंज का लोकार्पण भी किया।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के न्याय पंचायत स्तर के विजेता खिलाड़ियों को भी अब प्रोत्साहन राशि मिलेगी। अभी तक इन खिलाड़ियों को सिर्फ प्रशस्ति-पत्र दिया जाता था।
  • उन्होंने बताया कि न्याय पंचायत स्तर के प्रथम विजेता को 300, द्वितीय को 200 तथा तृतीय को 150 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा विकासखंड, जनपद और राज्य स्तर पर खिलाड़ियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी 40-50 फीसदी बढ़ोतरी भी की गई है। ब्लॉक स्तर पर विजेता खिलाड़ी को 300 की जगह अब 500 रुपए दिये जाएंगे। वहीं, दूसरा स्थान पाने वाले को 200 की जगह 400 और तृतीय को 150 के बदले 300 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
  • इसी प्रकार जनपद स्तर पर प्रथम विजेता को 700 के बदले 800 रुपए, द्वितीय को 500 के बजाय 600 और तृतीय को 300 से 400 रुपए दिये जाएंगे। राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले खिलाड़ी को एक हज़ार की जगह 1500, द्वितीय को 600 की जगह 1000 और तृतीय आने वाले खिलाड़ी को 400 रुपए के स्थान पर 700 रुपए दिये जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि अभी तक खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को भोजन के लिये दी जाने वाली धनराशि को 150 रुपए से बढ़ाकर 225 रुपए किया गया है। 

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