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झारखंड का शेफील्ड कहा जाने वाला भेंडरा में बनेगा फैसिलिटी कॉमन सेंटर
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि केंद्र सरकार की स्फूर्ति योजना के तहत लगभग दो करोड़ रुपए से राज्य के बोकारो के भेंडरा में फैसिलिटी कॉमन सेंटर की स्थापना होगी, जिसके लिये भेंडरा में 50 डिसमिल भूमि चिह्नित की गई है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि राज्य की लौह नगरी भेंडरा के कुटीर उद्योग को विकसित करने पर कार्य चल रहा है। इसके लिये आईआईटी आइएसएम धनबाद के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर की सीईओ डॉ. आकांक्षा सिन्हा के नेतृत्व वाली टीम ने प्रोजेक्ट तैयार किया है।
- विदित है कि भेंडरा को झारखंड का शेफील्ड कहा जाता है। डॉ. आकांक्षा सिन्हा ने बताया कि यदि भेंडरा को ट्रेडमार्क मिल जाता है तो इसकी पहचान राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में बन सकेगी।
- उन्होंने बताया कि आईआईटी की टीम ने एक माह तक भेंडरा गाँव का सर्वेक्षण कर एक प्रोजेक्ट बनाया है, जिसमें पारंपरिक तकनीक का आधुनिकीकरण कर इस उद्योग को विकसित करने की योजना है।
- ज्ञातव्य है कि भेंडरा में शेरशाह के काल से उनकी सेना के लिये हथियार बनाए जाते थे और वर्तमान में भी पारंपरिक तकनीक से तलवार, भाला, कटार, फरसा, कुल्हाड़ी, हसुआ, हथौड़ा, चाकू, बैसुली, कुदाल आदि बनाए जाते हैं। ये औजार कोयला पर लोहे को गर्म करने के बाद हथौड़े से पीट-पीट कर बनाए जाते हैं। गाँव के लगभग 200 घरों में यह कार्य होता है, जिसमें लगभग 150 कारीगर और 300 मज़दूर प्रतिदिन बिना सुरक्षा के लौह सामग्री बनाते हैं तथा इन्हें उचित मज़दूरी भी नहीं मिल पाती है।
- भेंडरा में बनने वाले फैसिलिटी कॉमन सेंटर के लिये वहाँ के कुशल कारीगरों को प्रशिक्षित कर आधुनिक तकनीक से लौह सामग्री बनाने की कला सिखाई जाएगी, जिससे कम खर्च में बेहतर सामान का निर्माण हो सकेगा। इसके अलावा कारीगरों व मज़दूरों की सुरक्षा भी होगी।
- फैसिलिटी कॉमन सेंटर में समीप की जामुनिया नदी से पानी, पास के विद्युत सब स्टेशन से बिजली, नज़दीकी शहरों से कच्ची लौह सामग्री और सीसीएल कोलियरी से कोयला की आपूर्ति होगी। भेंडरा निर्मित लौह सामग्री की पहचान के लिये ट्रेडमार्क की भी स्वीकृति दिलाई जाएगी। वर्तमान में भेंडरा में बने सामान को व्यापारी कोलकाता ले जाते हैं और वहाँ कुछ काम कर सामान पर अपनी मार्किंग कर मूल्य तय करते हैं।
- जगरनाथ महतो ने बताया कि केंद्र सरकार के पास प्रोजेक्ट भेज कर स्वीकृति दिलाने का प्रयास होगा तथा प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने के बाद भेंडरा की देश भर में प्रसिद्धि होगी और साथ ही यहाँ के कारीगरों, मज़दूरों एवं व्यापारियों का उत्थान होगा।
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