छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर में बड़ी गिरावट, 159 से घटकर 137 हुई
चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2022 को भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा जारी वर्ष 2018 से 2020 के बीच देश में मातृत्व मृत्यु पर विशेष बुलेटिन (SRS - Sample Registration System) जारी किया गया। इसके मुताबिक तीन वर्षों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है। प्रदेश में प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर मातृ मृत्यु की दर 159 से घटकर अब 137 हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा जारी एसआरएस के आँकड़ों के अनुसार तीन वर्षों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है।
- राज्य शासन द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिये जाने के कारण वर्ष 2016 से 2018 के बीच 159 मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुँच गया है। प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आँकड़ा है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने हेतु सुपोषण अभियान संचालित किया जा रहा है। मातृत्व स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल और गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को हर तरह का इलाज मुहैया कराने के लिये स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण किया गया है। ज़्यादा जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जाँच और निगरानी की जा रही है।
- राज्य में संस्थागत प्रसवों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शासकीय अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव की भी सुविधाएँ बढ़ी हैं। समुदाय और मैदानी स्तर पर मितानिनें एवं एएनएम मातृ व शिशु स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रख रही हैं। राज्य शासन के इन सब कदमों की वजह से प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
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