उत्तर प्रदेश Switch to English
वाराणसी एयरपोर्ट पर जल्द शुरू होगी डिजी यात्रा
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी एयरपोर्ट निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 1 दिसंबर से डिजी यात्रा की सेवा मिलने लगेगी। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली से इसका वर्चुअल उद्घाटन करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि डिजी यात्रा के तहत यात्रियों के लिये उनका चेहरा ही बोर्डिंग पास होगा। इससे यात्रियों को तमाम कागज़ात से छुटकारा मिलेगा और उनके समय की बचत होगी।
- पहले घरेलू विमानों पर इस डिजी यात्रा के तहत प्रवेश दिया जाएगा, उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय विमानों के लिये डिजी यात्रा की शुरुआत की जाएगी। इससे बोर्डिंग पास के दौरान लगने वाले समय में 50 फीसदी की बचत होगी।
- उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर यात्री मोबाइल से भी डिजी यात्रा के लिये पंजीकरण करा सकते हैं। एयरपोर्ट पर लगे डिजी यात्रा क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन किया जाएगा। इसके बाद पंजीकरण के लिये आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर ज़रूरी होगा। डिजी यात्रा के लिये प्ले स्टोर से डिजी यात्रा ऐप डाउनलोड कर यात्री घर-बैठे भी पंजीकरण कर सकते हैं। इससे यात्रियों के समय की बचत के साथ उन्हें आसानी से टर्मिनल भवन में प्रवेश मिलेगा।
- इसके अलावा डिजी यात्रा के दौरान एयरपोर्ट पर लगी मशीन में यात्री का बेसिक डाटा स्टोर हो जाएगा। इसके बाद जब भी यात्रा करना होगा, उसे किसी भी तरह के कागज़ों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यात्री एयरपोर्ट पर डिजी यात्रा मशीन में अपना चेहरा व टिकट स्कैन करा कर प्रवेश कर सकेंगे। एक दिसंबर को डिजी यात्रा के जरिये प्रवेश पाने वाले यात्री को विशेष इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य यात्रियों को भी उपहार दिया जाएगा।
- अर्यमा सान्याल ने बताया कि एयरपोर्ट के गेट नंबर दो पर ही डिजी यात्रा की सुविधा होगी। डिजी यात्रियों के लगेज के लिये अलग काउंटर होगा। इन यात्रियों के लगेज संबंधित काउंटर से विमान तक पहुँचा दिये जाएंगे।
- शुरूआत में इंडिगो एयरलाइंस यह सेवा देगी। पहले दिन दिल्ली के विमान यात्रियों को सुविधा मिलेगी। इसके बाद एयर इंडिया और विस्तारा सेवा देंगी। अभी वाराणसी एयरपोर्ट पर इंडिगो से यात्रा करने वाले यात्रियों को ही डिजी यात्रा की सुविधा मिल रही है।
- उल्लेखनीय है कि वाराणसी एयरपोर्ट पर 1 दिसंबर से डिजी यात्रा की शुरुआत हो रही है। इससे पहले डिजी यात्रा का ट्रायल किया जा रहा था। एयरपोर्ट पर जनवरी से डिजी यात्रा के लिये ट्रायल शुरू हुआ था, तब से अभी तक 5526 यात्रियों ने डिजी यात्रा के तहत यात्रा की है। वहीं 877 यात्रियों ने ऐप डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन किया है।
- वाराणसी के साथ ही दिल्ली और बंगलूरू एयरपोर्ट पर भी डिजी यात्रा का शुभारंभ होगा। हालाँकि, लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (बाबतपुर हवाई अड्डा) देश का पहला हवाई अड्डा होगा, जहाँ सेवाएँ एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधीन संचालित हैं।
बिहार Switch to English
बिहार कैबिनेट ने 31 बड़े फैसलों पर लगाई मुहर
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पटना में हुई कैबिनेट बैठक में 31 अहम एजेंडों पर मुहर लगाई गई।
प्रमुख बिंदु
- कैबिनेट की बैठक में लिये गए कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं-
- कैबिनेट की बैठक में बिहार पुरातत्त्व एवं संग्रहालय सेवा संशोधन के गठन को मंज़ूरी मिली है। इसके अलावा बिहार उत्पाद नियमावली 2001 में संशोधन का प्रकाशन करने की स्वीकृति मिली है।
- इस बैठक में समेकित बाल विकास सेवाएँ योजना के अंतर्गत सेविका चयन मार्गदर्शिका 2022 को स्वीकृति मिली है। इसके अलावा अब सेविका चयन प्रक्रिया ऑनलाइन तरीके से होगी, जबकि सेविका के लिये इंटर और सहायिका के लिये न्यूनतम मैट्रिक योग्यता तय की गई है।
- सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष 15 दिसंबर को राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाएगी।
- शराब और ताड़ी उत्पादन से जुड़े निर्धन परिवार को आर्थिक मदद देने की योजना बनाई गई है, जिसके लिये कुल 610 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
- आतंकवाद, सांप्रदायिक, नक्सली हिंसा, सीमा पार से गोलीबारी एवं बारूदी सुरंग विस्फोट से पीड़ित सिविल व्यक्तियों को भी सहायता हेतु केंद्रीय योजना की सूची मार्गदर्शिका 2022 के प्रारूप को बिहार में भी लागू करने की स्वीकृति मिली है।
- उद्योग विभाग के तहत संजीवन राइस मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
राजस्थान Switch to English
‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ एवं ‘नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना’ का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में मुख्यमंत्री निवास से ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ एवं ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना तथा नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना के लोगो का अनावरण किया तथा राज्य के शिक्षा में बढ़ते कदम के तृतीय फेज के मोबाइल ऐप, दक्षता आधारित डिजिटल रिपोर्ट कार्ड तथा महात्मा गांधी राजकीय विद्यालयों में बाल वाटिका की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ के पोस्टर का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत राज्य में मिड-डे मील कार्यक्रम से लाभान्वित राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में अध्ययनरत् कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को पाउडर मिल्क से तैयार दूध मंगलवार और शुक्रवार को उपलब्ध कराया जाएगा। दूध का वितरण प्रार्थना सभा के बाद होगा। अध्यापक, अभिभावक या स्कूल मैनेजमेंट कमेटी सदस्य स्वयं दूध चखकर उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे। योजना पर राज्य सरकार द्वारा 44 करोड़ रुपए वहन किये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को ड्रेस के 2 सेट के लिये कपड़ा मिलेगा। सिलाई के लिये प्रति विद्यार्थी 200 रुपए सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किये जाएंगे। कक्षा एक से 8 तक राजकीय विद्यालयों में करीब 67.58 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। योजना पर 500.10 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मध्य प्रदेश Switch to English
पर्यटन मंत्री ने किया जल महोत्सव का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने खंडवा ज़िले के पर्यटन स्थल ‘हनुवंतिया टापू’ में मध्य प्रदेश के वार्षिक पर्यटन कार्यक्रम ‘जल महोत्सव’के 7वें संस्करण का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- जल पर्यटन क्षेत्र में मिनी गोवा के नाम से देशभर में प्रसिद्ध हनुवंतिया में दो माह तक चलने वाले इस वाटर कार्निवल का समापन 28 जनवरी, 2023 को होगा।
- प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि जल महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिल रही है। यह प्रदेश से राष्ट्र और राष्ट्र से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हो गया है। जल महोत्सव में पहली बार पर्यटक फ्लाईंग बोट, फ्लोटिंग वेलनेस स्पा का रोमांच लेंगे।
- प्रमुख सचिव शुक्ला ने स्थानीय नागरिकों से आग्रह किया कि पर्यटकों को गाँवों का भ्रमण कराएँ। स्थानीय खान-पान, कला, कौशल और खेती-बाड़ी से परिचय कराएँ, जिससे ग्रामीणों को भी आमदनी होगी और पर्यटक स्थानीय कला एवं संस्कृति से अवगत होंगे।
- जल महोत्सव में केरल के प्रसिद्ध करैली समूह के द्वारा वेलनेस स्पा, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय एंगलर्स की तीनदिवसीय एंगलिंग स्पोर्ट इवेंट, संगीत समारोह, पतंग उत्सव जैसी अनेक गतिविधियाँ पर्यटकों के मनोरंजन के लिये आयोजित की जाएंगी।
- उल्लेखनीय है कि इंदिरा सागर बांध के तट पर स्थित हनुवंतिया टापू को एक आदर्श पर्यटन स्थल विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा ‘जल महोत्सव’का आयोजन किया जाता है।
- ‘जल महोत्सव’खेल और प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों को आनंद एवं रोमांच की अनुभूति के लिये साहसिक गतिविधियों के अवसर प्रदान करता है।
- ‘जल महोत्सव’में साहसिक खेलों को ध्यान में रखते हुए अन्य उत्साहवर्धक गतिविधियाँ, जैसे- हॉट एयर बैलूनिंग, साइकिलिंग, क्रूज बोटिंग, वाटर पैरासेलिंग, पैरा मोटरिंग, आइलैंड केंपिंग, स्टार गेजिंग, बर्ड वॉचिंग आदि का भी आयोजन किया जाता है।
- विदित है कि 20 जनवरी, 2022 को ‘जल महोत्सव’को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पेन के मैड्रिड में भारत के अद्वितीय जल और साहसिक कार्निवल के रूप में सम्मानित किया गया था। इसके अलावा जल महोत्सव को वर्ष 2017 में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सबसे अनोखे/अद्वितीय नवीन पर्यटन उत्पाद वर्ष 2015-16 हेतु राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
हरियाणा Switch to English
राष्ट्रपति ने किया गीता शिल्प कला उद्यान का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के पुरुषोत्तमपुरा बाग में बनाए गए गीता मूर्ति शिल्प उद्यान का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस उद्यान में आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव मॉडल, गीता एवं भारतीय संस्कृति के अनेक महत्त्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाने का प्रयास किया गया है। हरियाणा राज्य के साथ-साथ ओडिशा, तेलंगाना, राजस्थान और असम के 21 शिल्पकारों द्वारा दिन-रात अथक् प्रयास करने के उपरांत 21 मूर्तियों को तैयार किया गया है।
- काले संगमरमर से बनी पाँच से 12 टन वज़न वाली ये मूर्तियाँ कलाकारों ने एक ही चट्टान के टुकड़ों को तराश कर तैयार की हैं। सभी मूर्तियाँ महाभारत से संबंधित विषयों को लेकर तैयार की गई हैं। इनमें आज़ादी का अमृत महोत्सव और गीता को भी दर्शाया गया है।
- इस अतुलनीय कार्य से राज्य में लुप्त होती आधुनिक मूर्तिकला के साथ-साथ राज्य के युवा कलाकारों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष पहचान मिली है। सदियों तक ज़िंदा रहने वाली यह आधुनिक अदभुत् कला राज्य का गौरव एवं मान-सम्मान बढ़ाने का काम कर रही है।
- गीता शिल्प कला उद्यान में 4 राज्यों के 21 शिल्पकारों ने मूर्तियाँ तैयार की हैं, जिनमें कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय कौशल, जींद से अमित कुमार, भिवानी से अरुण, असम गोवाहाटी से अरुणधती चौधरी, रोहतक से दिनेश सेवाल, कुरुक्षेत्र से गोल्डी, सिरसा से हरपाल, करनाल से कुलदीप सिंह, कमला नगर रोहतक से महिपाल, चांग हरियाणा से मदन सैनी, जींद से मोनू, मीनाक्षी, राजस्थान से नेमा राम, झज्जर से नरेंद्र, कुरुक्षेत्र से प्रिंस शर्मा, ओडिशा से राकेश पटनायक, रेवाड़ी से राहुल, तेलंगाना से डॉ. स्नेहलता प्रसाद, सोनीपत से स्वीप राज, महरौली दिल्ली से सुशांक कुमार, चंडीगढ़ से विरेंद्र कुमार शामिल हैं।
हरियाणा Switch to English
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा को दी 3 बड़ी परियोजनाओं की सौगात
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमद्भगवद् गीता सदन में अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार में हरियाणा सरकार की 3 महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का वर्चुअली शुभारंभ व शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रपति ने अंत्योदय परिवारों के लिये ‘निरोगी हरियाणा योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत अंत्योदय परिवारों की व्यापक स्वास्थ्य जाँच मुफ्त की जाएगी। पहले चरण में 1 लाख 80 हज़ार रुपए से कम आय वाले परिवारों को लाभार्थियों के रूप में शामिल किया जाएगा, जबकि शेष आबादी को बाद के चरणों में कवर किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त मंत्री के रूप में वर्ष 2022-23 के बजट में घोषणा करते हुए यह विज़न पेश किया था कि प्रदेश के सभी नागरिकों की 2 साल में कम-से-कम एक बार व्यापक स्वास्थ्य जाँच मुफ्त की जाए। इसी घोषणा को मूर्तरूप देते हुए ‘निरोगी हरियाणा योजना’ बनाई गई है।
- नागरिक संसाधन सूचना विभाग द्वारा जारी अंत्योदय परिवारों के आँकड़ों के अनुसार कुल घरों की संख्या 26,64,257 है और जनसंख्या 1,06,06,475 है। अंत्योदय परिवार को इसके सभी सदस्यों की व्यापक जाँच के लिये एक इकाई के रूप में लिया जाएगा और प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये आबादी को 5 अलग-अलग आयु समूहों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणी -1 के तहत 0-6 महीने, श्रेणी-2 में 6-59 महीने, श्रेणी-3 में 5-18 वर्ष, श्रेणी-4 में 18-40 वर्ष और श्रेणी-5 में 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को रखा गया है।
- आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स पात्र आबादी के प्रत्येक घर का दौरा करेंगी तथा उनका निकटतम स्वास्थ्य सुविधा में जाँच के लिये मार्गदर्शन करेंगी। लाभार्थी की सामान्य शारीरिक जाँच की जाएगी। इसके अलावा, अन्य प्रयोगशाला परीक्षण भी किये जाएंगे।
- स्वास्थ्य जाँच के दौरान डाटा का रिकॉर्ड रखने के लिये एक इन-हाउस एप्लिकेशन विकसित किया जाएगा, जिसका उपयोग वर्तमान स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सुधार में किया जा सकता है।
- डॉक्टरों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए और वांछित डाक्टर:रोगी अनुपात प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने हर ज़िले में एक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में राष्ट्रपति ने ज़िला सिरसा में 21 एकड़ भूमि पर बनने वाले मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया। इस पर लगभग 950 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
- इस महाविद्यालय की स्थापना से ज़िला सिरसा व आस-पास के क्षेत्रों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस महाविद्यालय में 100 एम.बी.बी.एस. छात्रों का वार्षिक प्रवेश होगा और अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त 539 बिस्तरों का अस्पताल होगा।
- इस परिसर में सेवा ब्लॉक के साथ शिक्षण अस्पताल, परीक्षा ब्लॉक के साथ चिकित्सा महाविद्यालय, गर्ल्स हॉस्टल व गर्ल्स इंटर्न हॉस्टल, बॉयज हॉस्टल व बॉयज इंटर्न हॉस्टल, जूनियर सीनियर रेजिडेंट छात्रावास, अटोप्सी ब्लॉक, अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा, खेल सुविधा, नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथेरेपी कॉलेज, नर्सिंग गर्ल्स हॉस्टल इत्यादि सुविधाएँ होंगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में 1835 एम.बी.बी.एस. सीटों, 708 एम.डी/एम.एस. सीटों और 155 डी.एन.बी. डिप्लोमा सीटों के साथ 13 चिकित्सा महाविद्यालय कार्यरत् हैं। इनमें से 6 राजकीय, 1 राजकीय सहायता प्राप्त और 6 निजी क्षेत्र के हैं। हर ज़िले में एक मेडिकल कॉलेज खुलने से प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 3 हज़ार से अधिक हो जाएंगी।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा रोडवेज की बसों में ई-टिकटिंग प्रणाली का शुभारंभ किया। शुभारंभ के साथ ही राष्ट्रपति को पहली टिकट के रूप में नेशनल ई-मोबिलिटी कार्ड की प्रतिकृति भेंट की गई।
- भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ओपन लूप टिकटिंग प्रणाली लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। प्रारंभिक चरण में 6 डिपो, अर्थात् चंडीगढ़, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी और सिरसा में ई-टिकटिंग प्रणाली लागू होगी। इसी तरह हरियाणा रोडवेज के शेष 18 डिपो में जनवरी 2023 के अंत तक इस परियोजना को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
- इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य राजस्व लीकेज को बंद करना है। साथ ही ओपन लूप टिकटिंग के उपयोग को बढ़ावा देना, जिसे बाद में पूरे भारत में यात्रा के अन्य तरीकों के लिये भी उपयोग किया जा सकता है।
- इसके अलावा, छूट पाने वालों की पहचान, फर्ज़ी पास को खत्म करना, रियायत पाने वाले यात्रियों के लिये कागज़ी बचत, कॉमन मोबिलिटी कार्ड के उपयोग के माध्यम से यात्रियों के लिये बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना, यात्रियों की संख्या के अनुरूप रूट राशनलाइज़ेशन तथा बसों, सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि करना शामिल है।
हरियाणा Switch to English
राष्ट्रपति ने भगवान श्रीकृष्ण की चौदह विद्याएँ व चौसठ कलाओं पर आधारित सर्वांग-चित्र प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया तथा महोत्सव के पार्टनर स्टेट मध्य प्रदेश के पैवेलियन में जाकर भगवान श्रीकृष्ण की उज्जैन के संदीपनि ऋषि के आश्रम में ग्रहण की गई शिक्षा-दीक्षा पर आधारित सर्वांग-चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के किनारे लगाए गए मध्य प्रदेश पैवेलियन में भगवान श्रीकृष्ण की 14 विद्याओं व 64 कलाओं को स्लाइड्स के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
- मध्य प्रदेश पैवेलियन में उज्जैन महाकाल कॉरिडोर के मुख्य प्रवेश द्वार के मॉडल को सांस्कृतिक मंच पर प्रदर्शित किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ऋषि संदीपनि के आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भाई बलराम व मित्र सुदामा के साथ 64 दिनों में 14 विद्याओं व 64 कलाओं को सीखा था।
झारखंड Switch to English
झारखंड का शेफील्ड कहा जाने वाला भेंडरा में बनेगा फैसिलिटी कॉमन सेंटर
चर्चा में क्यों?
29 नवंबर, 2022 को झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि केंद्र सरकार की स्फूर्ति योजना के तहत लगभग दो करोड़ रुपए से राज्य के बोकारो के भेंडरा में फैसिलिटी कॉमन सेंटर की स्थापना होगी, जिसके लिये भेंडरा में 50 डिसमिल भूमि चिह्नित की गई है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि राज्य की लौह नगरी भेंडरा के कुटीर उद्योग को विकसित करने पर कार्य चल रहा है। इसके लिये आईआईटी आइएसएम धनबाद के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर की सीईओ डॉ. आकांक्षा सिन्हा के नेतृत्व वाली टीम ने प्रोजेक्ट तैयार किया है।
- विदित है कि भेंडरा को झारखंड का शेफील्ड कहा जाता है। डॉ. आकांक्षा सिन्हा ने बताया कि यदि भेंडरा को ट्रेडमार्क मिल जाता है तो इसकी पहचान राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में बन सकेगी।
- उन्होंने बताया कि आईआईटी की टीम ने एक माह तक भेंडरा गाँव का सर्वेक्षण कर एक प्रोजेक्ट बनाया है, जिसमें पारंपरिक तकनीक का आधुनिकीकरण कर इस उद्योग को विकसित करने की योजना है।
- ज्ञातव्य है कि भेंडरा में शेरशाह के काल से उनकी सेना के लिये हथियार बनाए जाते थे और वर्तमान में भी पारंपरिक तकनीक से तलवार, भाला, कटार, फरसा, कुल्हाड़ी, हसुआ, हथौड़ा, चाकू, बैसुली, कुदाल आदि बनाए जाते हैं। ये औजार कोयला पर लोहे को गर्म करने के बाद हथौड़े से पीट-पीट कर बनाए जाते हैं। गाँव के लगभग 200 घरों में यह कार्य होता है, जिसमें लगभग 150 कारीगर और 300 मज़दूर प्रतिदिन बिना सुरक्षा के लौह सामग्री बनाते हैं तथा इन्हें उचित मज़दूरी भी नहीं मिल पाती है।
- भेंडरा में बनने वाले फैसिलिटी कॉमन सेंटर के लिये वहाँ के कुशल कारीगरों को प्रशिक्षित कर आधुनिक तकनीक से लौह सामग्री बनाने की कला सिखाई जाएगी, जिससे कम खर्च में बेहतर सामान का निर्माण हो सकेगा। इसके अलावा कारीगरों व मज़दूरों की सुरक्षा भी होगी।
- फैसिलिटी कॉमन सेंटर में समीप की जामुनिया नदी से पानी, पास के विद्युत सब स्टेशन से बिजली, नज़दीकी शहरों से कच्ची लौह सामग्री और सीसीएल कोलियरी से कोयला की आपूर्ति होगी। भेंडरा निर्मित लौह सामग्री की पहचान के लिये ट्रेडमार्क की भी स्वीकृति दिलाई जाएगी। वर्तमान में भेंडरा में बने सामान को व्यापारी कोलकाता ले जाते हैं और वहाँ कुछ काम कर सामान पर अपनी मार्किंग कर मूल्य तय करते हैं।
- जगरनाथ महतो ने बताया कि केंद्र सरकार के पास प्रोजेक्ट भेज कर स्वीकृति दिलाने का प्रयास होगा तथा प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने के बाद भेंडरा की देश भर में प्रसिद्धि होगी और साथ ही यहाँ के कारीगरों, मज़दूरों एवं व्यापारियों का उत्थान होगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर में बड़ी गिरावट, 159 से घटकर 137 हुई
चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2022 को भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा जारी वर्ष 2018 से 2020 के बीच देश में मातृत्व मृत्यु पर विशेष बुलेटिन (SRS - Sample Registration System) जारी किया गया। इसके मुताबिक तीन वर्षों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है। प्रदेश में प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर मातृ मृत्यु की दर 159 से घटकर अब 137 हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा जारी एसआरएस के आँकड़ों के अनुसार तीन वर्षों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है।
- राज्य शासन द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिये जाने के कारण वर्ष 2016 से 2018 के बीच 159 मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुँच गया है। प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आँकड़ा है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने हेतु सुपोषण अभियान संचालित किया जा रहा है। मातृत्व स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल और गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को हर तरह का इलाज मुहैया कराने के लिये स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण किया गया है। ज़्यादा जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जाँच और निगरानी की जा रही है।
- राज्य में संस्थागत प्रसवों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शासकीय अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव की भी सुविधाएँ बढ़ी हैं। समुदाय और मैदानी स्तर पर मितानिनें एवं एएनएम मातृ व शिशु स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रख रही हैं। राज्य शासन के इन सब कदमों की वजह से प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
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