उत्तर प्रदेश Switch to English
‘हर घर जल योजना’ के तहत नल कनेक्शन देने में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर
चर्चा में क्यों?
27 अक्तूबर, 2023 को मिडिया से मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन की ‘हर घर जल योजना’ के तहत नल कनेक्शन देने में उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। अब तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक करोड़ 60 लाख 57 हज़ार 65 ग्रामीण परिवारों तक नल से शुद्ध जल पहुँचा दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से राज्य में ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल पहुँचाने का महाभियान जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से स्वच्छ जल ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाने के लिये शुरू किया गया है।
- उत्तर प्रदेश सबसे अधिक नल कनेक्शन देने वाला राज्य बन गया है। राज्य में योजना से प्रत्येक दिन 40 हज़ार से अधिक ग्रामीणों तक नल कनेक्शन पहुँचाने का काम किया जा रहा है।
- 2019 से पहले उत्तर प्रदेश में केवल 5 लाख 16 हज़ार 221 परिवारों तक ही नल कनेक्शन थे, वहीं बीते साढ़े तीन सालों में उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 60 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके घर पर ही पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया गया है।
- हर घर जल योजना-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त 2019 में शुरू की गई थी। यह मिशन वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
- यह जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- इस मिशन का लक्ष्य मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों एवं जल कनेक्शन, जल गुणवत्ता निगरानी और परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि की कार्यक्षमता सुनिश्चित करना है।
- यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग को सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही यह पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, ग्रे जल उपचार और पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
बिहार Switch to English
नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाने की योजना मंज़ूर
चर्चा में क्यों?
29 अक्तूबर 2023 को मुख्ममंत्री नीतीश कुमार ने नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाए जाने की योजना को मंजूरी देते हुए इसे तीव्र गति से क्रियान्वित किये जाने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- बिजली कंपनी द्वारा ब्रेडा के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन कराया जाना है। नहरों के किनारे ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है।
- नहरों के किनारे एक कतार में बड़ी संख्या में सोलर प्लेट लगाए जाने की योजना के लिये जल संसाधन विभाग ने बिजली कंपनी को इकठटे सूबे के सभी नहरों के लिये अपना अनापत्ति प्रमाण-पत्र उपलब्ध करा दिया है।
- बिजली कंपनी को अब अलग-अलग नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाए जाने के काम को लेकर पृथक् रूप से कोई अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं होगी।
- बिजली कंपनी ने नहरों के किनारे ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाए जाने की अपनी योजना पटना नहर के बिक्रम इलाके में शुरू करने की योजना बनाई थी। यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में था।
- इस प्रोजेक्ट के लिये सात से आठ महीने अंतर-विभागीय मंज़ूरी हासिल करने में लग गए। जल संसाधन विभाग ने इसके बाद इस शर्त के साथ बिजली कंपनी को मंज़ूरी प्रदान की है कि वह नहरों की सफाई के लिये जाने वाले वाहनों का रास्ता छोड़कर अपना काम करे। इस अनुमति के बाद पायलट प्रोजेक्ट का काम आगे बढ़ा।
- बिजली कंपनी ने इस प्रोजेक्ट की फिजिबिलटी पर गुजरात की एक कंपनी से डीपीआर बनवाया हुआ है। गुजरात में यह मॉडल काफी सफल रहा है। सोलर प्लेट लगाए जाने को लेकर ज़मीन की समस्या नहर के किनारे एक सीध में ज़मीन मिलने की वजह से हल हो गई है।
बिहार Switch to English
युवाओं को रोज़गार दिलाने में भागलपुर पूरे प्रदेश में शीर्ष पर
चर्चा में क्यों?
29 अक्तूबर, 2023 को बिहार के नियोजन विभाग ने सितंबर माह की प्रगति पर सभी ज़िलों की रैंकिंग जारी की है, जिसमें बिहार के युवाओं को रोज़गार दिलाने में भागलपुर पूरे प्रदेश में शीर्ष पर है।
प्रमुख बिंदु
- भागलपुर को कुल प्राप्तांक 100 में शत-प्रतिशत अंक मिले, जबकि प्रदेश के अन्य पाँच ज़िलों कैमूर, नालंदा, सहरसा, समस्तीपुर और वैशाली को भी 100 फीसदी अंक मिले हैं, लेकिन भागलपुर का लक्ष्य सबसे अधिक होने और लक्ष्य को पूरा कर लेने में सफल होने पर नंबर 1 स्थान दिया गया है।
- सहायक निदेशक (नियोजन) भरत जी राम ने बताया कि विभाग ने ज़िलों के परफॉर्मेंस का आकलन चार कैटेगरी में किया है। नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर जॉब पाने वालों के रजिस्ट्रेशन में लक्ष्य को पूरा करने पर 30 अंक, करियर व वोकेशनल गाइडेंस में 20 अंक, जॉब कैंप लगाने में 30, निरीक्षण में 10 और निरीक्षण रिपोर्ट जमा करने में 10 अंक निर्धारित किया गया था।
- इसमें भागलपुर ने एक हज़ार रजिस्ट्रेशन के लक्ष्य के खिलाफ 1011 का निबंधन कराया। वोकेशनल गाइडेंस के लिये चार कैंप कराने का लक्ष्य था, पाँच कराए गए। करियर व पार्टिसिपेशन में 200 के लक्ष्य के खिलाफ 255 आए। रोज़गार देने के लिये 4 जॉब कैंप के लक्ष्य के खिलाफ नौ कराए थे। इसमें 105 में 105 को जॉब दिलाया गया। इसके अलावा इंस्पेक्टशन के दोनों अवयवों में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ।
- 38 ज़िलों की क्रमवार रैंकिंग: भागलपुर, कैमूर, नालंदा, सहरसा, समस्तीपुर, वैशाली, सारण, बक्सर, गोपालगंज, पटना, बेगूसराय, मोतिहारी, लखीसराय, दरभंगा, किशनगंज, जमुई, नवादा, मुंगेर, भोजपुर, शेखपुरा, सिवान, सुपौल कटिहार, खगड़िया, रोहतास, मधेपुरा, सीतामढ़ी, मधुबनी, बेतिया, पूर्णिया, अरवल, मुज़फ्फरपुर, जहानाबाद, गया, शिवहर, बांका, अररिया और औरंगाबाद।
बिहार Switch to English
बिहार के 5 लाख शिक्षकों को आवास देगी राज्य सरकार
चर्चा में क्यों?
29 अक्तूबर, 2023 को बिहार सरकार द्वारा राज्य के 5 लाख शिक्षकों को आवास देने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से एक लाख 22 हज़ार शिक्षकों का रिजल्ट जारी किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार ने उन शिक्षकों के अलावा पहले से कार्यरत् करीब 5 लाख शिक्षकों को आवास देने का निर्णय लिया है। स्कूल के पास में ही रहने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि विद्यालय पहुँचने में लेट न हो।
- बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों के आवास के लिये ज़िला, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत के गाँव तक मकान को किराए पर लिया जाएगा। इसके साथ ही रियल एस्टेट कंपनी अगर मकान बनाकर देती है तो भी सरकार लेगी।
- शिक्षा विभाग ने इच्छुक मकान मालिकों एवं रियल एस्टेट कंपनियों से पूछा है कि कितने फ्लैट और मकान तत्काल उपलब्ध करा सकते हैं, साथ ही कितने अगले एक-दो सालों में अतिरिक्त बनवा सकते हैं। इसकी सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
- शिक्षा विभाग प्रत्येक वर्ष शिक्षकों के वेतन पर लगभग 33 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करता है। इसमें 8 प्रतिशत, यानी लगभग 2500 रुपए करोड़ आवास के लिये खर्च किये जाते हैं।
- शिक्षा विभाग के अनुसार आवास भत्ता की कटौती कर यह पैसा लीज़ पर लिये गए मकान और रियल एस्टेट कंपनियों को दिया जाएगा।
- शिक्षकों के दूरस्थ क्षेत्रों में आवास की सुविधा के लिये दो मॉडल पर शिक्षा विभाग कार्य कर रहा है, पहला मकान और बहुमंज़िला इमारत के मालिकों से प्रस्ताव मांगा गया है कि वह कितने मकान किस ज़िले में, किस प्रखंड और ग्राम पंचायत में उपलब्ध करा सकते हैं, जो पहले से बने हुए हैं। शिक्षा विभाग उसे किराए पर तुरंत ले सकता है।
- दूसरा-रियल एस्टेट कंपनियों या अन्य इच्छुक ज़मीन मालिकों से ज़िला, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में बहुमंज़िला इमारत एवं भवन निर्माण करने के लिये प्रस्ताव मांगा गया है। यहाँ केवल विभाग के शिक्षक रहेंगे। इन इमारतों को निजी कंपनियाँ अपने खर्चे पर बनाएंगी। शिक्षा विभाग उन्हें लंबे समय के लिये लीज़ पर लेगा और हर महीने किराया भुगतान करेगा।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनावों के लिये अपनी 5 बड़ी गारंटी लॉन्च करने की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
27 अक्तूबर, 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कॉन्ग्रेस वार रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिये अपनी 5 बड़ी गारंटी लॉन्च करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस लिस्ट में पहली गारंटी ओल्ड पेंशन स्कीम होगी। विदित हो कि 2022 में गहलोत ने राजस्थान में न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू की थी। ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य था। अब मुख्यमंत्री गहलोत गारंटी देंगे कि उनकी सरकार आती है तो ओपीएस जारी रखेंगे।
- दूसरी गारंटी फ्री लैपटॉप की है। हालाँकि फ्री लैपटॉप की घोषणा गहलोत सरकार के इस कार्यकाल के बजट का हिस्सा थी, लेकिन यह योजना कागज़ों से आगे नहीं बढ़ी। अब मुख्यमंत्री गहलोत गारंटी देंगे कि सरकार आई तो सरकारी कॉलेज के छात्रों को फ्री लैपटॉप देंगे।
- तीसरी गो धन पशु गारंटी है। यह गारंटी छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार लॉन्च कर चुकी है। अब गहलोत सरकार भी गाँवों में पशुओं का गोबर और गो-मूत्र खरीदने की गारंटी देगी।
- चौथा अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल की गारंटी है। गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने प्रदेश भर में अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल खोलने की योजना लॉन्च की थी। अब मुख्यमंत्री गहलोत इसे आगे बढ़ाकर पंचायत स्तर पर लागू करने की गारंटी देंगे।
- पाँचवी चिरंजीवी आपदा राहत की गारंटी है। गहलोत सरकार ने इस कार्यकाल में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लॉन्च की थी। इसमें प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है। अब गहलोत इस योजना को आगे बढ़ाकर इसे आपदा राहत तक बढ़ाएंगे।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने ‘प्राणवायु देवता पेंशन योजना’की शुरुआत की
चर्चा में क्यों?
26 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘प्राणवायु देवता पेंशन योजना’ के तहत 3,810 वृक्षों को पेंशन देने की विधिवत शुरुआत की। योजना के तहत इन सभी वृक्षों को सालाना 2750 रुपए पेंशन दी जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री ने आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान प्राणवायु देवता पेंशन योजना का शुभारंभ किया।
- उल्लेखनीय है कि हरियाणा इस तरह की योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसका उद्देश्य 75 वर्ष से अधिक पुराने स्वस्थ वृक्षों का संरक्षण है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी के घर के आंगन में 75 वर्ष या उससे अधिक पुराना पेड़ है तो वह अपने संबंधित ज़िले के वन विभाग के कार्यालय में जाकर पेंशन के लिये आवेदन कर सकता है। आवेदन का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाएगा और सभी शर्तों के सत्यापन के बाद लाभार्थी को पेंशन दी जाएगी।
- राज्य में ज़िलास्तरीय संरक्षण समितियों द्वारा इस योजना के तहत 75 वर्ष अथवा अधिक उम्र के 3,810 पात्र वृक्षों की पहचान की गई। इन प्राणवायु देवता वृक्षों की वार्षिक पेंशन राशि 2750 रुपए है। इस राशि को वृक्ष के परिरक्षक के खाते में वृक्ष के रखरखाव और देखभाल के लिये जमा किया जाएगा। इस पेंशन राशि में वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अनुरूप वार्षिक वृद्धि भी की जाएगी।
- चयनित प्राणवायु देवता वृक्षों में लगभग 40 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें पीपल, बरगद, नीम, आम, जाल, गूलर, कृष्ण कदंब, पिलखन आदि प्रमुख हैं। ये सभी वृक्ष भारतीय हैं और इनका अत्यधिक पारिस्थितिकी महत्त्व है।
- ये पुराने वृक्ष विभिन्न भूमि पर खड़े हैं, जैसे कि निजी, पंचायती, संस्थागत और सरकारी संपत्ति पर। वन भूमि पर खड़े वृक्षों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।
हरियाणा Switch to English
‘कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों की तैनाती’ में संशोधन
चर्चा में क्यों?
26 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने हरियाणा सरकार द्वारा ‘कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों की तैनाती नीति, 2022’ में किये गए महत्त्वपूर्ण संशोधन के संबंध में अधिसूचना जारी की। चयन मानदंडों में इन संशोधनों का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को और अधिक समावेशी एवं कुशल बनाना है।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना में कहा गया है कि उम्मीदवारों की मेरिट सूची अब वार्षिक पारिवारिक आय, उम्मीदवार की आयु और सामाजिक-आर्थिक मानदंड, कौशल योग्यता, सामान्य पात्रता परीक्षा, पूर्व राज्य अनुभव आदि स्कोरिंग मापदंडों के आधार पर तैयार की जाएगी।
- हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण द्वारा सत्यापित उम्मीदवार की वार्षिक पारिवारिक आय के आधार पर अधिकतम 40 अंक होंगे, जिसमें 1,00,000 रुपए तक 40 अंक, 1,00,001 से 1,80,000 रुपए तक 30 अंक, 1,80,001 से 3,00,000 रुपए तक 20 अंक, 3,00,001 से 6,00,000 रुपए तक 10 अंक की स्कोरिंग होगी।
- नौकरी की सिफारिश के समय उम्मीदवार की उम्र के आधार पर 24 से 36 वर्ष तक 10 अंक तथा 36 से 42 वर्ष तक आयु में 5 अंकों का लाभ दिया जाएगा।
- नौकरी के लिये प्रासंगिक एनसीवीटी, एससीवीटी, एसवीएसयू विश्वविद्यालय मान्यताप्राप्त आईटीआई से कौशल प्रमाणपत्र होने पर उम्मीदवारों को अधिकतम 5 अंक प्राप्त होंगे। उसी क्षेत्र में बुनियादी योग्यता से अधिक उच्च योग्यता होने पर अतिरिक्त 5 अंक दिये जाएंगे, जिसमें न्यूनतम 8वीं पास की अनिवार्यता होगी।
- सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के आधार पर उम्मीदवारों को 10 अंकों का वेटेज दिया जाएगा, जिसमें अनाथ स्थिति में 10 अंक, विधवा स्थिति में 5 अंक और जिन उम्मीदवारों के पिता नही हैं, उनके लिये भी 5 अंक दिये गए हैं।
- सामान्य पात्रता परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को 10 अंक प्राप्त होंगे।
- जो उम्मीदवार उसी ब्लॉक नगर निगम के निवासी हैं, उन्हें 10 अंक मिलेंगे और निकटवर्ती ब्लॉक, नगर निगम में रहने वालों को 5 अंक दिये जाएंगे, जिनके लिये नौकरी अधिसूचित की गई है, प्रत्येक नगर निगम को एक अलग ब्लॉक माना जाएगा और नगर पालिकाओं, नगर परिषदों को ब्लॉक का हिस्सा माना जाएगा।
- हरियाणा सरकार के नियंत्रण में किसी भी विभाग, बोर्ड, विश्वविद्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, मिशन या प्राधिकरण में काम करने का पूर्व अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को अतिरिक्त 10 अंक दिये जाएंगे। उम्मीदवारों को प्रत्येक वर्ष के अनुभव के लिये 1 अंक प्राप्त होगा।
- इन संशोधनों का उद्देश्य हरियाणा में कॉन्ट्रैक्ट के लिये अधिक व्यापक और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया बनाना है। यह परिवर्तन तुरंत प्रभावी हैं और इस नीति के तहत भविष्य की सभी भर्तियों के लिये लागू किये जाएंगे।
- चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार के कार्यालयों को ज़िला पंचकूला के बराबर माना जाएगा। नई दिल्ली में हरियाणा सरकार के कार्यालयों को ज़िला गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर के बराबर माना जाएगा।
- हरियाणा कौशल रोज़गार निगम लिमिटेड (एचकेआरएन) निदेशक मंडल को कॉन्ट्रैक्ट व्यक्तियों की तैनाती नीति, 2023 के खंड 8.8 में स्कोरिंग मापदंडों में बदलाव करने के लिये अधिकृत किया गया है।
- संशोधित नीति के तहत कॉन्ट्रैक्ट कर्मी आकस्मिक और चिकित्सा अवकाश सहित विभिन्न प्रकार के अवकाश के हकदार होंगे। विशेष रूप से ये कर्मचारी आनुपातिक आधार पर प्रत्येक कैलेंडर माह के दौरान एक दिन की आकस्मिक छुट्टी और एक दिन की चिकित्सा छुट्टी का लाभ उठाने के हकदार होंगे।
- यह पात्रता एक कैलेंडर वर्ष के दौरान अधिकतम 10 दिनों की आकस्मिक छुट्टी और 10 दिनों की चिकित्सा छुट्टी तक मान्य है। इसके अतिरिक्त, महिला कॉन्ट्रैक्ट कर्मी मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार मातृत्व अवकाश के लिये पात्र हैं।
- कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के लिये आयु 42 वर्ष तक तथा आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिये ऊपरी आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट है। हरियाणा सरकार के संगठनों में पूर्व अनुभव वाले उम्मीदवार आयु में अधिकतम 5 वर्ष तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने की प्रदेश में छ: टोल प्लाजा बंद करने की घोषणा
चर्चा में क्यों?
26 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य राजमार्गों पर स्थित छ: टोल प्लाजा को बंद करने की घोषणा की है। इन टोल प्लाजा के बंद होने से जनता को सालाना 13.50 करोड़ रुपए की बचत होगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि तीन टोल प्लाजा- स्टेट हाईवे-17 पर राजस्थान बॉर्डर के पास गाँव बशीरपुर (नारनौल-निजामपुर रोड), स्टेट हाईवे-11 पर पंजाब सीमा के नज़दीक गाँव तातियाना (कैथल-पटियाला रोड), स्टेट हाईवे-22 पर गाँव गुज्जरवास (सुबाना-कोसली-नाहर-कनीना रोड) पर स्थित टोल प्लाजा का संचालन 1 नवंबर, 2023 से बंद हो जाएगा।
- इसी प्रकार, कैथल-खनौरी सड़क पर गाँव संगतपुरा नज़दीक पंजाब सीमा स्टेट हाईवे-8 पर स्थित टोल प्लाजा 10 नवंबर को बंद हो जाएगा। कालाअम्ब-सढ़ारा-शाहाबाद सड़क पर गाँव अशगरपुर नज़दीक हिमाचल प्रदेश सीमा स्टेट हाईवे-4 तथा रोहतक-खरखौदा-दिल्ली सड़क सीमा पर गाँव फिरोज़पुर के नजदीक दिल्ली सीमा स्टेट हाईवे-18 पर स्थित टोल प्लाजा का संचालन 1 दिसंबर, 2023 को बंद कर दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इन टोल प्लाजा को बंद करने का निर्णय आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की मांगों को देखते हुए लिया गया है। सरकार ने इन टोल प्लाजा के द्वारा जनता पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ और असुविधा को पहचाना तथा जनता को राहत देने के लिये यह कदम उठाया है।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने की 10 ज़िलों में 190 कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा
चर्चा में क्यों?
26 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में संस्थागत शहरी विकास की दिशा में बढ़ते हुए 10 ज़िलों की 190 कॉलोनियों को नियमित करने की बड़ी घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस निर्णय का उद्देश्य इन कॉलोनियों को कानूनी दर्जा देना और व्यापक बुनियादी ढाँचा विकास सुनिश्चित करना है।
- मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन कॉलोनियों के समग्र विकास के लिये लगभग 1400 करोड़ रुपए आवंटित करेगी।
- उन्होंने कहा कि नियमित की जा रही 190 कॉलोनियों में से 100 कॉलोनियाँ नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, शेष 90 शहरी स्थानीय निकायों के दायरे में हैं।
- इन कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा के साथ ही इस वर्ष कुल 594 कॉलोनियों का सफलतापूर्वक नियमितीकरण किया जा चुका है।
- उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा प्रबंधित कॉलोनियों के भीतर विकास कार्यों की देखरेख हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।
- मनोहर लाल ने कहा कि 2014 के बाद से कुल 1673 कॉलोनियों को सफलतापूर्वक नियमित किया गया है, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में केवल 874 कॉलोनियों को नियमित किया गया था।
झारखंड Switch to English
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) का डिजि लॉकर नवंबर से ऑनलाइन
चर्चा में क्यों?
29 अक्तूबर, 2023 को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के सचिव एसडी तिग्गा ने बताया कि डिजि-लॉकर तैयार कर लिया गया है। इसे नवंबर से छात्र-छात्राओं के लिये ऑनलाइन कर दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सचिव एसडी तिग्गा ने बताया कि डिजि-लॉकर में 2023 तक की सभी परीक्षाओं की मार्कशीट और सर्टिफिकेट अपलोड कर दिये गए हैं। इसमें एक बोर्ड से दूसरे बोर्ड जाने वाले विद्यार्थियों का माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी अपलोड कर दिया गया है। छात्र-छात्रा मूल प्रमाणपत्र व अंक पत्र खो जाने पर डुप्लिकेट सर्टिफिकेट और मार्कशीट ऑनलाइन निकाल सकेंगे।
- वहीं जैक ने वेरिफिकेशन सिस्टम भी डेवलप किया है। जैक के स्थापना दिवस पर इसकी घोषणा की गई थी। इसे पब्लिक डोमेन पर रखा जाएगा।
- इसमें कोई भी छात्र-छात्रा अपना नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि व पास करने का वर्ष डालकर जानकारी ले सकेगा। इस व्यवस्था से सबसे ज़्यादा मार्क्सशीट व सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन भी मिलेगा।
- दूसरी जगहों में नामांकन से लेकर नियुक्ति में संस्थान सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिये सर्टिफिकेट की प्रति भेजने और उसकी जाँच रिपोर्ट का इंतज़ार नहीं करना होगा।
- सर्टिफिकेट में सुधार एडमिट कार्ड, मार्क्सशीट व सर्टिफिकेट में गलती को जैक ऑनलाइन सुधार करेगा। सुधार होने के बाद छात्र-छात्रा इसे ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेंगे।
- निर्धारित शुल्क और सर्टिफिकेट के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन के बाद संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक इसे ऑनलाइन फॉरवर्ड (अग्रसारित) करेंगे। एक निश्चित समय-सीमा में जैक इसमें सुधार कर भेज देगा।
उत्तराखंड Switch to English
महाविद्यालयों को पाँच से 10 लाख रुपए पुरस्कार देगी सरकार
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड राज्य शासन ने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों को सरकार द्वारा पाँच से 10 लाख रुपए तक पुरस्कार देने के संबंध में आदेश जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) मूल्यांकन को प्रोत्साहित करने एवं महाविद्यालयों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के लिये ग्रेडिंग के हिसाब से यह धनराशि दी जाएगी।
- आदेश में कहा गया है कि महाविद्यालयों को पुरस्कार के रूप में मिलने वाली इस धनराशि को उत्तराखंड राजकीय महाविद्यालय छात्रनिधि नियमावली 2020 में दी गई व्यवस्था के तहत ही खर्च किया जा सकेगा।
- पुरस्कार की राशि पिछले साल नैक मूल्यांकन कराने वाले महाविद्यालयों एवं भविष्य में नैक मूल्यांकन वाले महाविद्यालयों को मिलेगी। पुरस्कार के लिये नियमानुसार बजट में व्यवस्था की जाएगी।
- शासन के आदेश के मुताबिक महाविद्यालयों को विभाग के तहत गठित कॉर्पस फंड के माध्यम से यह धनराशि दी जाएगी। बी ग्रेड वाले महाविद्यालयों को पाँच लाख रुपए और ए डबल प्लस वाले महाविद्यालयों को पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपए की धनराशि दी जाएगी।
- इसके अलावा ए प्लस ग्रेड पर 9 लाख, एक ग्रेड पर आठ लाख, बी डबल प्लस पर सात और बी प्लस पर छह लाख रुपए पुरस्कार के रूप में मिलेंगे।
- उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब तक प्रदेश के 27 महाविद्यालय नैक मूल्यांकन करा चुके हैं। वर्ष 2022-23 में 19 महाविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन कराया है।
- नैक मूल्यांकन करा चुके प्रदेश के 27 राजकीय महाविद्यालयों में से किसी भी महाविद्यालय को ए या ए प्लस ग्रेड नहीं मिला है।
- नैक मूल्यांकन करा चुके महाविद्यालयों में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला, महाविद्यालय चौबट्टाखाल, टनकपुर, लोहाघाट, रानीखेत, द्वाराहाट, अगस्त्यमुनि, हल्द्वानी, रामनगर, पिथौरागढ़, काशीपुर, उत्तरकाशी, बेरीनाग, महिला महाविद्यालय हल्द्वानी, नरेंद्रनगर, कोटद्वार भाबर, रायपुर, चकराता, तलवाड़ी, कोटद्वार, पुरोला, त्यूनी, चंद्रबदनी, हल्दूचौड़, बड़कोट व राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग शामिल हैं।
- गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पिछले साल हुई विभाग की बैठक में सभी महाविद्यालयों के अनिवार्य रूप से नैक मूल्यांकन के निर्देश दिये थे। मंत्री का कहना था कि मार्च 2023 तक ऐसा न करने वाले अशासकीय महाविद्यालयों की मान्यता समाप्त की जाएगी, जबकि राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग के बीच बनेगी कंक्रीट की दीवार
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2023 को राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि देश में पहली बार यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग के बीचोबीच कंक्रीट की दीवार बनाई जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि देश में यह पहली सुरंग होगी, जिसके बीच में कंक्रीट की मज़बूत दीवार बनाई जा रही है। इससे गाड़ियाँ अपनी-अपनी लेन में चलेगी और दुर्घटना की आशंका शून्य होगी। हालाँकि, आपातकाल में एक से दूसरी टनल में जाने के लिये दीवार में एयर टाइट दरवाज़े बनाए जाएंगे।
- चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर 850 करोड़ रुपए की लागत से सिलक्यारा से पोल गाँव तक 4.5 किमी. लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जिसका अब 500 मीटर ही निर्माण शेष बचा है।
- इस सुरंग में फायर सप्रेशन सिस्टम और स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजीशन) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का भी प्रयोग किया जाएगा।
- सुरंग के अंदर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये 400 एमएम की एक कंक्रीट की मज़बूत दीवार बनाई जा रही है, जिससे दायीं व बायीं ओर का ट्रैफिक अपनी-अपनी लेन से गुज़रेगा। इस दीवार के कारण सुरंग के अंदर वाहनों के एक-दूसरे से टकराने की आशंका शून्य हो जाएगी।
- सुरंग के अंदर यदि किसी वाहन में कोई खराबी आती है तो उसे ले-बाई (सड़क किनारे कुछ समय के लिये वाहन खड़ा करने का स्थान) की सुविधा मिलेगी। हर 500 किमी. पर एक ले-बाई की सुविधा मिलेगी। सुरंग के दायीं व बायीं, दोनों तरफ कुल सात ले-बाई बनाई जाएंगी, जिसमें से चार का निर्माण पूरा कर लिया गया है।
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उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष बने डॉ. गोदियाल
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड के कार्मिक विभाग ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रविदत्त गोदियाल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के संबंध में अधिसूचना जारी की है।
प्रमुख बिंदु
- विदित हो कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष जगमोहन राणा का कार्यकाल पूरा होने से पद खाली हो गया था। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद कार्मिक विभाग ने आयोग के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रविदत्त गोदियाल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है।
- डॉक्टर जगमोहन सिंह राणा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सदस्य रहे हैं और उन्हें कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर ज़िम्मेदारी दी गई थी। हालाँकि, उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद अब फिलहाल अध्यक्ष के तौर पर कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है।
- गौरतलब है कि रिटायर्ड आईएएस राकेश कुमार ने 11 जून, 2023 को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में स्थायी अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति नहीं हो पाई थी।
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