पंचायत चुनाव, 2021 | राजस्थान | 27 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
26 अक्टूबर, 2021 को राजस्थान के अलवर और धौलपुर ज़िलों में पंचायत समिति सदस्य एवं ज़िला परिषद सदस्य के लिये तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में 65.23 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य निर्वाचन आयुक्त पी.एस. मेहरा ने बताया कि तीसरे और अंतिम चरण में प्रदेश के अलवर एवं धौलपुर ज़िले की 7 पंचायत समितियों के 167 वार्डों एवं उनसे संबंधित ज़िला परिषद निर्वाचन क्षेत्रों के लिये मतदान हुआ।
- इस चरण में सर्वाधिक मतदान अलवर ज़िले की किशनगढ़ बास पंचायत समिति में हुआ, जहाँ 69.98 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले।
- पंचायत समिति सदस्यों के लिये 606 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। दोनों ज़िलों को मिलाकर कुल 7 लाख 76 हज़ार 284 मतदाता थे, जिनमें से 5 लाख 6 हज़ार 350 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
- उल्लेखनीय है कि 20 अक्टूबर, 2021 को पहले चरण में 64.24 फीसद मतदान हुआ था तथा 23 अक्टूबर, 2021 को दूसरे चरण में 57.46 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था।
- उपर्युक्त तीनों चरणों की मतगणना 29 अक्टूबर, 2021 को दोनों ज़िला मुख्यालयों पर करवाई जाएगी। वहीं पंचायतों के प्रमुख और प्रधान का चुनाव 30 अक्टूबर, 2021 व उप-प्रमुख व उप-प्रधान का चुनाव 31 अक्टूबर, 2021 को करवाया जाएगा।
7 ज़िलों के 3704 गाँव अभावग्रस्त घोषित | राजस्थान | 27 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
26 अक्टूबर, 2021 को राजस्थान राज्य सरकार ने इस वर्ष मानसून की बारिश में जलजमाव एवं बाढ़ आदि से खरीफ की फसल खराब होने के कारण प्रदेश के 7 ज़िलों के 3704 गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया है। इसके लिये आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना के अनुसार, खरीफ फसल 2021 के लिये विभिन्न ज़िलों में की गई विशेष गिरदावरी के आधार पर राजस्थान एफेक्टेड एरियाज (सस्पेंशन ऑफ प्रोसिडिंग्स) एक्ट, 1952 के तहत इन गाँवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है।
- इस अधिसूचना में बारां ज़िले में सर्वाधिक 1236 गाँव, झालावाड़ में 1177, कोटा में 485, बूंदी में 469 तथा टोंक ज़िले में 224 गाँव अभावग्रस्त घोषित किये गए हैं। धौलपुर और सवाईमाधोपुर ज़िलों में भी क्रमश: 72 और 41 गाँव अभावग्रस्त घोषित किये गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि राजस्व विभाग ने 6 अगस्त, 2021 को राज्य के सभी ज़िलों में विशेष गिरदावरी करवाने के निर्देश जारी किये थे, जिसके रिपोर्ट में धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, बूंदी, कोटा एवं बारां के 3704 गाँवों की खरीफ फसलों में 33% से अधिक खराबी पाई गई थी।