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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Oct 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति, 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार शीघ्र ही नई फार्मास्यूटिकल नीति लाने जा रही है। इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति, 2021 का मसौदा निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 40 हज़ार करोड़ रुपए की दवाएँ एवं चिकित्सा उपकरण खरीदे जाते हैं। ऐसे में चिकित्सा सामग्री के लिये दूसरे राज्यों एवं चीन से आयात पर निर्भरता कम करने तथा उत्तर प्रदेश को फार्मास्यूटिकल विनिर्माण हब बनाने के लिये नई फार्मास्यूटिकल नीति का निर्माण किया जा रहा है।
  • इससे पूर्व वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति लाई गई थी, जिसके प्रमुख प्रावधान निम्न प्रकार हैं-
  • फार्मा कंपनियों के तकनीकी मार्गदर्शन के लिये उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल डेवलपमेंट सेल की स्थापना नीति में फार्मा उद्योग के विकास हेतु चिह्नित ज़िलों में नोएडा, गाज़ियाबाद, आगरा, कानपुर, झाँसी, गोरखपुर आदि शामिल हैं।
  • फार्मा क्षेत्र के लिये सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की सुविधा विभिन्न प्रकार की आर्थिक सहायताएँ, जैसे- इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी से छूट, ज़मीन की मुफ्त रजिस्ट्री, ऋण के लिये 50 फीसदी ब्याज अनुदान।
  • फार्मा क्षेत्र में बौद्धिक संपदा अधिकार प्रोत्साहन।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण के सेक्टर-28 में प्रस्तावित है।

बिहार Switch to English

मनरेगा कार्यों में महिलाओं की 54 प्रतिशत हिस्सेदारी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार बिहार में मनरेगा कार्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी पुरुषों से अधिक (लगभग 54 प्रतिशत) है।

प्रमुख बिंदु

  • आँकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में अभी तक राज्य में 10 करोड़ 23 लाख रोज़गार दिवस का सृजन हुआ है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 54 प्रतिशत रही है।
  • वहीं असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के निबंधन से यह खुलासा हुआ है कि निबंधन कराने वाले 75 लाख कामगारों में भी आधे-से-अधिक महिलाएँ हैं।
  • निबंधन कराने वालों में पुरुषों की भागीदारी मात्र 42.83 फीसदी है, वहीं महिलाओं की भागीदारी 57.17 फीसदी है।
  • आँकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र से सबसे अधिक कामगारों ने निबंधन कराया है, जो कुल कामगारों का लगभग 50 फीसदी है। इसके बाद निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामगारों का स्थान आता है, जिससे जुड़े लगभग 11 लाख कामगारों ने निबंधन कराया है।
  • विदित हो कि बिहार में असंगठित क्षेत्र के कामगारों का राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना

चर्चा में क्यों?

29 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल कार्यक्रम के ज़रिये ‘मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना’ के तहत 7700 संबल हितग्राहियों के बैंक खातों में 170 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना वर्ष 2018 में प्रारंभ की गई राज्य सरकार की एक महत्त्वपूर्ण योजना है, जो प्रत्येक परिस्थिति में राज्य के लोगों को जीवन सुगमता एवं आजीविका हेतु सहायता प्रदान करती है।
  • योजना के अंतर्गत दुर्घटना से मृत्यु, सामान्य मृत्यु एवं अंतिम संस्कार हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है-
    • दुर्घटना से निधन होने पर 4 लाख रुपए
    • सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए
    • अंतिम संस्कार के लिये 5 हज़ार रुपए

हरियाणा Switch to English

‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ मोबाइल ऐप लॉन्च

चर्चा में क्यों?

29 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया। उन्होंने ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत मिट्टी का नमूना एकत्रित करने की विधि सिखाने वाली पुस्तक का भी विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से किसान-सहायक को मिट्टी का नमूना लेने में मदद मिलेगी, इससे किला नंबर/खसरा नंबर की जानकारी लेने में आसानी होगी। 
  • इस ऐप के माध्यम से किसान-सहायक खेत से मिट्टी का नमूना लेकर उसकी सारी जानकारी इस ऐप में भरेगा, जिससे किसानों को उनकी मिट्टी के रसायनों की सटीक सूचना मिल सकेगी।
  • उक्त योजना के तहत प्रथम चरण में वित्त वर्ष 2021-22 में 49 ब्लॉकों के लिये मिट्टी के 25 लाख नमूने लेने व उनका परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। 
  • सुमिता मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान पर करीब 68.73 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा ने जीती राष्ट्रीय जूनियर महिला हॉकी ट्रॉफी

चर्चा में क्यों?

29 अक्तूबर, 2021 को हरियाणा ने मेज़बान झारखंड को हराकर 11वीं हॉकी इंडिया राष्ट्रीय जूनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप की ट्रॉफी अपने नाम की। हरियाणा झारखंड को 3-2 से हराकर चैंपियन बना।

प्रमुख बिंदु

  • फाइनल मुकाबले में नीलम ने विजेता हरियाणा के लिये 9वें, 19वें और 21वें मिनट में गोल किया। झारखंड टीम की ओर से पाँचवें मिनट में दीपिका सोरेंग ने तथा 39वें मिनट में रोपानी कुमारी ने गोल किया।
  • कांस्य पदक के लिये खेले गए मुकाबले में महाराष्ट्र ने चंडीगढ़ को 6-2 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया। 
  • मैच की समाप्ति के बाद मुख्य अतिथि खेल मंत्री हाफिजुल हसन अंसारी ने तीनों पदक विजेता टीमों और टीम के सभी खिलाड़ियों को ट्रॉफी एवं पदक देकर सम्मानित किया।
  • गौरतलब है कि 11वें राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन 20 अक्तूबर, 2021 से 29 अक्तूबर, 2021 तक झारखंड के सिमडेगा ज़िले में किया गया।

झारखंड Switch to English

11वाँ राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी चैंपियनशिप

चर्चा में क्यों

29 अक्तूबर, 2021 को खेले गए राष्ट्रीय महिला जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में झारखंड की टीम हरियाणा से पराजित होकर उपविजेता बनी।

प्रमुख बिंदु

  • चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में हरियाणा ने झारखंड की टीम को 3-2 से पराजित किया।
  • वहीं चंडीगढ़ को 6-2 से पराजित कर महाराष्ट्र की टीम तृतीय स्थान पर रही।
  • विदित हो कि 11वें राष्ट्रीय महिला जूनियर हॉकी चैंपियनशिप का आयोजन 20 अक्तूबर, 2021 से 29 अक्तूबर, 2021 तक झारखंड के ही सिमडेगा ज़िले में किया गया।
  • फाइनल मुकाबले में झारखंड की तरफ से दीपिका सोरेंग एवं रूपानी कुमारी ने गोल किया।
  • फाइनल में पराजित होकर झारखंड की टीम इस खिताब को लगातार तीसरी बार (हैट्रिक) जीतने से चूक गई और इस बार उसे रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

सिल्क मार्क

चर्चा में क्यों?

29 अक्तूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने राजधानी रायपुर स्थित अपने शासकीय निवास ‘सतनाम सदन’ में ‘सिल्क मार्क’ का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि अब राज्य में तैयार होने वाले शुद्ध देसी कोसा और रेशम वस्त्रों में सिल्क मार्क प्रमाणीकरण यूनिकोड लगाए जाएंगे। यूनिकोड लग जाने से इस बात की पुष्टि होगी कि तैयार किये गए रेशमी वस्त्र शुद्ध प्राकृतिक रेशमी धागों से ही निर्मित हैं और इन्हें बेहतर प्रतिसाद भी मिलेगा।
  • प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी ने बताया कि राज्य सरकार की अभिनव पहल शुद्ध देसी रेशमी वस्त्रों को उचित बाज़ार और पहचान दिलाने में सहायक होगी। 
  • उन्होंने बताया कि इन शुद्ध देसी कोसा वस्त्रों के विक्रय से महिला स्व-सहायता समूह की आय में वृद्धि होगी, साथ-ही-साथ सिल्क मार्क प्रमाणीकरण से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वस्त्रों के विक्रय में सहायता भी मिलेगी। 
  • शुद्ध देसी कोसा वस्त्रों के उत्पादन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम देश-विदेश में भी व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार में सहायक होगा। सिल्क मार्क लगे रेशम के वस्त्रों की बिक्री राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में लगे शिल्पग्राम के स्टॉल तथा शबरी एंपोरियम के स्टॉल में की जा रही है।

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