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छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक, 2022
चर्चा में क्यों?
29 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधक और विनिमयन) विधेयक, 2022 पर हस्ताक्षर किये। यह विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 25 जुलाई, 2022 को पारित किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि राज्य में विशेषरूप से संकटग्रस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में, परिमाणात्मक एवं गुणात्मक, दोनों रूप में, भूजल का प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु भू-जल की सुरक्षा, संरक्षा, नियंत्रण आदि विषयों के संबंध में ये विधेयक पारित किया गया है।
- इस विधेयक में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य भू-जल प्रबंधन और नियामक प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा इस प्राधिकरण में 16 सदस्य भी होंगे। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में भू-जल प्रबंधन का दीर्घकालिक कार्य करने का अनुभव रखने वाले तीन विषय-विशेषज्ञों एवं सार्वजनिक/गैर-सरकारी संगठन/सामाजिक क्षेत्र के एक प्रख्यात व्यक्ति को भी सदस्य के रूप में नामित करने का प्रावधान किया गया है।
- गैर-अधिसूचित/अधिसूचित क्षेत्रों में औद्योगिक/वाणिज्यिक/खनन के लिये भू-जल निष्कर्षण हेतु अनुमति देने का कार्य यह प्राधिकरण करेगा।
- ज़िला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भू-जल प्रबंधन परिषद गठित करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही, कलेक्टर ज़िला भू-जल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में भी कार्य करेगा। इसके अलावा विकासखंड स्तर पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में संबंधित विकासखंड में भू-जल उपयोगकर्त्ता पंजीकरण समिति गठित करने का भी प्रावधान किया गया है।
- विधेयक के तहत समुचित निकाय में रजिस्ट्रीकरण के बिना भू-जल निकालना अपराध होगा। इस विधेयक में बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
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