इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Sep 2021
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

चिन्नौर चावल को जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2021 को राज्य सरकार द्वारा बताया गया कि चिन्नौर चावल के लिये जीआई टैग के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के दावे में मध्य प्रदेश को मान्यता दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • चिन्नौर चावल का उत्पादन मुख्यत: बालाघाट क्षेत्र में किया जाता है, हालाँकि महाराष्ट्र के भंडारा में भी इसका उत्पादन किया जता है, जिसके लिये महाराष्ट्र द्वारा जीआई टैग का दावा किया गया था।
  • बालाघाट में पाई जाने वाली चीकायुक्त दोमट मिट्टी यहाँ चावल उत्पादन के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करती हैं। इसलिये बालाघाट को मध्य प्रदेश का धान का कटोरा भी कहा जाता है।
  • भारत में जीआई टैग को वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एंव संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत विनियमित किया जाता है।
  • भारत में सबसे पहले जीआई टैग 2004 में दार्जिलिंग चाय को प्रदान किया गया।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow