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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Aug 2023
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राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक : ‘राजस्थान मिशन-2030’ की समीक्षा

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इसमें ‘राजस्थान मिशन-2030’ एवं प्रदेश में सुचारु विद्युत आपूर्ति को लेकर समीक्षा की गई।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बैठक में मंत्रिपरिषद सदस्यों को अपने-अपने विभागों के ‘विज़न-2030 डॉक्यूमेंट को सितंबर, 2023 तक तैयार कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभागों से संबंधित स्टेक होल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा कर विज़न-2030 डॉक्यूमेंट के लिये सुझाव लें।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 के लिये मुहिम चलाकर अर्थशास्त्रियों, लेखकों, पत्रकारों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, किसानों, मज़दूरों, महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों सहित एक करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिये जाएंगे। राज्य सरकार इन्हें समाहित कर मिशन 2030 का विज़न डॉक्यूमेंट जारी करेगी। इससे प्रदेश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा और राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बन सकेगा।
  • मिशन को लेकर आयोजना विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसमें बताया गया कि विभागों के विज़न दस्तावेज़ों के आधार पर राज्य का विज़न दस्तावेज़ तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उद्बोधन में विज़न-2030 दस्तावेज़ तैयार किये जाने की घोषणा की गई थी।
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये ऊर्जा विभाग को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नियमित विद्युत आपूर्ति के लिये राज्य सरकार संकल्पित है।
  • बैठक में विभाग द्वारा बताया गया कि सितंबर, 2023 में अनुमानित मांग प्रतिदिन 3446 लाख यूनिट रहेगी। विभाग द्वारा मांग के अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था कर ली गई है। इसमें राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा 5400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। शेष उपलब्धता अन्य अनुबंधित पावर प्लांट्स द्वारा की जाएगी। इसके उपरांत भी शेष रही कमी की व्यवस्था लघु अवधि निविदा के माध्यम से कर ली गई है। अक्टूबर से दिसंबर, 2023 तक की विद्युत आपूर्ति के लिये व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है।

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मंत्रिमंडल का अहम निर्णय : अब पार्ट टाइम कार्मिकों को भी मिलेंगे सेवानिवृत्ति परिलाभ, जयपुर में बनेगा पहला जेम बोर्स

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में ‘राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ का अनुमोदन, जयपुर में जेम बोर्स की स्थापना तथा विभिन्न संस्थाओं को भूमि आवंटन जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। साथ ही, जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम ‘अमृता देवी राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड’करने का भी बड़ा फैसला किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिमंडल ने ‘राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ के प्रारूप का अनुमोदन किया है। इसमें पार्ट टाइम कार्मिकों को सेवा समाप्ति पर 2 से 3 लाख रुपए तक का आर्थिक सहायता पैकेज मिलेगा।
    • ये परिलाभ विभागों में कार्यरत् पार्ट टाइम कार्मिकों को सेवा समाप्ति, मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति पर दिये जाएंगे। इन नियमों के बनने से पार्ट टाइम कार्मिकों की भर्ती में पारदर्शिता आएगी और उन्हें आर्थिक संबल भी मिलेगा।
    • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका, कुक, फर्राश आदि जैसे पार्ट टाइम कार्यरत् मानदेय कर्मियों को सेवानिवृत्ति पर आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से ‘राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ की घोषणा की थी।
  • जयपुर में बनेगा राज्य का पहला जेम बोर्स: मंत्रिमंडल ने जयपुर में जेम बोर्स की स्थापना व विकास के लिये लगभग 44 हज़ार वर्ग मीटर भूमि आरक्षित दर पर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
    • यह भूमि जेम बोर्स की स्थापना के लिये गठित जयपुर जेम एंड ज्वैलरी बोर्स (एसपीवी) को औद्योगिक आरक्षित दर से 3 गुना दर पर 99 वर्ष की लीज पर आवंटित की जाएगी।
    • इससे रत्नों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 60 हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इससे राज्य के आर्थिक विकास और उन्नति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम अब अमृता देवी राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड: मंत्रिमंडल ने अमृता बिश्नोई द्वारा जीव-जंतु व वन रक्षार्थ दिये बलिदान व जीवों के प्रति समर्पण भाव को आमजन तक पहुँचाने के लिये राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम ‘अमृता देवी राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड’करने का अहम निर्णय लिया है। इससे आमजन को जीव-जंतु कल्याण के लिये प्रेरणा मिलेगी।
  • ज़िला महिला विकास अभिकरणों के 9 परियोजना निदेशक अब माने जाएंगे राज्य कर्मचारी: मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (महिला विकास परियोजना में परियोजना निदेशकों, परियोजना अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों का विशेष चयन एवं सेवा की विशेष शर्तें) नियम, 1984 के अंतर्गत चयनित/नियुक्त कार्मिकों को नियुक्ति तिथि से नियमित किए जाने का निर्णय लिया है।
    • इससे ज़िला महिला विकास अभिकरणों के 9 परियोजना निदेशकों को नियुक्ति तिथि से नियमित राज्य कर्मचारी माना जाएगा। साथ ही, उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह वेतन-भत्ते एवं अन्य परिलाभ पारिणामिक लाभों सहित प्राप्त हो सकेंगे।


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आरपीएससी: आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में मिलेगा 10 मिनट का अतिरिक्त समय

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को 10 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • आयोग सचिव ने बताया कि 10 मिनट के अतिरिक्त समय में अभ्यर्थी यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि ओएमआर आंसर शीट में समस्त प्रश्नों में दिये गए 5 विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन कर भर दिया गया है।
  • आयोग सचिव ने बताया कि पूर्व में इसके लिये 5 मिनट अतिरिक्त समय देने का प्रावधान किया गया था। इसको अधिक्रमित करते हुए दिये जाने वाले अतिरिक्त समय को बढ़ाकर 10 मिनट किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा आयोजित आगामी वस्तुनिष्ठ भर्ती परीक्षाओं में अब प्रश्न-पत्र व ओएमआर शीट में 5वाँ विकल्प भी दिया जाएगा। यदि अभ्यर्थी किसी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहता है तो उसे पाँचवे विकल्प का चयन करना होगा।
  • अभ्यर्थी को सही उत्तर निर्दिष्ट करते हुए 5 में से केवल एक गोले को ओएमआर शीट पर नीले बॉल प्वाइंट पेन से गहरा कर भरना होगा। प्रत्येक प्रश्न के किसी एक विकल्प को भरना अनिवार्य होगा। यदि अभ्यर्थी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहे तो 5वें विकल्प का चयन कर भरना होगा।
  • किसी भी विकल्प का चयन न करने पर प्रति प्रश्न 1/3 अंक काटे जाएंगे। अभ्यर्थी द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में यदि किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया जाता है तो उसे उस परीक्षा हेतु अयोग्य ठहरा दिया जाएगा।


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संस्कृत भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विद्वानों तथा संस्थाओं का हुआ सम्मान

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को राजस्थान के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्यस्तरीय संस्कृत विद्वान समारोह में संस्कृत भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विद्वानों तथा संस्थाओं को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • समारोह में डॉ. कल्ला ने विभाग द्वारा प्रकाशित श्रावणी-पत्रिका (नवीन शिक्षानीति विशेषांक) का विमोचन भी किया गया।
  • कार्यक्रम में संस्कृत साधना शिखर-सम्मान के लिये चयनित विद्वान पं. सांवर मल शर्मा को एक लाख रुपए पुरस्कार राशि और संस्कृत साधना सम्मान के लिये डॉ. दीरघराम रामस्नेही एवं डॉ. गजानन मिश्र को 51-51 हज़ार रुपए की राशि के पुरस्कार दिये गए।
  • संस्कृत-विद्वत्सम्मान के लिये डॉ. विश्वम्भर दयाल जोशी, डॉ. शीतल चंद जैन, प्रो. (श्रीमती) भगवती सुदेश, कौशलदत्त शर्मा, पं. गौरीशंकर शर्मा तथा डॉ. देवेंद्र चतुर्वेदी को 31-31 हज़ार रुपए राशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की गई।
    साथ ही, संस्कृत युवा प्रतिभा से 12 विद्वानों को 21-21 हज़ार रुपए तथा मंत्रालयिक सेवा सम्मान से 3 कार्मिकों को 11-11 हज़ार रुपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये गए। विशिष्ट सेवा सम्मान से 3 विद्वानों तथा भामाशाह प्रेरक सम्मान से एक व्यक्ति को पुरस्कृत किया गया।
  • समारोह में राज्य में स्थित संस्कृत भाषा विश्वविद्यालयों, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की प्रवेशिका तथा वरिष्ठोपाध्याय की परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ अंक लाने वाली छात्र-छात्राओं का सम्मान भी किया गया। साथ ही, सर्वाधिक नामांकन एवं सर्वाधिक नवीन प्रवेश वाली प्रशस्तियोग्य संस्थाओं का सम्मान किया गया।
  • संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने इस वर्ष में 20 नवीन संस्कृत महाविद्यालय खोले हैं, जिससे युवाओं को संस्कृत भाषा में उच्च शिक्षा ग्रहण करने और रोज़गार प्राप्त करने के अवसर मिल रहे हैं।
  • राज्य में 2 लाख से अधिक विद्यार्थी संस्कृत भाषा में अध्ययनरत् है। साथ ही, विभाग ने 30 नवीन प्राथमिक संस्कृत विद्यालय खोले हैं।
  • उन्होंने कहा कि बजट वर्ष 2023-24 में प्रदेश के प्रत्येक संस्कृत महाविद्यालय में योग एवं ध्यान केंद्र खोलने के लिये 465 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है।


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