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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Aug 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया ध्यानचंद म्यूजियम का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेल दिवस के अवसर पर मेजर ध्यानचंद म्यूजियम का झाँसी में लोकार्पण किया। साथ ही यहाँ पर विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहाँ हॉकी ओलंपिक खिलाड़ियों का सम्मान किया तथा खेल दिवस पर होने वाले हॉकी मैच का शुभारंभ किया।
  • हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम रानी लक्ष्मीबाई पार्क में 19 करोड़ रुपए की लागत से मेयर ध्यानचंद म्यूजियम बनाया गया है।
  • हॉकी को समर्पित यह देश का पहला म्यूजियम है। इसमें मेजर ध्यानचंद के जीवन से जुड़ी स्मृतियाँ, घटनाएँ एवं भारतीय हॉकी की विभिन्न जानकारियाँ डिजिटल माध्यम से दिखाई जाएंगी।
  • इसको 20 से अधिक ज़ोन में बाँटा गया है, जिसका प्रत्येक ज़ोन अपने आपमें अलग और अद्भुत है। यह जनता के लिये एक सितंबर से खोला जाएगा।


बिहार Switch to English

सुशील मोदी और विवेक ठाकुर बनाए गए संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय समिति का अध्यक्ष और भाजपा सांसद विवेक ठाकुर को शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यसभा के सभापति ने लोकसभा अध्यक्ष के परामर्श से, राज्यसभा सभापति के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया है।
  • इसमें बिहार से आने वाले कई राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को जगह दी गई है। वहीं आठ में से 2 संसदीय स्थायी समितियों के अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी बिहार के दो सांसदों क्रमश: सुशील कुमार मोदी और विवेक ठाकुर को दी गई है।
  • वहीं, लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान को उद्योग समिति में सदस्य बनाया गया है।
  • वर्तमान में 24 विभाग संबंधी स्थायी समितियाँ हैं। इनमें से प्रत्येक समिति में 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा से हैं। ऐसे में अब आठ डीआरएससी का पुनर्गठन किया गया है।

राजस्थान Switch to English

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक : ‘राजस्थान मिशन-2030’ की समीक्षा

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इसमें ‘राजस्थान मिशन-2030’ एवं प्रदेश में सुचारु विद्युत आपूर्ति को लेकर समीक्षा की गई।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने बैठक में मंत्रिपरिषद सदस्यों को अपने-अपने विभागों के ‘विज़न-2030 डॉक्यूमेंट को सितंबर, 2023 तक तैयार कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मंत्री अपने विभागों से संबंधित स्टेक होल्डर्स और एक्सपर्ट्स से चर्चा कर विज़न-2030 डॉक्यूमेंट के लिये सुझाव लें।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 के लिये मुहिम चलाकर अर्थशास्त्रियों, लेखकों, पत्रकारों, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों, अधिवक्ताओं, किसानों, मज़दूरों, महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवियों, खिलाड़ियों सहित एक करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिये जाएंगे। राज्य सरकार इन्हें समाहित कर मिशन 2030 का विज़न डॉक्यूमेंट जारी करेगी। इससे प्रदेश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा और राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बन सकेगा।
  • मिशन को लेकर आयोजना विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसमें बताया गया कि विभागों के विज़न दस्तावेज़ों के आधार पर राज्य का विज़न दस्तावेज़ तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उद्बोधन में विज़न-2030 दस्तावेज़ तैयार किये जाने की घोषणा की गई थी।
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिये ऊर्जा विभाग को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नियमित विद्युत आपूर्ति के लिये राज्य सरकार संकल्पित है।
  • बैठक में विभाग द्वारा बताया गया कि सितंबर, 2023 में अनुमानित मांग प्रतिदिन 3446 लाख यूनिट रहेगी। विभाग द्वारा मांग के अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था कर ली गई है। इसमें राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा 5400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। शेष उपलब्धता अन्य अनुबंधित पावर प्लांट्स द्वारा की जाएगी। इसके उपरांत भी शेष रही कमी की व्यवस्था लघु अवधि निविदा के माध्यम से कर ली गई है। अक्टूबर से दिसंबर, 2023 तक की विद्युत आपूर्ति के लिये व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है।

राजस्थान Switch to English

मंत्रिमंडल का अहम निर्णय : अब पार्ट टाइम कार्मिकों को भी मिलेंगे सेवानिवृत्ति परिलाभ, जयपुर में बनेगा पहला जेम बोर्स

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में ‘राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ का अनुमोदन, जयपुर में जेम बोर्स की स्थापना तथा विभिन्न संस्थाओं को भूमि आवंटन जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। साथ ही, जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम ‘अमृता देवी राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड’करने का भी बड़ा फैसला किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिमंडल ने ‘राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ के प्रारूप का अनुमोदन किया है। इसमें पार्ट टाइम कार्मिकों को सेवा समाप्ति पर 2 से 3 लाख रुपए तक का आर्थिक सहायता पैकेज मिलेगा।
    • ये परिलाभ विभागों में कार्यरत् पार्ट टाइम कार्मिकों को सेवा समाप्ति, मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति पर दिये जाएंगे। इन नियमों के बनने से पार्ट टाइम कार्मिकों की भर्ती में पारदर्शिता आएगी और उन्हें आर्थिक संबल भी मिलेगा।
    • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका, कुक, फर्राश आदि जैसे पार्ट टाइम कार्यरत् मानदेय कर्मियों को सेवानिवृत्ति पर आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से ‘राजस्थान पार्ट टाइम कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स-2023’ की घोषणा की थी।
  • जयपुर में बनेगा राज्य का पहला जेम बोर्स: मंत्रिमंडल ने जयपुर में जेम बोर्स की स्थापना व विकास के लिये लगभग 44 हज़ार वर्ग मीटर भूमि आरक्षित दर पर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
    • यह भूमि जेम बोर्स की स्थापना के लिये गठित जयपुर जेम एंड ज्वैलरी बोर्स (एसपीवी) को औद्योगिक आरक्षित दर से 3 गुना दर पर 99 वर्ष की लीज पर आवंटित की जाएगी।
    • इससे रत्नों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 60 हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इससे राज्य के आर्थिक विकास और उन्नति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम अब अमृता देवी राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड: मंत्रिमंडल ने अमृता बिश्नोई द्वारा जीव-जंतु व वन रक्षार्थ दिये बलिदान व जीवों के प्रति समर्पण भाव को आमजन तक पहुँचाने के लिये राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम ‘अमृता देवी राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड’करने का अहम निर्णय लिया है। इससे आमजन को जीव-जंतु कल्याण के लिये प्रेरणा मिलेगी।
  • ज़िला महिला विकास अभिकरणों के 9 परियोजना निदेशक अब माने जाएंगे राज्य कर्मचारी: मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (महिला विकास परियोजना में परियोजना निदेशकों, परियोजना अधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों का विशेष चयन एवं सेवा की विशेष शर्तें) नियम, 1984 के अंतर्गत चयनित/नियुक्त कार्मिकों को नियुक्ति तिथि से नियमित किए जाने का निर्णय लिया है।
    • इससे ज़िला महिला विकास अभिकरणों के 9 परियोजना निदेशकों को नियुक्ति तिथि से नियमित राज्य कर्मचारी माना जाएगा। साथ ही, उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह वेतन-भत्ते एवं अन्य परिलाभ पारिणामिक लाभों सहित प्राप्त हो सकेंगे।


राजस्थान Switch to English

आरपीएससी: आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में मिलेगा 10 मिनट का अतिरिक्त समय

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को 10 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • आयोग सचिव ने बताया कि 10 मिनट के अतिरिक्त समय में अभ्यर्थी यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि ओएमआर आंसर शीट में समस्त प्रश्नों में दिये गए 5 विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन कर भर दिया गया है।
  • आयोग सचिव ने बताया कि पूर्व में इसके लिये 5 मिनट अतिरिक्त समय देने का प्रावधान किया गया था। इसको अधिक्रमित करते हुए दिये जाने वाले अतिरिक्त समय को बढ़ाकर 10 मिनट किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा आयोजित आगामी वस्तुनिष्ठ भर्ती परीक्षाओं में अब प्रश्न-पत्र व ओएमआर शीट में 5वाँ विकल्प भी दिया जाएगा। यदि अभ्यर्थी किसी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहता है तो उसे पाँचवे विकल्प का चयन करना होगा।
  • अभ्यर्थी को सही उत्तर निर्दिष्ट करते हुए 5 में से केवल एक गोले को ओएमआर शीट पर नीले बॉल प्वाइंट पेन से गहरा कर भरना होगा। प्रत्येक प्रश्न के किसी एक विकल्प को भरना अनिवार्य होगा। यदि अभ्यर्थी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहे तो 5वें विकल्प का चयन कर भरना होगा।
  • किसी भी विकल्प का चयन न करने पर प्रति प्रश्न 1/3 अंक काटे जाएंगे। अभ्यर्थी द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में यदि किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया जाता है तो उसे उस परीक्षा हेतु अयोग्य ठहरा दिया जाएगा।


राजस्थान Switch to English

संस्कृत भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विद्वानों तथा संस्थाओं का हुआ सम्मान

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को राजस्थान के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्यस्तरीय संस्कृत विद्वान समारोह में संस्कृत भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विद्वानों तथा संस्थाओं को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • समारोह में डॉ. कल्ला ने विभाग द्वारा प्रकाशित श्रावणी-पत्रिका (नवीन शिक्षानीति विशेषांक) का विमोचन भी किया गया।
  • कार्यक्रम में संस्कृत साधना शिखर-सम्मान के लिये चयनित विद्वान पं. सांवर मल शर्मा को एक लाख रुपए पुरस्कार राशि और संस्कृत साधना सम्मान के लिये डॉ. दीरघराम रामस्नेही एवं डॉ. गजानन मिश्र को 51-51 हज़ार रुपए की राशि के पुरस्कार दिये गए।
  • संस्कृत-विद्वत्सम्मान के लिये डॉ. विश्वम्भर दयाल जोशी, डॉ. शीतल चंद जैन, प्रो. (श्रीमती) भगवती सुदेश, कौशलदत्त शर्मा, पं. गौरीशंकर शर्मा तथा डॉ. देवेंद्र चतुर्वेदी को 31-31 हज़ार रुपए राशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की गई।
    साथ ही, संस्कृत युवा प्रतिभा से 12 विद्वानों को 21-21 हज़ार रुपए तथा मंत्रालयिक सेवा सम्मान से 3 कार्मिकों को 11-11 हज़ार रुपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये गए। विशिष्ट सेवा सम्मान से 3 विद्वानों तथा भामाशाह प्रेरक सम्मान से एक व्यक्ति को पुरस्कृत किया गया।
  • समारोह में राज्य में स्थित संस्कृत भाषा विश्वविद्यालयों, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की प्रवेशिका तथा वरिष्ठोपाध्याय की परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ अंक लाने वाली छात्र-छात्राओं का सम्मान भी किया गया। साथ ही, सर्वाधिक नामांकन एवं सर्वाधिक नवीन प्रवेश वाली प्रशस्तियोग्य संस्थाओं का सम्मान किया गया।
  • संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने इस वर्ष में 20 नवीन संस्कृत महाविद्यालय खोले हैं, जिससे युवाओं को संस्कृत भाषा में उच्च शिक्षा ग्रहण करने और रोज़गार प्राप्त करने के अवसर मिल रहे हैं।
  • राज्य में 2 लाख से अधिक विद्यार्थी संस्कृत भाषा में अध्ययनरत् है। साथ ही, विभाग ने 30 नवीन प्राथमिक संस्कृत विद्यालय खोले हैं।
  • उन्होंने कहा कि बजट वर्ष 2023-24 में प्रदेश के प्रत्येक संस्कृत महाविद्यालय में योग एवं ध्यान केंद्र खोलने के लिये 465 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है।


मध्य प्रदेश Switch to English

प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी समितियों को बीज संघ की सदस्यता

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में हुई मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ की संचालक मंडल की बैठक में 8 प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी समितियों को बीज संघ की सदस्यता प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस बैठक में बीज संघ की वार्षिक साधारण सभा 12 सितंबर को आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।
  • केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के निर्देशन में मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी एक्ट-2002 के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर गठित भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की सदस्यता से अवगत कराते हुए प्रबंध संचालक ए.के. सिंह ने बताया कि बीज संघ के अतिरिक्त 282 प्राथमिक बीज समितियों और 32 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा संघ की सदस्यता ग्रहण की जा चुकी है।
  • संचालक मंडल की बैठक में वार्षिक साधारण सभा में रखे जाने वाले अनिवार्य विषयों के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
  • मध्य प्रदेश में निर्मित बीज संघ के गोदाम-सह-ग्रेडिंग प्लांट में सुरक्षा की दृष्टि से चारों ओर वायर फेंसिंग कराए जाने का भी निर्णय लिया गया।


हरियाणा Switch to English

विश्व कुश्ती चैंपियनशिप: हरियाणा के 18 पहलवान हुए चयनित

चर्चा में क्यों?

27 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में 16 से 24 सितंबर तक होने वाली सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिये पंजाब के पटियाला स्थित साई सेंटर में हुए ट्रायल में चयनित 30 पहलवानों में 18 पहलवान हरियाणा के हैं।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार पंजाब के पटियाला में 25-26 अगस्त को हुई सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी हरियाणा के पहलवानों का दबदबा रहा। बेलग्रेड में होने वाली प्रतियोगिता में 18 पहलवानों ने अपने बेहतर खेल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय दल में अपनी जगह बनाई है।
  • पटियाला में हुए ट्रायल में हरियाणा के पहलवानों में महिला वर्ग में सात, फ्री स्टाइल में छह तो ग्रीको रोमन में पाँच पहलवानों ने टिकट पाया है।
  • कुश्ती की दुनिया में प्रदेश के खिलाड़ियों ने अपनी पहचान बनाई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हरियाणा के पहलवान अपना अलग ही दमखम रखते हैं। प्रदेश के युवा पहलवान अंतर्राष्ट्रीय फलक पर नाम चमका रहे हैं।
  • हरियाणा के इन पहलवानों का हुआ चयन-
    • फ्री-स्टाइल वर्ग: अमन (57 किग्रा.), आकाश दहिया (61 किग्रा.), अनुज (65 किग्रा.), नवीन (74 किग्रा.), सचिन मोर (74 किग्रा.) और सुमित मलिक (125 किग्रा.)।
    • ग्रीको रोमन वर्ग: मनीष, (60 किग्रा.), अंकित गुलिया (72 किग्रा.), साजन (82 किग्रा.), मनोज (87 किग्रा.) और मेहर सिंह (130 किग्रा.)।
    • महिला वर्ग: अंतिम पंघाल (53 किग्रा.), सरिता (57 किग्रा.), अंजलि (59 किग्रा.), मनीषा (62किग्रा.), अंतिम (65 किग्रा.), प्रियंका (68 किग्रा.) और ज्योति बेरवाल (72 किग्रा.)।

झारखंड Switch to English

उत्कृष्ट मुखिया को सम्मानित करेगा झारखंड राज्य खाद्य आयोग

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी कि आयोग के स्थापना दिवस (9 दिसंबर) को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के क्रियान्वयन और निगरानी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मुखिया को सम्मानित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने बताया कि राज्य के सभी मुखिया को अपने दायित्वों के प्रति जागरूक और प्रेरित करने के उद्देश्य से ही आयोग ने राज्य के सभी ज़िलों के मुखिया को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
  • सभी ज़िलों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले मुखिया को सम्मानित किया जाएगा।

झारखंड Switch to English

ब्रेन डेथ की घोषणा करने वाला झारखंड का पहला अस्पताल बना रिम्स

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) राज्य का पहला अस्पताल बन गया है, जो ब्रेन डेथ की घोषणा कर सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार झारखंड के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) की ओर से ब्रेन डेथ घोषणा के लिये प्रस्तावित मेडिकल विशेषज्ञों की टीम के गठन का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक इस बोर्ड के अध्यक्ष होंगे।
  • विदित है कि केंद्रीय अधिनियम मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 की धारा-3 की उपधारा-6 के अंतर्गत मेडिकल बोर्ड की टीम द्वारा ब्रेन डेथ घोषित किये जाने का प्रावधान है।
  • ब्रेन डेथ घोषणा के बाद संभावित अंगदाता की पहचान हो पाएगी, जिससे अंगदान के माध्यम से अंग प्रत्यारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • ब्रेन डेथ में मरीज़ के मस्तिष्क की मृत्यु हो जाती है, इसके बावजूद भी कृत्रिम तरीके से वेंटीलेटर के ज़रिये उसके हृदय, किडनी, लीवर आदि अंगों को जीवित रखा जा सकता है। हालाँकि, ये अंग भी तभी तक जीवित रह सकते हैं, जब तक व्यक्ति वेंटिलेटर पर रहता है।


छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने चंपारण में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंपारण के श्री चंपेश्वरनाथ महादेव मंदिर परिसर में आयोजित समारोह में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत कराए गए निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • चंपारण में 3 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से प्रभु श्रीराम की प्रतिमा, रामवाटिका, दीप स्तंभ, भव्य प्रवेश द्वार, रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर, कैफेटेरिया, पर्यटन सूचना केंद्र, गजीबो, लैंडस्केपिंग, बाउंड्रीवाल, विद्युतीकरण, प्लंबिंग कार्य, पब्लिक टॉयलेट एवं विभिन्न अधोसंरचना विकास के कार्य कराए गए हैं।
  • विदित है कि 7 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रारंभ की गई राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण का माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया था।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण तथा भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊँची प्रतिमा का लाईट के माध्यम से अनावरण भी किया था।
  • गौरतलब है कि राम के वनवास काल से संबंधित 75 स्थानों को चिह्नित कर उन्हें नए पर्यटन सर्किट के रुप में आपस में जोड़ा जा रहा है। पहले चरण में उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया ज़िले से लेकर दक्षिण के सुकमा ज़िले तक 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण तथा विकास किया जा रहा है।
  • पहले चरण में उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया ज़िले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर दक्षिण के सुकमा ज़िले के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है।
  • इस पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन के नए वैश्विक अवसर बढ़ेंगे।
  • ये सभी स्थान पहले ही प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर हैं। वृक्षारोपण के जरिये अब इन्हें और भी हरा-भरा किया जा रहा है। सभी चयनित पर्यटन-तीर्थों पर सुगंधित फूलों वाली सुंदर वाटिकाएँ भी तैयार की जाएंगी।
  • राम वन गमन के पूरे मार्ग पर पीपल, बरगद, आम, हर्रा, बहेड़ा, जामुन, अर्जुन, खम्हार, आँवला, शिशु, करंज, नीम आदि के पौधों का रोपण शामिल हैं। राम वन गमन पथ के माध्यम से दुनियाभर के सामने जैव विविधता का दर्शन भी होगा।
  • राम वन गमन पथ के प्रथम चरण के लिये नौ स्थान चिह्नित किये गए हैं। इनमें सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं।
    • सीतामढ़ी-हरचौका: यह कोरिया ज़िले में है। राम के वनवास काल का पहला पड़ाव यही माना जाता है। नदी के किनारे स्थित यह स्थित है, जहाँ गुफाओं में 17 कक्ष हैं। इसे सीता की रसोई के नाम से भी जाना जाता है।
    • रामगढ़ की पहाड़ी: सरगुजा ज़िले में रामगढ़ की पहाड़ी में तीन कक्षों वाली सीता बेंगरा गुफा है, जिसे देश की सबसे पुरानी नाट्यशाला कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वनवास काल में राम यहां पहुंचे थे, यह सीता का कमरा था। कालीदास ने मेघदूतम् की रचना यहीं की थी।
    • शिवरीनारायण: जांजगीर-चांपा ज़िले के इस स्थान पर रुककर भगवान राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे। यहाँ जोक, महानदी और शिवनाथ नदी का संगम है। यहाँ नर-नारायण और शबरी का मंदिर भी है। मंदिर के पास एक ऐसा वट वृक्ष है, जिसके पत्ते दोने के आकार में हैं।
    • तुरतुरिया: बलौदाबाज़ार-भाटापारा ज़िले के इस स्थान को लेकर जनश्रुति है कि महर्षि वाल्मीकि का आश्रम यहीं था। तुरतुरिया ही लव-कुश की जन्मस्थली थी। बलभद्री नाले का पानी चट्टानों के बीच से निकलता है, इसलिये तुरतुर की ध्वनि निकलती है, जिससे तुरतुरिया नाम पड़ा।
    • चंदखुरी: रायपुर ज़िले के 126 तालाब वाले इस गाँव में जलसेन तालाब के बीच में भगवान राम की माता कौशल्या का मंदिर है। कौशल्या माता का दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है। चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मस्थली कहा जाता है, इसलिये यह राम का ननिहाल कहलाता है।
    • राजिम: यह गरियाबंद ज़िले में है। इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है, जहाँ सोंढुर, पैरी और महानदी का संगम है। कहा जाता है कि वनवास काल में राम ने इस स्थान पर अपने कुलदेवता महादेव की पूजा की थी, इसलिये यहाँ कुलेश्वर महाराज का मंदिर है। यहाँ मेला भी लगता है।
    • सिहावा: धमतरी ज़िले के सिहावा की विभिन्न पहाड़ियों में मुचकुंद आश्रम, अगस्त्य आश्रम, अंगिरा आश्रम, श्रृंगि ऋषि, कंकर ऋषि आश्रम, शरभंग ऋषि आश्रम एवं गौतम ऋषि आश्रम आदि ऋषियों के आश्रम हैं। राम ने दंडकारण्य के आश्रम में ऋषियों से भेंट कर कुछ समय व्यतीत किया था।
    • जगदलपुर: यह बस्तर ज़िले का मुख्यालय है, जो चारों ओर वन से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि वनवास काल में राम जगदलपुर क्षेत्र से गुज़रे थे, क्योंकि यहाँ से चित्रकोट का रास्ता जाता है। जगदलपुर को पांडुओं के वंशज काकतीय राजा ने अपनी अंतिम राजधानी बनाई थी।
  • दूसरे चरण में इन स्थानों का होगा विकास-
    • कोरिया: सीतामढ़ी घाघरा, कोटाडोल, सीमामढ़ी छतौड़ा (सिद्ध बाबा आश्रम), देवसील, रामगढ़ (सोनहट), अमृतधारा
    • सरगुजा: देवगढ़, महेशपुर, बंदरकोट (अंबिकापुर से दरिमा मार्ग), मैनपाट, मंगरेलगढ़, पंपापुर
    • जशपुर: किलकिला (बिलद्वार गुफा), सारासोर, रक्सगंडा
    • जांजगीर-चांपा: चंद्रपुर, खरौद, जांजगीर
    • बिलासपुर: मल्हार
    • बलौदाबाज़ार-भाटापारा: धमनी, पलारी, नारायणपुर (कसडोल)
    • महासमुंद: सिरपुर
    • रायपुर: आरंग, चंपारण्य
    • गरियाबंद: फिंगेश्वर
    • धमतरी: मधुबन (राकाडीह), अतरमरा (अतरपुर), सीतानदी
    • कांकेर: कांकेर (कंक ऋषि आश्रम)
    • कोंडागाँव: गढ़धनोरा (केशकाल), जटायुशीला (फरसगाँव)
    • नारायणपुर: नारायणपुर (रक्सा डोंगरी), छोटे डोंगर
    • दंतेवाड़ा: बारसूर, दंतेवाड़ा, गीदम
    • बस्तर: चित्रकोट, नारायणपाल, तीरथगढ़
    • सुकमा: रामाराम, इंजरम, कोंटा


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26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के समस्त विजेता खिलाड़ियों को वन मंत्री ने किया पुरस्कृत

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के समस्त विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि 10 से 14 मार्च तक हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर-3 में स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम, गोल्फ क्लब तथा सेक्टर-6 के जिमखाना क्लब, पंजाब विश्वविद्यालय के खेलकूद मैदान में और राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में 26वीं अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।
  • इस प्रतियोगिता में वन विभाग के उच्चतम अधिकारी पीसीसीएफ से लेकर गार्ड तक खेल स्पर्धाओं में भाग लेते हैं।
  • पाँच दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, तैराकी, कैरम, चेस, वेटलिफ्टिंग, पावर लिफ्टिंग, कबड्डी, जैसे- इंडोर गेम के साथ-साथ क्रिकेट, फुटबॉल, बॉस्केट बॉल, हॉकी, गोल्फ, एथलेटिक्स के विभिन्न इवेंट होते हैं।
  • पंचकूला के सेक्टर-3 में स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम में सभी प्रकार की दौड़ें, पैदल चाल, बाधादौड़, चक्का फेंक, भाला फेंक, हैमर थ्रो लंबी कूद, ऊँची कूद, गोला फेंक, ट्रिपल जंप, इनडोर गेम्स जैसे कि बैडमिंटन, कैरम, टेबल टेनिस, चेस, बास्केटबॉल, क्रिकेट, हॉकी, कबड्डी, वालीबॉल एवं रस्साकसी आयोजित हुई।
  • इसके अलावा, गोल्फ क्लब, सेक्टर-3 पंचकूला में गोल्फ तथा जिमखाना क्लब, सेक्टर-6 में लॉन टेनिस ब्रिज, स्नूकर, बिलियर्ड और स्क्वैश प्रतियोगिताएँ भी हुईं। तीरंदाजी पंजाब विश्वविद्यालय के खेलकूद मैदान में, शूटिंग प्रतियोगिता शूटिंग रेंज चंडीगढ़ में तथा भारोत्तोलन प्रतियोगिता राजकीय महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में आयोजित हुई।
  • पंचकूला में संपन्न हुई 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ 12वीं बार ओवर ऑल चैंपियन बना। छत्तीसगढ़ ने कुल 129 मेडल जीतकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कर्नाटक को पछाड़ते हुए पुन: अपना प्रथम स्थान कायम रखा।
  • छत्तीसगढ़ के वन विभाग टीम ने क्रिकेट में जम्मू-कश्मीर को हराकर सातवीं बार गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इसी तरह फुटबॉल में हरियाणा की टीम को हराकर छत्तीसगढ़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ की बॉस्केट बॉल टीम ने कर्नाटक की टीम को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किया।
  • वेटलिफ्टिंग, पावरलिफ्टिंग में कुल 19 स्वर्ण, टेनिस में 12 स्वर्ण, बैडमिंटन में 04 स्वर्ण, तैराकी में 06 स्वर्ण, एथलेटिक्स में 18 स्वर्ण, 10 रजत, 08 कांस्य पदक जीते हैं। इसी प्रकार टेनिस में 09 स्वर्ण और 02 रजत पदक प्राप्तकिया है।
  • इस तरह इस वर्ष की 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ ने कुल 129 मेडल जीतकर कुल 509 अंक प्राप्त किये और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कर्नाटक को कड़ी प्रतिस्पर्धा में पछाड़ते हुए पुन: अपना प्रथम स्थान कायम रखा।
  • उल्लेखनीय है कि पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार प्रतिवर्ष अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता करवाता है, जिसका ज़िम्मा प्रति वर्ष किसी राज्य को सौंपा जाता है। इस बार 26वीं वन खेल-कूद प्रतियोगिता के आयोजन का ज़िम्मा हरियाणा वन विभाग को दिया गया था।
  • वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 1993 में वन विभाग में खेलों के समुचित प्रोत्साहन के लिये वार्षिक अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आरंभ किया गया था, जिसका प्रथम आयोजन हैदराबाद में किया गया। तब से अब तक कुल 26 बार प्रतियोगिता का आयोजन किया जा चुका है।


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उत्तराखंड को जल्द मिलेगा लोकायुक्त

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उत्तराखंड सरकार जल्द ही लोकायुक्त की नियुक्ति कर सकती है। सबसे पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय चयन समिति बनेगी, जो लोकायुक्त की तलाश के लिये खोजबीन (सर्च) कमेटी का गठन करेगी।

प्रमुख बिंदु

  • कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के एक उच्चाधिकारी ने लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान होने की पुष्टि की है।
  • गौरतलब है कि नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को तीन महीने में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के आदेश दिये हैं। इस कारण लोकायुक्ता की नियुक्ति का मामला खासा गर्म है।
  • मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लोकायुक्त व सदस्यों के चयन के लिये एक समिति बनाई जा रही है। समिति में विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके नाम देने पर हाईकोर्ट का कोई न्यायाधीश और राज्यपाल द्वारा दिये गए किसी विख्यात विधिवेत्ता को सदस्य बनाया जाना है।
  • कार्मिक विभाग के सूत्रों के मुताबिक, चयन समिति के चार नाम तय हो चुके हैं और पाँचवां नाम जल्द उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है। गठन के बाद चयन समिति व्यक्तियों के नामों के पैनल तैयार करने के लिये एक सर्च कमेटी बनाएगी। सर्च कमेटी तीन गुना नामों की सिफारिश कर चयन समिति को भेजेगी। माना जा रहा कि धामी सरकार अगले दो-तीन महीनों में लोकायुक्त की नियुक्ति कर सकती है।


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मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2023 को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’का शुभारंभ किया तथा कुछ खिलाड़ियों को दो-दो हज़ार रुपए का चेक भी प्रदान किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना से उत्तराखंड के 14 से 23 वर्ष के 2600 खिलाड़ी लाभान्वित होंगे।
  • इस योजना से राज्य के प्रत्येक जनपद से बालक एवं बालिका वर्ग में 100-100 खिलाड़ी लाभान्वित होगें।
  • प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिमाह 02-02 हज़ार रुपए की छात्रवृत्ति एवं खेल संबंधी उपकरण लेने के लिए प्रतिवर्ष 10-10 हज़ार रुपए प्रदान किये जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना’ के तहत खिलाड़ियों को चेक भी प्रदान किये।
  • इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैरालंपिक खिलाड़ियों एवं नेशनल पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मेडल प्राप्तकर्त्ता अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा को भी सम्मानित किया।
  • राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में खेल से जुड़ी चार घोषणाएँ कीं-
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, देहरादून के खिलाडियों हेतु 200 बेड के छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा।
  • हरि सिंह थापा स्पोर्ट्स कॉलेज लेलू, पिथौरागढ़ के खिलाड़ियों हेतु 50 बेड के छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा।
  • उत्तराखंड के खिलाड़ियों का दैनिक भोजन भत्ता 250 रुपए से बढ़ाकर भारतीय खेल प्राधिकरण की भाँति 480 रुपए प्रतिदिन, प्रति खिलाड़ी किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले उत्तराखंड के खिलाड़ियों को साधारण बस एवं स्लीपर रेल किराया से बढ़ाते हुए एसी बस अथवा थ्री टीयर एसी ट्रेन यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी।


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