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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Aug 2022
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इंदौर में बना प्रदेश का पहला जी.आई.एस. अति उच्च-दाब सब-स्टेशन

चर्चा में क्यों?

29 अगस्त, 2022 को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजीनियर सुनील तिवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुए महानगर इंदौर के पारेषण नेटवर्क को मज़बूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिये प्रदेश के पहले जी.आई.एस. (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सब-स्टेशन) को ऊर्जीकृत किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने बताया कि इंदौर में विद्युत की बढ़ती मांग को देखते हुए मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को इंदौर शहर में अतिरिक्त सब-स्टेशन के निर्माण की ज़रूरत महसूस हुई। इंदौर जैसी घनी आबादी में परंपरागत सब-स्टेशन के निर्माण के लिये पर्याप्त भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इंदौर में जी.आई.एस. सब-स्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सब-स्टेशन) तैयार करने का निर्णय लिया।
  • करीब 36 करोड़ 50 लाख रुपए की अनुमानित लागत से निर्मित इंदौर के महालक्ष्मी नगर में 50 एम.वी.ए. क्षमता के साथ इस सब-स्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया है।
  • मध्य प्रदेश का यह पहला जी.आई.एस. अति उच्च-दाब सब-स्टेशन है, जो मध्य प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के पारेषण नेटवर्क में जुड़ा है।
  • इस सब-स्टेशन के प्रारंभ हो जाने से इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मज़बूती मिलने के साथ इंदौर को अति उच्च-दाब सब-स्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है।
  • जी.आई.एस. सब-स्टेशन के निर्माण में परंपरागत एयर इंसूलेटेड सबस्टेशनों के मुकाबले कम भूमि की ज़रूरत पड़ती है। इस तकनीक से सब-स्टेशन के निर्माण का बजट परंपरागत सब-स्टेशन की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक रहता है, पर मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इंदौर की ज़रूरत को देखते हुए इस निर्माण की मंज़ूरी दी। गैस इंसूलेटेड चैंबर में रहने के कारण इन सबस्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है। इन्हें ‘मेंटेनेंस फ्री’ सब-स्टेशन भी कहा जाता है।

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