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वित्त विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका ‘वित्त विभाग बुलेटिन’जारी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वित्त विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका ‘वित्त विभाग बुलेटिन’जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तिका का उद्देश्य हरियाणा सरकार के सभी विभागों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को सुविधाजनक बनाना और उन्हें सतत् विकास लक्ष्यों के विभिन्न संकेतकों में उनके प्रदर्शन का आकलन करने के लिये मानदंड प्रदान करना है।
- इस बुलेटिन में समय-समय पर विभाग द्वारा जारी निर्देश और अधिसूचनाएँ शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य के बजट आवंटन के साथ-साथ सतत् विकास लक्ष्यों के विभिन्न संकेतकों में ज़िलों और विभागों के प्रदर्शन से संबंधित डाटा को भी शामिल किया गया है।
- इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने कहा कि यह दस्तावेज़ एक एकल डिपॉजिटरी के इरादे से संकलित किया गया है, जहाँ वित्त विभाग द्वारा जारी सभी निर्देश और अधिसूचनाएँ एकसाथ एक स्थान पर मिल सकेंगी।
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'हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022’ को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022’ की स्वीकृति के संबंध में एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत उचित मूल्य की दुकान जारी करने के लिये 33% महिला आरक्षण दिया जाएगा। उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस कम-से-कम 300 लाभार्थियों के राशन कार्ड के लिये दिया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्देश्य के लिये एक गाँव को एक इकाई के रूप में माना जाएगा। गाँव के 300 से कम राशन कार्ड के लिये भी उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस जारी किया जाएगा।
- उचित मूल्य की दुकान पर विक्रय यंत्र बिंदु के माध्यम से पीडीएस के तहत बायोमेट्रिक आधार पर प्रमाणीकरण के बाद आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाएगा।
- नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाभार्थी देश भर में अपनी सुविधा अनुसार किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन लेने का हकदार होगा। राशन दुकान की सेवाओं को ऑनलाइन या अन्य तंत्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
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हरियाणा एसडीजी ज़िला सूचकांक-2022 जारी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ज़िलों के मध्य प्रगति के मूल्यांकन के लिये ‘हरियाणा एसडीजी ज़िला सूचकांक-2022’ जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘हरियाणा एसडीजीसीसी ज़िला सूचकांक-2022’ को वित्त विभाग और स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान ने तैयार किया है।
- रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव, यूएनडीपी शोको नोडा ने कहा कि ज़िला सूचकांक ज़िलों की प्रगति के मूल्यांकन करने का एक मेनफ्रेम साधन है और इनमें प्रतिस्पर्धा की भावना का संचार करते हुए एसडीजी की प्राप्ति हेतु एविडेंस-ड्राइन कार्रवाई के लिये इनपुट प्रदान करता है।
- इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने बताया कि एसडीजी एक्शन एजेंडे में ज़िलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है और इन्होंने विभिन्न एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्त करना जारी रखा है।
- एसडीजी के नोडल संस्थानों के रूप में, राष्ट्रीय स्तर पर नीति आयोग और राज्य स्तर पर स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान ने ज़िलों के बीच सहयोगात्मक गति के लिये आवश्यक प्रोत्साहन और समर्थन प्रदान किया है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 5 अक्टूबर, 2021 को एक प्रोविजनल ज़िला सूचकांक फ्रेमवर्क जारी किया गया था। यह संबंधित विभागों के साथ उचित परामर्श के बाद तैयार किया गया दूसरा और अपडेट संस्करण है और यह 115 संकेतकों, 62 लक्ष्यों एवं 15 गोल्स पर आधारित है।
- हालाँकि, यह दूसरी रिपोर्ट भी सभी संबंधितों के परामर्श के लिये एक अंतरिम रिपोर्ट है। इस दस्तावेज़ को सभी हितधारकों, मंत्रियों, विधायकों, प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को भेजा जाएगा।
- अंतिम दस्तावेज़ मार्च 2023 में टिप्पणियों, यदि कोई हो, को प्राप्त करने के बाद अन्य रिपोर्टों के साथ लॉन्च किया जाएगा।
- यह दस्तावेज़ प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों और आउट फील्ड अधिकारियों के लिये एसडीजी लक्ष्यों और विज़न 2030 को प्राप्त करने की दिशा में काम करने हेतु एक संदर्भ दस्तावेज़ के रूप में काम करेगा। एसडीजी 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा निर्धारित किये गए थे, जिन्हें 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य है।
- इस इंडेक्स में अंबाला ने 74 के स्कोर के साथ शीर्ष ज़िले के रूप में अपनी रैंक बरकरार रखी। गुरुग्राम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि पंचकूला, करनाल और यमुनानगर तालिका में तीसरे स्थान पर हैं। फरीदाबाद छठे स्थान पर है, कुरुक्षेत्र और सिरसा सातवें स्थान पर हैं।
- लक्ष्य 4 और 6 में ‘फ्रंट रनर’की संख्या सबसे अधिक है, जबकि लक्ष्य 8 में सबसे अधिक ‘आकांक्षी’हैं।
- एसडीजी 4, एसडीजी 10 और एसडीजी 11 में, हरियाणा का स्कोर ‘परफॉर्मर’श्रेणी से ‘फ्रंट रनर’श्रेणी में आ गया है।
गोल के अनुसार टॉप ज़िले |
|
लक्ष्य 1: गरीबी नही |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 2: शून्य भुखमरी |
अंबाला |
लक्ष्य 3: अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण |
कैथल और जींद |
लक्ष्य 4: गुणवत्तायुक्त शिक्षा |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 5: लैंगिक समानता |
चरखी दादरी |
लक्ष्य 6: स्वच्छ जल और सफाई |
रोहतक |
लक्ष्य 7: सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा |
अंबाला |
लक्ष्य 8 : अच्छा काम और आर्थिक विकास |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 9: उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढाँचा |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 10: कम असमानता |
यमुनानगर |
लक्ष्य 11: सतत् शहर और समुदाय |
सिरसा |
लक्ष्य 12: ज़िम्मेदार खपत और उत्पादन |
कुरुक्षेत्र |
लक्ष्य 13: जलवायु कार्रवाई |
यमुनानगर |
लक्ष्य 15: भूमि पर जीवन |
यमुनानगर |
लक्ष्य 16: शांति, न्याय और मज़बूत संस्थाएँ |
पंचकूला |
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हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के परिवारों/दिव्यांग सैनिकों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के संबंध में संशोधित नीति/निर्देशों को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की 21 अक्टूबर, 2021 की घोषणा के अनुसार हरियाणा सरकार ने सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) जो युद्ध/ऑपरेशनल क्षेत्र में, आतंकवादी गतिविधियों और प्राकृतिक आपदाओं आदि में मारे गए/दिव्यांगकर्मियों के लिये निशक्तता के आधार पर अनुग्रह अनुदान की दरों में वृद्धि की है।
- संशोधित दरों के अनुसार, दिव्यांग सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) को 75 प्रतिशत या अधिक निशक्तता के मामले में 35 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जा रही है। इससे पूर्व यह राशि 15 लाख रुपए थी।
- इसी प्रकार, 50 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 25 लाख रुपए तथा 25 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 15 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। पहले यह राशि क्रमश: 10 लाख और 5 लाख रुपए थी।
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