उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में पाँच साल का रोडमैप तैयार, 66 लाख महिलाओं को रोज़गार से जोड़ेगी राज्य सरकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिला सशक्तीकरण के लिये पाँच साल का रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अगले पाँच सालों में करीब 66 लाख महिलाओं को नए समूहों से जोड़ते हुए उन्हें रोज़गार से जोड़ा जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- तैयार रोडमैप के तहत पाँच साल के अंदर राज्य में 5 लाख 50 हज़ार 868 नए आजीविका समूहों का गठन किया जाएगा।
- मिशन द्वारा इस बृहद लक्ष्य को पाने के लिये लक्ष्य को टुकड़ों में बाँटा गया है। इसके लिये छह माह, एक साल, दो साल और पाँच साल में समूहों को बाँट दिया गया है।
- इस लक्ष्य के पूरा होने पर ग्रामीण परिवारों में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग सीधे घर-परिवार के साथ ही गाँव और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देने लगेगा। एक समूह में न्यूनतम 10 से 14 महिलाएँ शामिल की जाती हैं। यदि प्रति समूह 12 महिलाएँ मानें तो पाँच साल में जो नए समूह बनाए जाएंगे, उनसे सीधे तौर पर 66 लाख 10 हज़ार 416 महिलाएँ जुड़ेंगी।
- वर्तमान में राज्य में 4 लाख 81 हज़ार 793 स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत् हैं। इनमें से 3 लाख 54 हज़ार 489 समूहों को समूह की गतिविधियाँ शुरू करने के लिये अब तक चरणबद्ध तरीके से 531.73 करोड़ रुपए रिवाल्विंग फंड के रूप में दिये जा चुके हैं।
- 2 लाख 85 हज़ार 913 समूहों को कम्युनिटी निवेश फंड मुहैया कराने के साथ ही इन समूहों से जुड़ी महिलाओं को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ दिया गया है। आरएफ और सीआईएफ के अलावा एक लाख 81 हज़ार 82 समूहों को कम ब्याज पर बैंकों से ऋण भी दिलाया गया है।
- मिशन निदेशक भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि समूहों की महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों को संबल प्रदान करने के लिये प्रदेश सरकार ने हाल में समूहों को कई अहम योजनाओं से जोड़ने का काम किया है।
- इन योजनाओं में प्रमुख रूप से बीसी सखी, पुष्टाहार निर्माण इकाई, उचित दर की दुकानों का आवंटन, सामुदायिक शौचालय का प्रबंधन, बिजली बिल कलेक्शन, ओजस (सोलर उत्पाद), आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना, मनरेगा में सहभागिता, स्टार्टअप विलेज इंटरप्रोन्योरशिप प्रोग्राम, ड्राइ राशन का वितरण, महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना, फार्म वैल्यू चेन आदि हैं।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बीच हुआ एमओयू
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’और ‘सांस्कृतिक आदान-प्रदान योजना’के तहत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के मध्य करार (एमओयू) किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश के अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली की ओर से सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी के प्रतिनिधि के रूप में निदेशक प्रियंका मिश्रा ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
- इस करार से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के मुख्यालय सहित देश में उसकी सभी संस्थाओं के बीच शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का रास्ता खुल गया है।
- इस कड़ी में सबसे पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की गुजरात इकाई द्वारा गुजरात की रामलीला को अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में भेजने की सहमति हुई है।
बिहार Switch to English
बिहार में सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में लगेगी लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस
चर्चा में क्यों?
28 जुलाई, 2022 को बिहार के परिवहन विभाग ने सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) और इमरजेंसी बटन लगाने का आदेश जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- बिहार के परिवहन विभाग ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश के बाद इसे अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिये भी स्कूल बसों में पैनिक बटन लगाने का निर्देश जारी किया गया है।
- परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार जनवरी, 2019 से पहले पंजीकृत सभी सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में वीएलटीडी तथा इमरजेंसी बटन लगाया जाना अनिवार्य हो गया है।
- अगस्त तक सभी प्राइवेट बसों में भी वीएलटीडी एवं इमरजेंसी बटन लगाया जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिये गाड़ियों में लगाए जाने वाले इस उपकरण हेतु तीन एजेंसियों का चयन किया गया है।
- गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने कुछ माह पहले कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया था, जहाँ से सार्वजनिक परिवहन की सभी गाड़ियों (बस, कैब, टैक्सी) की मानीटरिंग की जाएगी।
- सार्वजनिक वाहनों में सफर करने वाली महिलाएँ या लड़कियाँ खतरे को देखते हुए इमरजेंसी बटन दबाएंगी तो कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में अलार्म बजेगा, जिसके बाद तत्काल पुलिस मदद के लिये पहुँचेगी।
- इसके अलावा इमरजेंसी अलर्ट, ओवर स्पीड और उपकरण के साथ छेड़छाड़ या तोड़े जाने पर भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को अलर्ट प्राप्त होगा। इसकी मदद से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को वाहन की लोकेशन की रियल टाइम जानकारी भी मिलती रहेगी। वाहन मालिक भी इस साफ्टवेयर की मदद से अपने वाहनों की रियल टाइम स्थिति का पता कर सकते हैं।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में संविधान पार्क का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में नवनिर्मित संविधान पार्क का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके अलावा राज्यपाल ने पारंपरिक पशु चिकित्सा पद्धति एवं वैकल्पिक औषधि विज्ञान केंद्र का भी लोकार्पण किया।
- राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि संविधान पार्क विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली युवा पीढ़ी में लोकतांत्रिक आस्था को मज़बूत करने में सहायक होंगे। इससे युवा राष्ट्रबोध से जुड़कर देशहित में अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन हेतु प्रेरित होंगे।
- राज्यपाल ने कहा कि इसके पीछे मूल भावना यह है कि देश के भावी नागरिक इन पार्कों का भ्रमण कर संविधान की उदात्त संस्कृति को प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उनमें मौलिक कर्त्तव्यों, नीति निदेशक तत्त्वों का समावेश हो और वे देश के प्रति ज़िम्मेदारी का अहसास करें।
- विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश कुमार गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय के सार्दुल सदन परिसर में निर्मित संविधान पार्क में संविधान स्तंभ बनाया गया है, जिस पर अशोक चिह्न एवं तिरंगा लगा है। मार्बल के पत्थर पर राज्य के नीति-निदेशक तत्त्व, नागरिकों के मूल अधिकार एवं मूल कर्त्तव्य को अंकित किया गया है। भारतीय संविधान की उद्देशिका पट्टी को मुख्य स्तंभ पर दर्शाया गया है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने जयपुर में बन रहे राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के निर्माण की प्रगति की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सेंटर का काम नवंबर तक पूरा करने के लिये जेडीए टाइमलाइन बनाकर काम करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वस्तर की सुविधाएँ विकसित करने के साथ ही सेंटर का संचालन और रखरखाव भी विश्व स्तर का होना चाहिये। सेंटर ऐसे केंद्र की तरह विकसित हो, जो देश-दुनिया में आइकॉनिक बने।
- उन्होंने कहा कि सेंटर को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की तर्ज़ पर विकसित किया जाए। सेंटर के संचालन के लिये विशेष टीम बनाई जाए, जिसमें इस सेक्टर से जुड़े अनुभवी लोगों को जोड़ा जाए।
- जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन ने बताया कि राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में पूरे प्रदेश की कला स्थापत्य की खूबसूरती एक छत के नीचे दिखेगी।
- यहाँ ऑडिटोरियम, कन्वेंशन हॉल, क्रॉन्फ्रेंस हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ कॉन्फ्रेंस व सेमिनार के आयोजन की विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- ऑडिटोरियम की दीवारें जैसलमेर की पटवाओं की हवेली में बनी जाली पर आधारित होंगी। कन्वेंशन हॉल व प्री-फंक्शन एरिया में सिटी पैलेस के झरोखे व हवामहल की खिड़कियाँ दिखेंगी। मिनी ऑडिटोरियम को मारवाड़ पैटर्न के अनुसार बनाया गया है।
- कॉन्फ्रेंस हॉल को जोधपुर के मारवाड़ स्टाइल में बनाया जा रहा है, जहाँ मंडोर उद्यान के पारंपरिक मेहराब व स्मारक की झलक दिखाई देगी। सेंटर की ई-लाइब्रेरी पूरी तरह आधुनिक रूप में होगी, जहाँ देश और दुनिया की बेहतरीन किताबें उपलब्ध होंगी। सेंटर में लैक्चर रूम्स तथा रेस्टोरेंट्स का निर्माण भी किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश Switch to English
ज़िलेवार वित्तीय समावेशन सूचकांक रिपोर्ट का विमोचन
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा तैयार की गई ज़िलेवार वित्तीय समावेशन सूचकांक रिपोर्ट का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम में नाबार्ड की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
- यह मध्य प्रदेश की यह पहली वित्तीय समावेशन रिपोर्ट है। अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पालिसी एनालिसिस (एग्पा) ने यह रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट प्रदेश के विकास में मार्गदर्शन का काम करेगी।
- भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन ने कहा कि मध्य प्रदेश को वित्तीय समावेशन के लिये 5-सी एप्रोच (कंटेंट, केपेसिटी, कम्युनिटी, कम्युनिकेशन और कोलेबरेशन) को अपनाना चाहिये तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मज़बूत करने पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
- संस्थान की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी.वी. रश्मि ने बताया कि वित्तीय समावेशन सूचकांक वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिये तैयार किया गया है। सूचकांकों में राज्य में वित्तीय समावेशन में हुई प्रगति के मामले तथा मांग और आपूर्ति संकेतकों को शामिल किया गया है।
- वित्तीय समावेशन के स्तर का आकलन करने के लिये वित्तीय सेवाओं के उपयोग में पहुँच, उपयोग के आयामों और बाधाओं का उपयोग किया गया है।
- सूचकांक में वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर शून्य से एक का स्कोर दिया गया है। राज्य ने पिछले 2 वर्षों में अपने वित्तीय समावेशन स्कोर में 0.238 से 0.283 तक सुधार किया है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग सुविधा में शाजापुर, मंडला, बड़वानी, भिंड, मुरैना, सतना, दतिया जैसे 16 ज़िले पिछड़े हुए हैं। इनमें जनजाति बहुल ज़िले ज़्यादा हैं, जबकि भोपाल, इंदौर, रायसेन, धार सहित 17 ज़िलों का प्रदर्शन अच्छा रहा है।
- बैंक में खाता खुलवाने सहित वित्तीय लेन-देन, एटीएम का उपयोग और डिजिटल बैंकिंग की दृष्टि से ज़िलों को तीन श्रेणी (उच्च वित्तीय समावेशन ज़िले, मध्यम वित्तीय समावेशन ज़िले और कम वित्तीय समावेशन ज़िले) में वर्गीकृत कर रिपोर्ट तैयार की गई है।
- इस रिपोर्ट का औसत सूचकांक 0.268 रखा गया है। 0.640 के सूचकांक के साथ भोपाल ज़िले ने वित्तीय समावेशन सूचकांक में अग्रणी स्थान हासिल किया है। इस श्रेणी में 17 ज़िले हैं, जिन्हें 0.319 से 0.640 अंक हासिल हुए हैं।
- इस अध्ययन में नीति आयोग ने चिह्नित आकांक्षी ज़िले (विदिशा, राजगढ़, दमोह, गुना, छतरपुर, खंडवा, बड़वानी और सिंगरौली) की स्थिति भी प्रस्तुत की है।
- उच्च वित्तीय समावेशन ज़िले : भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, हरदा, धार, जबलपुर, सीहोर, उज्जैन, रतलाम, ग्वालियर, नीमच, देवास, रायसेन, छिंदवाड़ा, झाबुआ, नरसिंहपुर और राजगढ़।
- मध्यम वित्तीय समावेशन ज़िले : शहडोल, बालाघाट, दमोह, सागर, मंदसौर, कटनी, पन्ना, सीधी, छतरपुर, अनूपपुर, बैतूल, विदिशा, उमरिया, सिवनी, अशोकनगर, गुना और खरगौन ज़िले शामिल हैं। इन ज़िलों ने 0.229 से 0.316 अंक प्राप्त किये हैं।
- कम वित्तीय समावेशन ज़िले : शाजापुर, मंडला, बड़वानी, खंडवा, दतिया, डिंडोरी, सतना, टीकमगढ़, श्योपुर, आलीराजपुर, बुरहानपुर, रीवा, शिवपुरी, सिंगरौली, भिंड और मुरैना ज़िले शामिल हैं। इन ज़िलों ने 0.101 से 0.222 अंक प्राप्त किये हैं।
- अध्ययन में बताया गया है कि बैंक अधिकारियों से बातचीत में अनिच्छा के चलते जनजातीय समाज के लोग बैंक जाने से बचते हैं। ग्राहक सेवा केंद्रों से भी उनके संबंध अच्छे नहीं बन पा रहे हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
आईटीसीटीए कॉन्क्लेव चंडीगढ़ में मध्य प्रदेश ने जीते 2 अवार्ड
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को चंडीगढ़ में इंटरनेशनल टूरिज्म कॉन्क्लेव एंड ट्रैवल अवार्ड के 8वें संस्करण में मध्य प्रदेश टूरिज्म ने राष्ट्रीय स्तर के दो अवार्ड जीते।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश पर्यटन को अपने फेयर्स फेस्टिवल्स को बढ़ावा देने एवं मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को वेल मेंटेंड होटल्स के लिये अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- मध्य प्रदेश पर्यटन की ओर से उप संचालक युवराज पडोले एवं महाप्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अवार्ड प्राप्त किये।
- उप संचालक (आयोजन और विपणन) टूरिज्म बोर्ड युवराज पडोले ने पीपीटी से प्रदेश के पर्यटन गंतव्यों एवं टूरिस्ट आकर्षण के अन्य पहलुओं का संक्षिप्त विवरण दिया।
- उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में वन्य-जीव सफारी, प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियाँ, कैम्पिंग, वाटर स्पोर्ट, स्वादिष्ट व्यंजन, विरासत स्थल, जनजातीय संस्कृति, हस्तशिल्प, वेलनेस तथा माइंडफुल पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं।
हरियाणा Switch to English
वित्त विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका ‘वित्त विभाग बुलेटिन’जारी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वित्त विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका ‘वित्त विभाग बुलेटिन’जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तिका का उद्देश्य हरियाणा सरकार के सभी विभागों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को सुविधाजनक बनाना और उन्हें सतत् विकास लक्ष्यों के विभिन्न संकेतकों में उनके प्रदर्शन का आकलन करने के लिये मानदंड प्रदान करना है।
- इस बुलेटिन में समय-समय पर विभाग द्वारा जारी निर्देश और अधिसूचनाएँ शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य के बजट आवंटन के साथ-साथ सतत् विकास लक्ष्यों के विभिन्न संकेतकों में ज़िलों और विभागों के प्रदर्शन से संबंधित डाटा को भी शामिल किया गया है।
- इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने कहा कि यह दस्तावेज़ एक एकल डिपॉजिटरी के इरादे से संकलित किया गया है, जहाँ वित्त विभाग द्वारा जारी सभी निर्देश और अधिसूचनाएँ एकसाथ एक स्थान पर मिल सकेंगी।
हरियाणा Switch to English
'हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022’ को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022’ की स्वीकृति के संबंध में एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत उचित मूल्य की दुकान जारी करने के लिये 33% महिला आरक्षण दिया जाएगा। उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस कम-से-कम 300 लाभार्थियों के राशन कार्ड के लिये दिया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्देश्य के लिये एक गाँव को एक इकाई के रूप में माना जाएगा। गाँव के 300 से कम राशन कार्ड के लिये भी उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस जारी किया जाएगा।
- उचित मूल्य की दुकान पर विक्रय यंत्र बिंदु के माध्यम से पीडीएस के तहत बायोमेट्रिक आधार पर प्रमाणीकरण के बाद आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जाएगा।
- नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत लाभार्थी देश भर में अपनी सुविधा अनुसार किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन लेने का हकदार होगा। राशन दुकान की सेवाओं को ऑनलाइन या अन्य तंत्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा एसडीजी ज़िला सूचकांक-2022 जारी
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ज़िलों के मध्य प्रगति के मूल्यांकन के लिये ‘हरियाणा एसडीजी ज़िला सूचकांक-2022’ जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘हरियाणा एसडीजीसीसी ज़िला सूचकांक-2022’ को वित्त विभाग और स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान ने तैयार किया है।
- रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव, यूएनडीपी शोको नोडा ने कहा कि ज़िला सूचकांक ज़िलों की प्रगति के मूल्यांकन करने का एक मेनफ्रेम साधन है और इनमें प्रतिस्पर्धा की भावना का संचार करते हुए एसडीजी की प्राप्ति हेतु एविडेंस-ड्राइन कार्रवाई के लिये इनपुट प्रदान करता है।
- इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने बताया कि एसडीजी एक्शन एजेंडे में ज़िलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है और इन्होंने विभिन्न एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्त करना जारी रखा है।
- एसडीजी के नोडल संस्थानों के रूप में, राष्ट्रीय स्तर पर नीति आयोग और राज्य स्तर पर स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान ने ज़िलों के बीच सहयोगात्मक गति के लिये आवश्यक प्रोत्साहन और समर्थन प्रदान किया है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 5 अक्टूबर, 2021 को एक प्रोविजनल ज़िला सूचकांक फ्रेमवर्क जारी किया गया था। यह संबंधित विभागों के साथ उचित परामर्श के बाद तैयार किया गया दूसरा और अपडेट संस्करण है और यह 115 संकेतकों, 62 लक्ष्यों एवं 15 गोल्स पर आधारित है।
- हालाँकि, यह दूसरी रिपोर्ट भी सभी संबंधितों के परामर्श के लिये एक अंतरिम रिपोर्ट है। इस दस्तावेज़ को सभी हितधारकों, मंत्रियों, विधायकों, प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को भेजा जाएगा।
- अंतिम दस्तावेज़ मार्च 2023 में टिप्पणियों, यदि कोई हो, को प्राप्त करने के बाद अन्य रिपोर्टों के साथ लॉन्च किया जाएगा।
- यह दस्तावेज़ प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों और आउट फील्ड अधिकारियों के लिये एसडीजी लक्ष्यों और विज़न 2030 को प्राप्त करने की दिशा में काम करने हेतु एक संदर्भ दस्तावेज़ के रूप में काम करेगा। एसडीजी 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा निर्धारित किये गए थे, जिन्हें 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य है।
- इस इंडेक्स में अंबाला ने 74 के स्कोर के साथ शीर्ष ज़िले के रूप में अपनी रैंक बरकरार रखी। गुरुग्राम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि पंचकूला, करनाल और यमुनानगर तालिका में तीसरे स्थान पर हैं। फरीदाबाद छठे स्थान पर है, कुरुक्षेत्र और सिरसा सातवें स्थान पर हैं।
- लक्ष्य 4 और 6 में ‘फ्रंट रनर’की संख्या सबसे अधिक है, जबकि लक्ष्य 8 में सबसे अधिक ‘आकांक्षी’हैं।
- एसडीजी 4, एसडीजी 10 और एसडीजी 11 में, हरियाणा का स्कोर ‘परफॉर्मर’श्रेणी से ‘फ्रंट रनर’श्रेणी में आ गया है।
गोल के अनुसार टॉप ज़िले |
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लक्ष्य 1: गरीबी नही |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 2: शून्य भुखमरी |
अंबाला |
लक्ष्य 3: अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण |
कैथल और जींद |
लक्ष्य 4: गुणवत्तायुक्त शिक्षा |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 5: लैंगिक समानता |
चरखी दादरी |
लक्ष्य 6: स्वच्छ जल और सफाई |
रोहतक |
लक्ष्य 7: सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा |
अंबाला |
लक्ष्य 8 : अच्छा काम और आर्थिक विकास |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 9: उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढाँचा |
गुरुग्राम |
लक्ष्य 10: कम असमानता |
यमुनानगर |
लक्ष्य 11: सतत् शहर और समुदाय |
सिरसा |
लक्ष्य 12: ज़िम्मेदार खपत और उत्पादन |
कुरुक्षेत्र |
लक्ष्य 13: जलवायु कार्रवाई |
यमुनानगर |
लक्ष्य 15: भूमि पर जीवन |
यमुनानगर |
लक्ष्य 16: शांति, न्याय और मज़बूत संस्थाएँ |
पंचकूला |
हरियाणा Switch to English
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) के परिवारों/दिव्यांग सैनिकों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के संबंध में संशोधित नीति/निर्देशों को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री की 21 अक्टूबर, 2021 की घोषणा के अनुसार हरियाणा सरकार ने सशस्त्र बल (सेना, नौसेना और वायु सेना) जो युद्ध/ऑपरेशनल क्षेत्र में, आतंकवादी गतिविधियों और प्राकृतिक आपदाओं आदि में मारे गए/दिव्यांगकर्मियों के लिये निशक्तता के आधार पर अनुग्रह अनुदान की दरों में वृद्धि की है।
- संशोधित दरों के अनुसार, दिव्यांग सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) को 75 प्रतिशत या अधिक निशक्तता के मामले में 35 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जा रही है। इससे पूर्व यह राशि 15 लाख रुपए थी।
- इसी प्रकार, 50 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 25 लाख रुपए तथा 25 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 15 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। पहले यह राशि क्रमश: 10 लाख और 5 लाख रुपए थी।
झारखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने राँची के धुर्वा में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का किया शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड को निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने, निर्यात व्यवसाय को गति देने एवं बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से राजधानी राँची में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के शिलान्यास समारोह में जुडको और सिडबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इसके ज़रिये राज्य में औद्योगिक संरचना को विकसित करने और उद्योग लगाने वालों को सिडबी के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण में जुडको परियोजना के निष्पादन के लिये एक तकनीकी और कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियाँ एक ही छत के नीचे संचालित होंगी। यह सेंटर यहाँ की आर्थिक गतिविधियों को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।
- राज्य सरकार ने निर्यात संबंधी गतिविधियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिये राज्य निर्यात संवर्धन समिति और ज़िला निर्यात संवर्धन समिति का गठन किया है।
- विदित है कि झारखंड देश में सबसे अधिक रेशम का उत्पादन करता है, जिसका देश के कुल उत्पादन में4% हिस्सा है। वर्ष 2020-21 में राज्य से कुल निर्यात 1,622.31 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। राज्य से निर्यात 2021-22 (फरवरी 2022 तक) में 2,201.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- राज्य से निर्यात की जानेवाली प्रमुख वस्तुओं में लोहा, इस्पात, ऑटो पार्ट्स, लोहा और इस्पात के उत्पाद हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड से लौह और इस्पात का कुल निर्यात367 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो कुल निर्यात का 62.1% रहा। लाख का उत्पादन करने वाले कुल 5 राज्यों में से 53% उत्पादन झारखंड करता है।
- झारखंड से निर्यात का 32% दक्षिण एशियाई देश, जैसे- बांग्लादेश, नेपाल को जाता है। राज्य का 25% निर्यात दक्षिण-पूर्व एशियाई बाज़ारों में जाता है। इसमें वियतनाम सबसे ऊपर है। 13% निर्यात इटली जैसे यूरोपीय देशों और 11% चीन जैसे पूर्वी एशियाई बाज़ार में किया जाता है।
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की खासियत-
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतर्राष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएँ एक ही परिसर में मिलेंगी।
- इस सेंटर में व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिषद से जुड़े कार्यालय होंगे। इसके अलावा आयात-निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिये स्थान मुहैया कराया जाएगा। यहाँ करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएँ मिलेंगी।
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से होगा। यह45 एकड़ भूमि में बनेगा। इसकी कुल परियोजना लागत 44.59 करोड़ रुपए होगी।
- यहाँ अंतर्राष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को उनके उत्पादों के प्रदर्शन और उनके प्रचार-प्रसार के लिये भी जगह उपलब्ध कराई जाएगी।
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में कृषि और खाद्य उत्पाद, वस्त्र, तसर उत्पाद तथा इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण 2 सालों में पूरा होगा। यहाँ बहुउद्देशीय सम्मेलन कक्ष, सेमिनार हॉल, आयात-निर्यात बैंक के अलावा कई और सुविधाएँ होंगी।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश में खुलेंगे दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र, 2025 तक ड्रग्स फ्री होगी देवभूमि
चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नार्को समन्वय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिये मिशन मोड में काम करने और राज्य में दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र खोलने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ड्रग्स लेने वाले बच्चों और युवाओं की सही तरीके से काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाए। कॉलेजों में एडमिशन के समय विशेष काउंसिल की जाए।
- उन्होंने कहा कि ड्रग्स लेते हुए पकड़े जाने वाले बच्चों के साथ अपराधियों की तरह बर्ताव न करके उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाए। कॉलेजों में अभिभावक-शिक्षकों की बैठक नियमित रूप से की जाए।
- मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान की नियमित समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित विभागों के सहयोग से एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को सक्रिय किया जाए।
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