उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के दो स्टार्ट-अप यूथ को:लैब नेशनल इनोवेशन डायलॉग 2022 में विजेता बने
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को एड-टेक और जैव विविधता में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के दो स्टार्ट-अप को यूथ को:लैब नेशनल इनोवेशन डायलॉग इंडिया के 5वें संस्करण में विजेता घोषित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि कृषि, एड-टेक, महिलाओं की आजीविका, चक्रीय अर्थव्यवस्था और जैव विविधता में काम करने वाले 9 भारतीय राज्यों के बारह शीर्ष स्टार्ट-अप को यूथ को: लैब नेशनल इनोवेशन डायलॉग इंडिया के 5वें संस्करण में विजेता घोषित किया गया।
- विषयवस्तु ‘जैव विविधता संरक्षण पर केंद्रित फिनटेक समाधान विकसित करना’के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के अमन कुमार के स्टार्ट-अप ‘नट्टी विलेज - मूंगफली में जैविक मूल्य श्रृंखला बनाने के लिये फार्म का प्रबंधन’को विजेता घोषित किया गया।
- इसी तरह विषयवस्तु ‘लाइफ (पर्यावरण के लिये जीवन शैली) के लिये व्यवहारिक सुझाव’ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के संदीप कुमार के स्टार्ट-अप ‘डिजी स्वास्थ्य- ग्रामीण भारत के लिये टेलीमेडिसिन’को विजेता घोषित किया गया।
- प्रत्येक विषयगत क्षेत्र के विजेताओं को 5,000 डॉलर का सीड ग्रांट प्राप्त हुआ; जबकि उपविजेता को 3,000 डॉलर प्रा प्राप्त हुए है। यह वित्त पोषण विजेताओं को अपने विचारों को मूर्त उत्पादों या सेवाओं में ढालने में मदद करेगा।
- विदित है कि यूथ को:लैब इंडिया 2022-23 ने 6 विषयगत क्षेत्रों- युवाओं के लिये डिजिटल और वित्तीय साक्षरता, जेंडर समानता और महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण, जैव विविधता संरक्षण पर केंद्रित फिनटेक समाधान विकसित करना, वित्त में प्रौद्योगिकियों के समाधानों के माध्यम से जैव विविधता के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना, अपसाइक्लिंग नवोन्मेषणों के माध्यम से चक्रीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाना और लाइफ (पर्यावरण के लिये जीवन शैली) के लिये व्यवहारिक सुझाव पर ध्यान केंद्रित किया।
- यूथ को:लैब को 2019 में नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के साथ साझेदारी में भारत में लॉन्च किया गया था। वर्ष 2022-23 के संस्करण में देश भर के 28 राज्यों से 378 आवेदन प्राप्त हुए।
- आवेदनों में से 47 चयनित स्टार्ट-अप को एसडीजी इनोवेटर्स के लिये एक स्टार्ट-अप सपोर्ट प्लेटफॉर्म यूथ को:लैब स्प्रिंगबोर्ड प्रोग्राम के माध्यम से दो महीने के लिये विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष परामर्श और क्षमता-निर्माण सत्र आयोजित किये गए। इन स्टार्ट-अप्स ने इसके बाद मई 2023 में एक प्रतिष्ठित जूरी के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें से 12 विजेताओं का चयन किया गया।
- अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के बारे में:
- स्व-रोज़गार और प्रतिभा उपयोग (सेतु) सहित एआईएम नवोन्मेषण और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार का प्रयास है।
- इसका उद्देश्य विशेष रूप से प्रौद्योगिकी-संचालित क्षेत्रों में विश्व स्तरीय नवोन्मेषण केंद्रों, बड़ी चुनौतियों, स्टार्ट-अप व्यवसायों और अन्य स्व-रोज़गार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये एक मंच के रूप में कार्य करना है।
- यूएनडीपी इंडिया के बारे में:
- यूएनडीपी ने 1951 से भारत में मानव विकास के लगभग सभी क्षेत्रों में काम किया है, जिसमें प्रणाली और संस्थागत मजबूती से लेकर समावेशी विकास और स्थायी आजीविका के साथ-साथ टिकाऊ ऊर्जा, पर्यावरण और लचीलापन शामिल है।
- यूएनडीपी के कार्यक्रम भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ उत्प्रेरक परिवर्तन के वैश्विक विजन को पूरी तरह से समेकित करते हैं। लगभग हर राज्य में 30 से अधिक परियोजनाओं के साथ, यूएनडीपी इंडिया अलग तरीके से विकास करने के लिये पारंपरिक मॉडलों को रूपांतरित कर सतत् विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिये काम करता है।
- सिटी फाउंडेशन के बारे में:
- सिटी फाउंडेशन विश्व में कम आय वाले समुदायों में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये काम करता है। यह ऐसे प्रयासों में निवेश करते हैं जो वित्तीय समावेशन को बढ़ाते हैं, युवाओं के लिये रोज़गार के अवसरों को उत्प्रेरित करते हैं और आर्थिक रूप से जीवंत समुदायों के निर्माण के लिये नए दृष्टिकोण की कल्पना करते हैं।
- सिटी फाउंडेशन का ‘परोपकार से भी अधिक’दृष्टिकोण मिशन को पूरा करने और विचार नेतृत्व और नवोन्मेषण को आगे बढ़ाने के लिये सिटी और उसके लोगों की प्रचुर विशेषज्ञता का लाभ उठाता है।
- यूथ को:लैब के बारे में:
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और सिटी फाउंडेशन द्वारा 2017 में सह-निर्मित, यूथ को:लैब का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिये युवाओं को सशक्त बनाने और उनमें निवेश करने के लिये एक साझा एजेंडा स्थापित करना है ताकि वे नेतृत्व, सामाजिक नवोन्मेषण और उद्यमिता के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) के कार्यान्वयन में तेजी ला सकें।
राजस्थान Switch to English
जोधपुर एवं कोटा में स्थापित होंगे साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटर
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के जयपुर, जोधपुर एवं कोटा मेडिकल कॉलेजों में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटर स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटर स्थापित करने के साथ-साथ इस हेतु आवश्यक फर्नीचर एवं उपकरणों के क्रय की मंजूरी भी दी गई है।
- प्रस्ताव के अनुसार, यह सेंटर चिकित्सा महाविद्यालय/चिकित्सालय में उपलब्ध स्थान पर संचालित किये जाएंगे। प्रत्येक संस्थान के लिये 3 क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, 6 काउंसलर्स, 4 वार्ड बॉय/सिक्योरिटी गार्ड/अटेंडेंट तथा 2 मशीन विद मैन की सेवाएँ अनुबंध पर लेने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की थी।
राजस्थान Switch to English
प्रदेश में तटरक्षक मेडल से अलंकृत सैनिकों को भी मिलेगा सुविधाओं का लाभ
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में तटरक्षक मेडल से अलंकृत सैनिकों को भी राजस्थान शौर्य पुरस्कार (नकद पुरस्कार और भूमि अनुदान) नियम 1966 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा देय सुविधाओं का लाभ देने के संबंध में आवश्यक स्वीकृति प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्ताव के अनुसार, राष्ट्रपति तटरक्षक मेडल (वीरता) धारकों को 6 लाख रुपए नकद एवं 25 बीघा सिंचित भूमि या भूमि के एवज में 25 लाख रुपए नकद दिये जाएंगे।
- इसी प्रकार, तटरक्षक मेडल (वीरता) धारकों को 30 हज़ार रुपए नकद एवं 25 बीघा सिंचित भूमि या भूमि के एवज में 25 लाख रुपए नकद राशि दी जाएगी। पदकधारकों को ये लाभ 26 जनवरी, 1990 से देय होंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में विद्युत वितरण कंपनियों के लिये 24 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी की स्वीकृति के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण मदों में स्वीकृति दी गई।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में 33 सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के लिये अनुमानित लागत 1335 करोड़ 20 लाख रुपए में निर्माण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। सी.एम. राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 विद्यालय विकसित किये जा रहे हैं।
- मंत्रिपरिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये ‘अटल गृह ज्योति योजना’में स्वीकृत सब्सिडी एवं विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को सब्सिडी देते हुए इसके एवज में विद्युत वितरण कंपनियों को विभिन्न श्रेणियों में 24 हज़ार 196 करोड़ 47 लाख रुपए की सब्सिडी स्वीकृति दी गई।
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में अधो-संरचना विकास के लिये ‘मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना’चतुर्थ चरण को दो वर्षों (वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25) के लिये 1700 करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृति प्रदान की।
- मंत्रि-परिषद द्वारा खरगोन, धार, भिंड, बालाघाट, टीकमगढ़ तथा सीधी ज़िलों में 100 एम.बी.बी.एस सीटों की प्रवेश क्षमता वाले नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जाने के लिये सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।
- ‘दीनदयाल रसोई योजना’ में पूर्व में स्थापित 100 रसोई केंद्रों के अतिरिक्त, 20 नवीन स्थायी रसोई केंद्र तथा ऐसे लोगों की मदद के लिये जो स्थायी रसोई केंद्रों पर नहीं पहुँच पाते हैं, उनके लिये 16 नगर निगमों तथा पीथमपुर एवं मंडीदीप में कुल 25 नवीन चलित रसोई केंद्र, इस प्रकार कुल 45 नवीन रसोई केंद्र खोले जाने एवं मात्र रुपए 5 प्रति व्यक्ति की दर से रसोई में भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा केंद्र/राज्य शासन की संस्थाओं द्वारा भारत सरकार की ‘प्राइस सपोर्ट स्कीम’में प्रदेश के कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिसूचित कृषि उपज के उपार्जन पर मंडी शुल्क की छूट के साथ निराश्रित शुल्क के भुगतान पर भी छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्राइस सपोर्ट स्कीम में वर्ष 2022 (विपणन मौसम 2022-23) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूँग एवं ग्रीष्मकालीन उड़द पर भी निराश्रित शुल्क में छूट प्रदान की गई है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा सीप-अंबर काम्पलेक्स सिंचाई परियोजना फेस-2 लागत राशि 190 करोड़ 11 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना से सीहोर ज़िले की भैरूंदा तहसील के 24 ग्रामों की 13 हज़ार 457 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।
- मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में 19 अगस्त, 2013 से संचालित ‘मध्य प्रदेश पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’को 31 मार्च, 2019 के पश्चात् से निरंतर बनाए रखते हुए आगामी पाँच वर्ष तक निरंतर संचालित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
- मंत्रि-परिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड छ. क्रमांक 4 के परिशिष्ट-1 (एक) (ख) की तालिका में केले की फसल हानि पर वर्तमान में आर्थिक अनुदान सहायता के लिये निर्धारित मापदंडों में संशोधन को मंजूरी दी गई।
- केले की फसल में 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर 30 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि, 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 54 हज़ार रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि एवं 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 2 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि करने की स्वीकृति दी गई।
- आर्थिक अनुदान सहायता राशि की अधिकतम देय सीमा 3 लाख रुपए के स्थान पर 6 लाख रुपए से अधिक नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
स्वास्थ्य विभाग और टाटा ट्रस्ट ने मिलकर राज्य के 23 शहरी पीएचसी को बनाया मॉडल हमर अस्पताल
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था सीआईएनआई (Collectives for Integrated Livelihood Initiatives) ने मिलकर प्रदेश के 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित किया है।
प्रमुख बिंदु
- इन मॉडल हमर अस्पताल से स्थानीय लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ मिल रही हैं। इन 23 में से 14 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण पत्र से नवाज़ा जा चुका है।
- टाटा ट्रस्ट ने नवा रायपुर के श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के साथ मिलकर जन्मजात हृदय रोगों (Congenital Heart Disease) से पीड़ित बच्चों की स्क्रीनिंग एवं इलाज में भी सहयोग प्रदान किया है। ट्रस्ट के सहयोग से एक हज़ार बच्चों के ऑपरेशन हुए हैं।
- ट्रस्ट की मदद से चार शहरों जगदलपुर, बिलासपुर, राजनांदगाँव और रायपुर में जन्मजात हृदय रोगों के स्क्रीनिंग सेंटर भी संचालित हो रहे हैं।
- सीआईएनआई द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित मॉडल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और टाटा ट्रस्ट की सीएचडी परियोजना का समापन कार्यक्रम आज नवा रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित किया गया।
- अस्पताल स्टॉफ के लिये ‘वर्कप्लेस हैप्पीनेस (Workplace Happiness)’ पर कार्यशाला के साथ ही ‘शहरी आबादी के बीच प्रायमरी हेल्थ केयर’विषय पर पैनल डिस्कशन भी इस दौरान आयोजित किया गया।
- कार्यक्रम में सीआईएनआई द्वारा तैयार छत्तीसगढ़ में आदर्श हमर अस्पताल परियोजना पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
- विदित है कि राज्य शासन के साथ साझेदारी में टाटा ट्रस्ट द्वारा छत्तीसगढ़ हेल्थ सिस्टम्स स्ट्रेंथनिंग इनिशिएटिव (Chhattisgarh Health Systems Strengthening Initiative) के अंतर्गत वर्ष 2019 से मॉडल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परियोजना संचालित की जा रही थी।
- इसके तहत राज्य के 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के अनुकूल मॉडल टीकाकरण कक्ष, रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य केंद्र, डिजिटल तकनीकों के उपयोग, फॉर्मेसी सुदृढ़ीकरण, जाँच व दवाईयों की संख्या बढ़ाने तथा वहाँ कार्यरत स्टॉफ की कार्यदक्षता बढ़ाकर मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है।
- राज्य के अन्य शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी इसी तर्ज पर मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। टाटा ट्रस्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी के लिये सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत जन्मजात हृदय रोगों (सीएचडी) से पीड़ितों की शीघ्र पहचान और उपचार के लिये भी श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के साथ मिलकर काम किया है।
- मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित अस्पताल-
- रायपुर के भनपुरी, भाठागाँव, लाभांडी, राजातालाब, गुढ़ियारी, आमासिवनी, मठपुरैना, हीरापुर, कांशीराम नगर, देवपुरी और गोगाँव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,
- दुर्ग ज़िले के बैकुंठधाम, न्यू खुर्सीपार, पोटिया कला और चरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
- बिलासपुर ज़िले के गांधी चौक और राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,
- कोरबा ज़िले के ढोढ़ीपारा और गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,
- कबीरधाम ज़िले का बूढ़ा महादेव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,
- अंबिकापुर ज़िले का नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,
- कांकेर ज़िले का श्री राम नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,
- उपरोक्त में से भनपुरी, भाठागाँव, राजातालाब, आमासिवनी, मठपुरैना, हीरापुर, चरोदा, गांधी चौक और राजकिशोर नगर, ढोढ़ीपारा और गोपालपुर, बूढ़ा महादेव, नवापारा, तथा श्री राम नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण-प प्रदान किया गया है।
झारखंड Switch to English
निरंजन कुजूर की विज्ञापन फिल्म ‘दि स्पिटिंग वॉल’को मिला ABBY'S Award
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के युवा फिल्मकार निरंजन कुजूर के विज्ञापन फिल्म ‘दि स्पिटिंग वॉल’को विज्ञापन जगत का प्रतिष्ठित पुरस्कार एबिज अवॉर्ड (ABBY’S Award) गोवा फेस्ट के दौरान दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह अवॉर्ड एडवरटाइजिंग क्लब के 54वें संस्करण में दिया गया। विज्ञापन जगत में इसे साउथ एशिया का का सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है।
- निरंजन कुजूर की यह एड फिल्म ‘नो टोबैको डे’के दिन रिलीज हुई। यह एक डिजिटल एड फिल्म है जिसे सोशल मीडिया में साल 2022 में रिलीज किया गया था।
- निरंजन कुमार ने बताया कि ‘दि स्पिटिंग वॉल’विज्ञापन को डाबर रेड पेस्ट के सहयोग से बनाया गया है।
- एड फिल्म को स्पेशलिस्ट कैटेगरी में कॉउज मार्केटिंग के लिये पुरस्कार दिया गया। एड फिल्म की शूटिंग कोलकाता और नोएडा में हुई है।
- एड फिल्म का उद्देश्य पान-गुटखा खाने वाले को जागरूक करना है। एक कृत्रिम वॉल को जरिया बनाकर बहुत ही खूबसूरती के साथ इस विज्ञापन में आम लोगों को तंबाकू सेवन से बचने की सलाह दी गई है।
- निरंजन वर्ष 2020 से एड फिल्म बना रहा है। अब तक उसने पाँच एड फिल्म बनाई है, जिसमें से दो को अवार्ड मिला है।
- ‘दि स्पिटिंग वॉल’ को अब तक दो पुरस्कार मिल चुके हैं। एड गली का मोबेक्स अवॉर्ड भी इस फिल्म को मिला है। इसके अलावा ‘डाबर रत्नप्राश’ को इकोनोमिक्स टाइम्स का बेस्ट यूज्ड ऑफ कंटेंट मार्किटिंग का अवार्ड भी मिला है।
- विदित है कि राज्य के युवा फिल्मकार निरंजन कुजूर की कुडुख भाषा में बनी फिल्म ‘एड़पा काना’को नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट ऑडियोग्राफी के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
- उल्लेखनीय है कि निरंजन कुजूर झारखंड के लोहरदगा ज़िले के रहने वाले निदेशक और पटकथा लेखक हैं। अब तक निरंजन ने कुड़ुख, हिन्दी, बांग्ला और संताली भाषा में फिल्म बनाई है।
- हाल ही में निरंजन ने बांग्ला में शार्ट फिल्म ‘तीरे बेंधो ना’बनाई है, जिसे केरल के IDSFFK aur SiGNS फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। उसके बाद इसे कोलकाता में South Asian Short Film Festival (SASFF) में भी दिखाया जाएगा।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश में दो नए शहरों को बसाने का रास्ता साफ
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में किच्छा के निकट पराग फार्म व डोईवाला के निकट दो नए शहर बसाने को केंद्र सरकार ने प्रारंभिक तौर पर हरी झंडी दिखा दी है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि दो नए शहर बसाने के संबंध में राज्य सरकार से जो जानकारियाँ मांगी गई थीं, वह केंद्र को उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, जिसके बाद जल्द ही इन दोनों शहरों को बसाने के लिये केंद्र की मंजूरी मिल सकती है।
- उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र से इस संबंध में अनुरोध करते हुए 1100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया था। इनमें एक शहर प्रदेश के उधमसिंह नगर ज़िले के किच्छा के निकट पराग फार्म की भूमि पर इंडस्ट्रियल सिटी के नाम से 378.50 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा।
- इसके अलावा दूसरी टाउनशिप, डोईवाला के निकट दून-हरिद्वार हाईवे पर एयरो सिटी के नाम से बनेगी। इंटिग्रेटेड टाउनशिप के नाम से यह शहर 3080.8 भूमि पर बनाया जाएगा। इसमें 746.98 हेक्टेयर सरकारी भूमि और 2333.81 हेक्टेयर निजी भूमि होगी।
- आवास विभाग इन सभी शहरों में सुविधाएँ देगा। इनमें सड़क, सीवर से लेकर अत्याधुनिक शहरों जैसी सभी सुविधाएँ शामिल होंगी।
- टाउन प्लानिंग विभाग की मदद से इन शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इसी हिसाब से निजी सहभागिता से शहरों को बनाने का काम होगा। सरकार इनमें कुछ अपनी जमीन भी देगी।
बिहार Switch to English
बिहार में बन रहा देश का दूसरा सबसे बड़ा हड्डी अस्पताल
चर्चा में क्यों?
29 जून, 2023 को बिहार की राजधानी पटना के राजवंशीनगर में स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) हड्डी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि हड्डी रोगियों के लिये बेड की कमी के मद्देनज़र पटना में देश के दूसरे सबसे बड़े हड्डी अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया है, यह अस्पताल 400 बेड का होगा।
प्रमुख बिंदु
- राजधानी पटना के राजवंशीनगर में स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में 400 बेड के अस्पताल के अलावा एक स्पाइन अस्पताल का भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अब मरीजों को एलएनजेपी अस्पताल में ही सुपर स्पेशलिटी सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।
- इसके बनने के बाद मरीजों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब यहाँ एक छत के नीचे सभी तरह की आधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी। जाँच से लेकर इलाज व ऑपरेशन सभी नि:शुल्क किया जाएगा।
- विदित है कि अस्पताल के शिलान्यास के करीब दो साल बाद निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है। दो बार टेंडर निकाला गया, लेकिन गड़बड़ियों के कारण दोनों बार टेंडर बीएमआईसीएल की ओर से रद्द कर दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि राज्य का यह पहला और देश का दूसरा सबसे बड़ा हड्डी और स्पाइन का अस्पताल होगा। इससे बड़ा हरियाणा के गुरुग्राम में 400 से अधिक बेड वाला एक हॉस्पिटल है, जहाँ सिर्फ हड्डी और स्पाइन की इलाज की सुविधा है।
- नये अस्पताल में एक छत के नीचे सभी तरह की सुविधाएँ मरीजों को मिलेंगी। यहाँ मॉड्यूलर ओटी, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे मशीन, एमआरआई, मैमोग्राफी समेत फिजियोथेरेपी के लिये आधुनिक उपकरण जैसे शार्टवेब डायथर्मी, माइक्रोवेव डायथर्मी आदि की व्यवस्था होगी।
- अस्पताल का भवन निर्माण कैंपस में उपलब्ध ज़मीन पर ही होगा। इसका निर्माण कुल 3,39551 वर्गफुट में होगा। इसके निर्माण पर 215 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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