दुनिया की सबसे ऊँची सड़क ‘उमलिंगला’ पर पहुँचने वाली छपरा की सबिता बनीं पहली महिला साइकिलिस्ट | बिहार | 30 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
28 जून, 2022 को बिहार के छपरा ज़िले की सबिता महतो दुनिया की सबसे ऊँची सड़क उमलिंगला पर साईकिल से सफर तय करने वाली दुनिया की पहली महिला साइकिलिस्ट बन गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- सबिता ने उमलिंगला तक पहुँचने के लिये रोथन ला, बारालाचाला, नाकिला, लाचुनला, तनलंगला और नोरबुला को पार किया है।
- उल्लेखनीय है कि भारत के सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 2020 में चीन की सीमा के पास लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊँची सड़क उमलिंगला बनाई है, जिसे 2021 में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। यह सड़क पूर्वी लद्दाख के उमलिंगाला दर्रे में स्थित है। इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 19,300 फीट है।
- सबिता महतो ने अपनी यह यात्रा नई दिल्ली से 5 जून को शुरू की और 28 जून को उमलिंगला पहुँचकर खत्म की। इस यात्रा को रोडिक ने स्पांसर किया था। सबिता ज़ल्द गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिये अप्लाई करेंगी।
- विदित है कि सबिता ने टाटा स्टील में नौकरी छोड़कर साइकिलिंग करने का मन बनाया। उन्होंने ऑल इंडिया ट्रैवलिंग के दौरान 12,500 किलोमीटर की दूरी तय की है। वह पहली भारतीय लड़की हैं, जिन्हें 12,500 किलोमीटर की यात्रा तय करने का खिताब मिला है। वे विभिन्न राज्यों के अलावा अन्य देश, जैसे- श्रीलंका, भूटान, नेपाल समेत पूरे देश का भ्रमण कर चुकी हैं। अभी तक साइकिल से उन्होंने कुल मिलाकर 35,000 किलोमीटर की दूरी तय की है।
एयरपोर्ट की तर्ज़ पर मुजफ्फरपुर सहित 12 रेलवे स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय | बिहार | 30 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ बीरेंद कुमार ने बिहार राज्य में स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिये पूर्व मध्य रेलवे के 12 स्टेशनों को चिह्नित करने की जानकारी दी है।
प्रमुख बिंदु
- इन 12 स्टेशनों में सोनपुर मंडल के मुज़फ्फरपुर, बेगूसराय एवं बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतिहारी, दानापुर मंडल के राजेंद्रनगर एवं बक्सर, पं. दीनदयाल उपाध्याय मंडल के गया व पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तथा धनबाद मंडल के धनबाद एवं सिंगरौली का चयन किया गया है।
- इन सभी चिह्नित स्टेशनों के पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पुनर्विकास से जुड़े कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्राप्त होंगी।
- इस योजना के तहत 400 करोड़ रुपए की राशि से मुज़फ्फरपुर जंक्शन का निर्माण होगा।
- पुनर्विकास के बाद मुज़फ्फरपुर स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा। पुनर्विकास के उपरांत यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार का सृजन होगा, जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।
- स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए तथा उन्हें अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहाँ वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी। स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाये जाएंगे, ताकि एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो। यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे। इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेषरूप से लाभान्वित होंगे।
- विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकास के उपरांत रेल यात्रियों के स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिये अलग-अलग व्यवस्था के तहत आगमन भवन एवं प्रस्थान भवन के निर्माण हेतु अलग भवन का निर्माण किया जाएगा।
- स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिनसे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े। वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिये 2.35 गुना अधिक जगह तथा पार्क़िग एरिया के लिये 4.9 गुना अधिक जगह उपलब्ध होगी।
- इसके अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएँ, ग्रीन ऊर्जा के लिये स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान, रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान, वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अग्निशमन आदि की व्यवस्था होगी।