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स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

अयोध्या में 300 करोड़ रुपए में बनेगा सबसे लंबा सरयू रिवर फ्रंट

चर्चा में क्यों?

29 जून, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने रामनगरी अयोध्या में सरयू नदी के तट पर दो किलोमीटर लंबा सरयू रिवर फ्रंट बनने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या की नई तस्वीर बदलने की कवायद में पूरी तरह जुट गई है। इसके लिये श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ-साथ सरकार अयोध्या के विकास के लिये ऐसी कई योजनाओं पर काम कर रही है, जिससे शहर का कायाकल्प हो जाए। इस कड़ी में राम की पैड़ी के सौंदर्यीकरण के बाद सरयू किनारे अयोध्या की सरयू रिवर फ्रंट सबसे बड़ी परियोजना है।
  • इस योजना पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने का अनुमान है।
  • इसमें सबसे पहले बीच के जो कच्चे घाट थे, उन्हें 39 करोड़ रुपए की लागत से पक्का किया जा रहा है।
  • इससे न सिर्फ अयोध्या का गौरव बढ़ेगा, बल्कि बाढ़ के समय परेशानियों से लोगों को निजात मिलेगी। साथ ही, पर्यटकों को नई सौगात मिलेगी।
  • सरयू के किनारे नए घाट से लेकर गुप्तार घाट तक कुल 14 प्रमुख घाट हैं। इनमें गुप्तार घाट, कैकई घाट, कौशल्या घाट, लक्ष्मण घाट, पापमोचन घाट, ऋणमोचन घाट, अहिल्याबाई घाट, जटायु घाट, जानकी घाट और नया घाट जैसे कई प्रसिद्ध घाट हैं।
  • गौरतलब है कि 232 करोड़ 56 लाख रुपए की लागत से बनने वाले सबसे लंबे घाट का प्रस्ताव दिसंबर 2020 में सिंचाई विभाग के सरयू नहर खंड ने सरकार को भेजा था।

बिहार Switch to English

दुनिया की सबसे ऊँची सड़क ‘उमलिंगला’ पर पहुँचने वाली छपरा की सबिता बनीं पहली महिला साइकिलिस्ट

चर्चा में क्यों?

28 जून, 2022 को बिहार के छपरा ज़िले की सबिता महतो दुनिया की सबसे ऊँची सड़क उमलिंगला पर साईकिल से सफर तय करने वाली दुनिया की पहली महिला साइकिलिस्ट बन गई हैं।

प्रमुख बिंदु

  • सबिता ने उमलिंगला तक पहुँचने के लिये रोथन ला, बारालाचाला, नाकिला, लाचुनला, तनलंगला और नोरबुला को पार किया है।
  • उल्लेखनीय है कि भारत के सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 2020 में चीन की सीमा के पास लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊँची सड़क उमलिंगला बनाई है, जिसे 2021 में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। यह सड़क पूर्वी लद्दाख के उमलिंगाला दर्रे में स्थित है। इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 19,300 फीट है।
  • सबिता महतो ने अपनी यह यात्रा नई दिल्ली से 5 जून को शुरू की और 28 जून को उमलिंगला पहुँचकर खत्म की। इस यात्रा को रोडिक ने स्पांसर किया था। सबिता ज़ल्द गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिये अप्लाई करेंगी।
  • विदित है कि सबिता ने टाटा स्टील में नौकरी छोड़कर साइकिलिंग करने का मन बनाया। उन्होंने ऑल इंडिया ट्रैवलिंग के दौरान 12,500 किलोमीटर की दूरी तय की है। वह पहली भारतीय लड़की हैं, जिन्हें 12,500 किलोमीटर की यात्रा तय करने का खिताब मिला है। वे विभिन्न राज्यों के अलावा अन्य देश, जैसे- श्रीलंका, भूटान, नेपाल समेत पूरे देश का भ्रमण कर चुकी हैं। अभी तक साइकिल से उन्होंने कुल मिलाकर 35,000 किलोमीटर की दूरी तय की है।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान में बनेगी नई युवा नीति

चर्चा में क्यों?

29 जून, 2022 को राजस्थान के युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना और राजस्थान युवा बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लांबा ने कौशल खेल और कला-संस्कृति को फोकस करते हुए राज्य में नई युवा नीति बनाए जाने की जानकारी दी।

प्रमुख बिंदु

  • इस नई युवा नीति को युवाओं से ब्लॉक स्तर तक संवाद करके तथा इस संवाद में मिलने वाले फीडबैक को राज्य सरकार को प्रस्तुत कर उसके आधार पर बनाया जाएगा।
  • खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करना वर्तमान में सबसे बड़ी ज़रूरत है। इसके लिये युवाओं में कौशल विकास कर उन्हें रोज़गार से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
  • खेलों के माध्यम से भी युवाओं में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। राज्य की छुपी हुई कलाओं को उभारकर युवाओं को सशक्त बनाने में मदद की जा सकती है।
  • इसलिये इन्हीं तीनों विधाओं पर विशेष फोकस करते हुए यूथ बोर्ड के माध्यम से नई युवा नीति को मूर्त रूप दिया जाएगा।
  • चांदना ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं को नशे की बुराई से बचाने के लिये ‘नशा मुक्ति’ अभियान चलाया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि उद्योगों में राज्य के युवाओं को प्राथमिकता से रोज़गार दिलाने की संभावना पर भी विचार किया जाएगा।
  • उन्होंने राज्य में खेलों के विकास का जिक्र करते हुए कहा कि खेल सुविधाओं का व्यापक विस्तार किया गया है और ग्रामीण ओलंपिक खेल के रूप में अनूठी पहल की गई है।
  • राजस्थान युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी बजट युवाकेंद्रित बनाने की घोषणा की है, जो अच्छी पहल है।
  • उन्होंने कहा कि युवा बोर्ड युवाओं के लिये उनकी पसंद की युवा नीति बनवाने पर कार्य कर रहा है। इसके लिये संभाग स्तर और अधिकतर ज़िलों में संवाद कार्यक्रम किये गए हैं, जिनमें हज़ारों युवाओं से इंट्रेक्शन किया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

चुनाव मोबाइल ऐप

चर्चा में क्यों?

29 जून, 2022 को मध्य प्रदेश नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष-2022 के लिये मतदाता एवं अभ्यर्थियों की सुविधा हेतु ‘चुनाव’ मोबाइल ऐप (एंड्राइड आधारित) को अद्यतन (updation) किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस ऐप के माध्यम से चुनाव संबंधी जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
  • राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने जानकारी दी कि ‘चुनाव’ ऐप में मतदाता की जानकारी, महापौर, पार्षद, ज़िला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत सदस्य पद के अभ्यर्थी की जानकारी मय शपथ-पत्र के सार-पत्र अनुसार उपलब्ध है।
  • इस ऐप में महापौर, पार्षद, ज़िला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत सदस्य के निर्वाचन परिणाम भी मिलेंगे।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में गाँवों की तर्ज़ पर शहरी क्षेत्रों को भी लाल डोरा मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने राज्य में गाँवों की तर्ज़ पर शहरी क्षेत्रों को भी लाल डोरा मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य सचिव ने अधिकारियों को गाँव की तर्ज़ पर अब शहरी क्षेत्रों में भी लाल डोरा के अंदर परिसंपत्तियों की मैपिंग और ड्रोन फ्लाइंग इत्यादि की 15 दिनों में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये हैं।
  • अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा तथा प्राइवेट कॉलोनियों में जारी प्रॉपर्टी आईडी का एक मास्टर डाटा तैयार करें, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लग सके।
  • इसके अलावा लाल डोरा की जानकारी सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर समितियों के साथ साझा करें। यदि कहीं किसी प्रकार का कोई बदलाव पाया जाता है तो उसके अनुसार डाटा को अपडेट करें।
  • स्वामित्व योजना के तहत गाँवों में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और प्रॉपर्टी कार्ड बनाने तथा वितरित करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से जारी है। अब इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी लाल डोरा मुक्त करने का कार्य तेज़ी से किया जाएगा, ताकि लोगों को उनका मालिकाना हक मिल सके।
  • गौरतलब है कि लाल डोरा मुक्त योजना की शुरुआत देश में सर्वप्रथम हरियाणा ने ही शुरू की थी, जिसे बाद में देशभर में स्वामित्व योजना के नाम से लागू किया गया। इस महत्त्वाकांक्षी योजना में गाँवों और शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिये क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं।

झारखंड Switch to English

पंचकठिया/बाबूपुर, बरहेट, साहिबगंज में दुग्ध शीतक केंद्र का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

29 जून, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पंचकठिया/बाबूपुर, बरहेट, साहिबगंज में दुग्ध शीतक केंद्र का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन केंद्रों में दुग्ध कलेक्शन कराने वालों दूध की उचित कीमत मिलेगी और राज्य सरकार बाजार मूल्य 2 रुपए प्रति लीटर सम्मान राशि भी देगी।
  • साथ ही, मेधा डेयरी में निर्मित दुग्ध उत्पादों का आँगनबाड़ी केंद्रों में इस्तेमाल किया जाएगा।
  • किसानों और दुग्ध उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में गाँवों में दुग्ध शीतक केंद्र खोले जा रहे हैं।
  • पशुपालकों द्वारा दुग्ध शीतक केंद्रों में जो दूध उपलब्ध कराया जाएगा, उसकी राज्य के बड़े डेयरी प्लांटों में प्रोसेसिंग की जाएगी। इसके उपरांत दूध और दूध से बने उत्पादों को राज्य के हर इलाके में बिक्री के लिये भेजा जाएगा। इन उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध कराने का सरकार काम करेगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण की दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर पर

चर्चा में क्यों?

28 जून, 2022 को विशेष सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ सह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बस्तर के साथ-साथ समूचे छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण की दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर तक पहुँच चुकी है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश में मलेरिया से सबसे ज़्यादा प्रभावित बस्तर संभाग में ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ के पहले पाँच चरणों का व्यापक असर दिखा है। पूरे बस्तर संभाग में प्रथम चरण में मलेरिया सकारात्मकता दर जहाँ 4.6 प्रतिशत दर्ज़ की गई थी। वहीं छठवें चरण में यह घटकर मात्र 0.21 ही रह गई है।
  • ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ के जनवरी 2020 के प्रथम चरण और छठवें चरण को तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो बस्तर ज़िले में पहले चरण में मलेरिया सकारात्मकता दर 2.05 और छठवें चरण में 0.09 प्रतिशत है।
  • इसी प्रकार बीजापुर में पहले चरण में 5.45 और छठवें चरण में 0.44 प्रतिशत, दंतेवाड़ा में 4.69 से 0.41 प्रतिशत, कांकेर में 0.35 से 0.02, कोंडागाँव में 1.30 से 0.05, सुकमा में 5.80 से 0.17 और नारायणपुर में 6.64 प्रतिशत से घटकर 1.90 प्रतिशत तक की कमी आ चुकी है।
  • उल्लेखनीय है कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रथम चरण में 64 हज़ार 646 मलेरिया केस दर्ज़ किये गए थे। वहीं छठवें चरण में केवल 7 हज़ार 170 केस पाए गए हैं, जिनका तुरंत इलाज़ किया जा रहा है।
  • इस अभियान के छठवें चरण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा अब तक 7 लाख 6 हज़ार घरों में पहुँचकर 33 लाख 96 हज़ार 998 लोगों की मलेरिया जाँच की जा चुकी है। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए मरीज़ों का मौके पर ही इलाज़ शुरू किया गया।
  • पूर्व में ‘मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान’ के नाम से संचालित इस अभियान के प्रभाव से वहाँ एपीआई (Annual Parasite Incidence) यानि प्रति एक हज़ार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीज़ों की संख्या में बड़ी कमी आई है।
  • अभियान के अंतर्गत मितानिनों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं द्वारा घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे बस्तर के पहुँच विहीन, दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुँचकर सभी लोगों की आरडी किट से मलेरिया की जाँच की गई। पॉजिटिव पाए गए लोगों को मितानिनों की निगरानी में दवाईयों की पूरी खुराक खिलाई गई।
  • अभियान के दौरान हर घर और हर व्यक्ति की जाँच सुनिश्चित करने के लिये घरों में स्टीकर चस्पा कर जाँच किये गए लोगों के पैर के अंगूठे में निशान लगाकर मार्क़िग की जाती है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से मलेरिया को खत्म करने के लिये ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का छठवाँ चरण 17 मई से शुरू किया गया है। अभियान के असर को देखते हुए राज्य के 21 ज़िलों तक इसका विस्तार किया जा चुका है।
  • इसके तहत छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचलों के साथ समूचे छत्तीसगढ़ में मलेरिया से बचाव हेतु जागरुकता फैलाने संबंधी गतिविधियों की कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है, जिसमें लोगों को मुख्यरूप से मच्छरदानी के प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करना, घरों के आस-पास जमा पानी में, नालियों में डीडीटी/जले हुए तेल का छिड़काव करना, स्वच्छता रखने व घरों के आस-पास मच्छर न पनपने के ज़रूरी उपाय बताए जा रहे हैं।

उत्तराखंड Switch to English

राज्यपाल ने दिलाई नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी को शपथ

चर्चा में क्यों?

28 जून, 2022 को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने राजभवन में उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी को शपथ दिलाई।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने देश के राष्ट्रपति की ओर से न्यायमूर्ति विपिन सांघी को उत्तराखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने से संबंधित अधिसूचना पढ़ी।
  • ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने 17 मई, 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति विपिन सांघी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। विपिन सांघी ने नैनीताल हाईकोर्ट के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा के स्थान पर 12वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है।
  • न्यायमूर्ति विपिन सांघी का जन्म 27 अक्टूबर, 1961 को नागपुर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और सन् 1980 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा सन् 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी गणित (ऑनर्स) से स्नातक किया और उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से एलएलबी की। इसी वर्ष उन्होंने एक वकील के रूप में दिल्ली बार काउंसिल में दाखिला लिया।
  • सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के पैनल वकील के रूप में भी सांघी नियुक्त हुए। वहीं दिसंबर 2005 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। इन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय कानून सम्मेलनों में भाग लिया है।
  • न्यायमूर्ति विपिन सांघी 29 मई, 2006 से दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में तथा 11 फरवरी, 2008 को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 13 मार्च, 2022 से दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।

बिहार Switch to English

एयरपोर्ट की तर्ज़ पर मुजफ्फरपुर सहित 12 रेलवे स्टेशन बनेंगे विश्वस्तरीय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ बीरेंद कुमार ने बिहार राज्य में स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिये पूर्व मध्य रेलवे के 12 स्टेशनों को चिह्नित करने की जानकारी दी है।

प्रमुख बिंदु

  • इन 12 स्टेशनों में सोनपुर मंडल के मुज़फ्फरपुर, बेगूसराय एवं बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतिहारी, दानापुर मंडल के राजेंद्रनगर एवं बक्सर, पं. दीनदयाल उपाध्याय मंडल के गया व पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तथा धनबाद मंडल के धनबाद एवं सिंगरौली का चयन किया गया है।
  • इन सभी चिह्नित स्टेशनों के पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पुनर्विकास से जुड़े कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्राप्त होंगी।
  • इस योजना के तहत 400 करोड़ रुपए की राशि से मुज़फ्फरपुर जंक्शन का निर्माण होगा।
  • पुनर्विकास के बाद मुज़फ्फरपुर स्टेशन उन्नत यात्री सुविधाओं के साथ तकनीक, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक मेल बनेगा। पुनर्विकास के उपरांत यात्रियों को सेवा प्रदान करने की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार का सृजन होगा, जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।
  • स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए तथा उन्हें अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहाँ वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी। स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट एवं प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर एवं लिफ्ट लगाये जाएंगे, ताकि एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो। यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे। इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेषरूप से लाभान्वित होंगे।
  • विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में पुनर्विकास के उपरांत रेल यात्रियों के स्टेशन पर आगमन एवं प्रस्थान के लिये अलग-अलग व्यवस्था के तहत आगमन भवन एवं प्रस्थान भवन के निर्माण हेतु अलग भवन का निर्माण किया जाएगा।
  • स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिनसे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े। वर्तमान की तुलना में मुख्य स्टेशन भवन के लिये 2.35 गुना अधिक जगह तथा पार्क़िग एरिया के लिये 4.9 गुना अधिक जगह उपलब्ध होगी।
  • इसके अतिरिक्त टिकटिंग सुविधा, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएँ, ग्रीन ऊर्जा के लिये स्टेशन भवन पर सौर पैनल का प्रावधान, रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान, वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अग्निशमन आदि की व्यवस्था होगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश में गर्भावस्था के दौरान संस्थागत जाँच और देखभाल में हुई बढ़ोतरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015) और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2020-21) के तुलनात्मक आँकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संस्थाओं में जाँच और देखभाल करवाने वाली गर्भवती माताओं की संख्या में पिछले 5 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज़ की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के प्रतिवेदन में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं में से 75 प्रतिशत ऐसी महिलाएँ हैं, जिनकी गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में स्वास्थ्य संस्था पर जाँच और देखभाल की गई। वर्ष 2015 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 में ऐसी महिलाओं की संख्या 53 प्रतिशत थी।
  • सर्वे-5 के प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि गर्भवती माताओं में से आधे-से-अधिक (58 प्रतिशत) ने प्रसव के पहले 4 अथवा 4 से अधिक बार स्वास्थ्य संस्थाओं में जाँच और देखभाल की सुविधा प्राप्त की। ऐसा करने वाली शहरी महिलाओं की संख्या ग्रामीण महिलाओं की तुलना में अधिक रही।
  • मध्य प्रदेश में 91 प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ हुए। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 की तुलना में हेल्थ सर्वे-5 में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ हुए प्रसवों में वृद्धि 81 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हुई है।
  • उल्लेखनीय है कि मई 2022 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट जारी की गई।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey–NFHS) बड़े पैमाने पर किया जाने वाला एक बहुस्तरीय सर्वेक्षण है, जो पूरे भारत में परिवारों के प्रतिनिधि नमूने के रूप में किया जाता है।

झारखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

29 जून, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डमरूहाट, सुंदरपहाड़ी, गोड्डा में नियुक्ति-पत्रों का वितरण योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन एवं परिसंपत्ति का वितरण किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सुपोषित गोड्डा योजना का शुभारंभ तथा संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया।
  • इस योजना के तहत गोड्डा ज़िले के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति हेतु विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 18001.17 लाख रुपए की 79 योजनाओं का उद्घाटन एवं 12598.28 लाख रुपए की 10 महती योजनाओं का शिलान्यास किया गया।
  • इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा 170 लोगों को विभिन्न विभागों से जुड़े नियुक्ति-पत्र वितरित किया गया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, सोना सोबरण योजना, राशन कार्ड वितरण, मुख्यमंत्री कन्यादान, मुख्यमंत्री रोज़गार सृजन, फूलों-झानों आशीर्वाद योजना समेत अन्य योजनाओं के तहत 2573 लाभुकों के बीच कुल 1767.10 लाख रुपए की परिसंपत्ति का भी वितरण किया गया।
  • मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्यक्रम में गोड्डा की तनु कुमारी, जिन्होंने बोर्ड एग्जाम में 97% लाकर पूरे राज्य में संथाल परगना का नाम रोशन किया है, को सम्मानित किया गया।
  • इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो बच्चे बोर्ड परीक्षाओं में पहले स्थान पर हैं, उन्हें 3 लाख रुपए की राशि, दूसरे स्थान पर 2 लाख और तीसरे स्थान पर 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

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