बीएचयू बना देश का दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय | उत्तर प्रदेश | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को आईआईआरएफ (इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की तरफ से जारी रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को देश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय घोषित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षण संस्थानों में शिक्षण,अनुसंधान गुणवत्ता व उत्पादकता, प्लेसमेंट, उद्योग से जुड़ाव, प्रतिष्ठा व छवि समेत कई मापदंडों को आधार बनाकर आईआईआरएफ रैंकिंग देती है।
- देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में बीएचयू को 1000 में 982.95 अंक दिये गए हैं। पहले स्थान पर आए जेएनयू को 983.12 अंक और तीसरे स्थान पर एएमयू को 982.88 अंक मिले हैं।
- अन्य विशिष्ट विश्वविद्यालयों में जामिया मिलिया इस्लामिया, हैदराबाद विश्वविद्यालय, डीयू और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।
- रैंक तालिका में बीएचयू को प्लेसमेंट और इंटरनेशनल आउटलुक के मामले में जेएनयू से ज्यादा अंक मिले हैं, जबकि शिक्षण, शोध, प्लेसमेंट व्यवस्था में यह मामूली अंतर से टॉप यूनिवर्सिटी से पीछे रहा है। पहले स्थान पर आए जेएनयू से बीएचयू को 0.17 अंक ही कम मिले हैं।
पोषण सूचकांकों में सुधार के लिये खरीदे जाएंगे 16.97 करोड़ रुपए के उपकरण | राजस्थान | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न पोषण वृद्धि निगरानी उपकरण उपलब्ध करवाने के लिये 16.97 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से आंगनबाड़ी केंद्रों में इंफेंटोमीटर, स्टेडियोमीटर, वज़न मापने की मशीन आदि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
- इससे शिशु एवं माताओं के वज़न, लंबाई सहित विभिन्न पोषण सूचकांकों की सटीक जानकारी मिल सकेगी एवं उन्हें वांछित पोषण दिया जा सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
प्रदेश के 23 लाख किसानों को मिलेंगे प्रमुख फसलों के बीज मिनिकिट | राजस्थान | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 23 लाख लघु एवं सीमांत कृषकों को प्रमुख फसलों के प्रमाणित किस्मों के बीज मिनिकिट नि:शुल्क वितरित करने के लिये 128.57 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के प्रत्येक किसान को बीज मिनिकिट में संकर मक्का के 5 किग्रा., सरसों के 2 किग्रा., मूंग व मोठ के 4-4 किग्रा. एवं तिल के 1 किग्रा. प्रमाणित किस्मों के बीज नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
- जनजातीय कृषकों हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा तथा गैर जनजातीय कृषकों हेतु कृषि विभाग द्वारा बीज मिनिकिट की खरीद राजस्थान राज्य बीज निगम/राष्ट्रीय बीज निगम से की जाएगी।
- इन मिनिकिट का वितरण कृषि विभाग द्वारा राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में बीज उत्पादन बढ़ाने तथा लघु और सीमांत किसानों को नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराए जाने के लिये ‘राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन’ चलाया जा रहा है। इस मिशन के उत्कृष्ट परिणामों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
- विदित है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
पर्यटन नगरी खजुराहो में जल प्रदाय का प्रायोगिक परीक्षण प्रारंभ | मध्य प्रदेश | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो और राजनगर में जल प्रदाय व्यवस्था का प्रायोगिक परीक्षण प्रारंभ हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- दोनों नगरों में स्वच्छ जल पहुँचाने के लिये कुटनी डैम पर 10 एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया गया है। दोनों निकायों में जल प्रदाय परियोजना की 10 वर्षों के संचालन और संधारण के साथ संयुक्त रूप से लागत लगभग 69 करोड़ रुपए है।
- खजुराहो और राजनगर में 7 ओव्हर हेड टैंक निर्मित किये गए हैं, हर घर नल से शुद्ध जल पहुँचाने के लिये दोनों नगरों में लगभग 150 किलोमीटर वितरण लाइन बिछाई गई है। खजुराहो में 3500 घर और राजनगर में 2000 घर में नल कनेक्शन दिये गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना में मीटरयुक्त नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं। इसका लाभ यह होगा कि भविष्य में रहवासियों को पानी की उपयोगिता के अनुसार ही भुगतान करना होगा जो कि काफी किफायती रहेगा।
- नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से इन नगरों में जल प्रदाय परियोजना पर कार्य किया गया है।
- इससे अब यहाँ के निवासियों के घरों में शुद्ध जल पहुँच रहा है। पानी के लिये अब लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं है। इससे पानी भरने में व्यर्थ जाने वाले समय का सदुपयोग हो रहा है। पानी का दबाब भी पर्याप्त है, जिससे मोटर लगाने की जरूरत नहीं रहती।
हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने इंटरनेशनल बैकलॉरिएट के साथ साइन किया एमओयू | हरियाणा | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने राज्य में छात्र-छात्राओं को उत्तम गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिये गुरुग्राम ज़िले के पाथवेज स्कूल में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर की उपस्थिति में जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) के इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के शिक्षा स्तर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने के लिये राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड एवं आईबी बोर्ड के साथ एमओयू किया गया है।
- इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को आईबी बोर्ड द्वारा समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे अध्यापन के स्तर में सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी उत्तम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी।
- उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्वीकार्यता होगी। इस दिशा में जल्द ही प्रदेश के विद्यार्थियों को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
- ज्ञातव्य है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वीपी यादव के बेहतर शैक्षणिक, सुधारात्मक व सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण ही बोर्ड नई ऊँचाइयां छू रहा है। बहुत कम समय के कार्यकाल में उन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन, प्रथम बार पाठ्य योजना व चरणबद्ध मूल्यांकन योजना तैयार करवाने जैसी कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
ग्राम पंचायत चंदखुरी में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) स्थापित | छत्तीसगढ़ | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के दुर्ग विकासखंड के ग्राम पंचायत चंदखुरी में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के अंतर्गत 2 करोड़ की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- रीपा के अंदर एक प्रशासनिक क्षेत्र का निर्माण किया गया है, जिसमें बैंकिंग सुविधा हेतु क्योस्क, इंटरनेट सुविधा हेतु वाईफाई कनेक्शन. राज्य शासन की योजनाओं की जानकारी हेतु हेल्पडेस्क का निर्माण किया गया है एवं रीपा परिसर के मध्य में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
- रीपा केंद्र में युवाओं द्वारा पैकेज्ड मिल्क, दही व खोवा उत्पादन किया जाता है। इसके उत्पादन हेतु प्रशासन द्वारा आवश्यक मशीनें रीपा स्थल पर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की मांग के अनुरूप निकट भविष्य में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट में नए उत्पादों को भी स्थान दिया जाएगा।
- इस यूनिट से आसपास के क्षेत्र के कुल 41 लोगों को रोज़गार का अवसर प्रदान किया जाएगा। उद्यम के सफल संचालन के लिये ज़िला प्रशासन द्वारा प्राइवेट कंपनियों के साथ अनुबंध कर लोकल बाज़ारों में बिक्री सुनिश्चित की जा रही है।
- इसके अलावा तैयार उत्पादों को शासकीय विभागों में भी सप्लाई किया जाएगा, ताकि उत्पाद की खपत सुनिश्चित कर कार्य कर रहे श्रमिकों को रोज़गार की गारंटी प्रदान कर उनके भविष्य को आर्थिक दृष्टिकोण से बेहतर और समृद्ध बनाया जा सके।
प्रदेश की 1114 गाँवों में फाइबर टू होम कनेक्शन से फ्री वाईफाई | उत्तराखंड | 30 May 2023
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश की 1114 ग्राम पंचायतों के सभी सरकारी कार्यालयों, निकायों में जल्द ही फ्री वाईफाई की सुविधा मिलेगी। इसके लिये सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) और बीएसएनएल के बीच करार हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि 50 करोड़ की इस परियोजना के लिये बीएसएनएल के साथ करार किया गया है।
- इसके तहत 3090 फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन दिये जाएंगे। साथ ही, अगले पाँच सालों तक इनकी देखरेख भी बीएसएनएल ही सँभालेगा।
- गौरतलब है कि पिछले साल एफटीटीएच योजना के लिये सरकार ने 50 करोड़ का बजट जारी किया था, लेकिन समय से काम शुरू नहीं हो पाया। 31 मार्च के बाद बजट लैप्स होने से बचाने के लिये सरकार ने इस साल दोबारा यह बजट दिया है।
- इस योजना के तहत बीएसएनएल प्रदेश की 1114 ग्राम पंचायतों में एफटीटीएस सेवा देगा। इसके दायरे में उस ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी संस्थानों से लेकर पंचायत घर तक शामिल होंगे। इन सभी जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा मिलेगी।
- विदित हो कि भारत नेट-1 के तहत जिन ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम बीएसएनएल को दिया गया था, उसे तय समय में वह पूरा नहीं कर पाया था।