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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 29 May 2023
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बिहार शिक्षा विभाग और चार NGO के मध्य होगा एमओयू

चर्चा में क्यों?

28 मई, 2023 को बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता और विस्तार के लिये चार स्वयंसेवी संस्थाएँ वित्तीय और तकनीकी मदद मुहैया कराने के लिये शिक्षा विभाग के साथ एमओयू करने जा रही हैं।

प्रमुख बिंदु  

  • इनमें केंद्रीय भंडार नामक संस्था कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों को स्पेशल कंटेंट मुहैया कराएगी, विशेष रूप से क्यूआर कोड से क्रियाशील होने वाली विषय सामग्री उपलब्ध कराएगी।
  • इसके अलावा तीन अन्य संस्थाओं ने बिहार में शिक्षा की बेहतरी के लिये काम करने की इच्छा व्यक्त की है, जिनमें आदित्य बिड़ला ग्रुप की संस्था माइंड स्पार्क भी शामिल है, जो एप के माध्यम से बच्चों का लर्निंग लेवल सुधारने पर काम करने जा रही है। 
  • केंद्रीय भंडार संस्था लर्निंग एप के जरिये विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को मोबाइल एप और पोर्टल के जरिये पठन-पाठन सामग्री उपलब्ध कराएगी। एप राज्य सरकार के सुझाए गए नाम से लॉन्च किया जाएगा। इस पर आने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।  
  • इसी तरह माइंड स्पार्क को निर्देशित किया गया कि पटना ज़िले के जिन कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं, उन विद्यालयों में कार्य करने को लेकर एमओयू लेकर आए। यह संस्था सीखने के स्तर पर कक्षा के अनुरूप करने में सहयोग प्रदान करती है।  
  • बैठक की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिये जेसुइट पीस मिशन काम करेगी। खासतौर पर बोधगया प्रखंड की दो पंचायत इलराह और शेखवारा पंचायत के 13 विद्यालयों में मेडिटेशन और विज़डम ऑफ फॉर ऑल रिलीजियस का प्रशिक्षण दी जाएगी ।
  • जेसुइट पीस मिशन के तहत यह काम बोधगया के जीवन संघम करेगा, जो कि पटना जेसुइट सोयाइटी की चैरिटेबल संस्था है। 
  • इसी तरह एजुकेट इंडिया नाम की संस्था कक्षा तीन से पाँच तक के विद्यार्थियों को प्रारंभिक साक्षरता मुहैया कराएगी। इसके लिये डोर-टू-डोर सर्वेक्षण किया जाएगा। दो से तीन ज़िलों में हेल्प डेस्क भी बनाना प्रस्तावित है। बैठक में एजुकेट इंडिया को निर्देशित किया गया कि एमओयू का ड्रॉफ्ट तैयार करे, इसके बाद उसके प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा।

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ग्रासलैंड एवं वेटलैंड विकास हेतु 50 करोड़ रुपए की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

26 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ग्रासलैंड एवं वेटलैंड विकास के विभिन्न कार्यों हेतु 50 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है। 

प्रमुख बिंदु

  • उक्त स्वीकृत राशि में से प्रदेश के 22 वन मंडलों में 7800 हैक्टेयर क्षेत्रफल में चरागाह विकास एवं वृक्षारोपण कार्यों के लिये 40 करोड़ रुपए, सांभर झील के विकास एवं प्रबंधन के लिये 9 करोड़ रुपए तथा कनवास रेंज (कोटा) के लिये 1 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  
  • यह राशि पर्यावरण प्रबंधन कोष से उपलब्ध करवाई जाएगी। 
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।

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